'राष्ट्रीय सहारा' में 'महफिले शेरो सुखन' के अंतर्गत कृष्ण कुमार यादव की चर्चा
26 जून, 2009 के राष्ट्रीय सहारा अख़बार में लोकप्रिय स्तम्भ 'महफिले शेरो सुखन' के अर्न्तगत मेरी कविताओं पर संपादक नवोदित जी ने चर्चा की ! इसके लिए उनका आभार! ...और आपकी शुभकामनाओं की अपेक्षा !!
16 टिप्पणियां:
आप चर्चा के केंद्र-बिंदु में बने रहें...शुभकामनायें !!
Mubarak ho.
राष्ट्रीय सहारा के कानपुर संसकरण में आज सुबह मैंने भी आपकी कविताओं की चर्चा पढ़ी.ढेरों बधाई और शुभकामनायें.
Nice one...Congts.
प्रशासन में रहकर न सिर्फ साहित्य-रचना बल्कि चर्चा में रहना कोई आपसे सीखे. इस उपलब्धि पर हो जाय कुछ.
राष्ट्रीय सहारा में आपकी चर्चा..आपके कृतित्व की चर्चा...बधाई हो भाई .
Sir! Congratulations.
बहुत अच्छा लिखा है आपके बारे में राष्ट्रीय सहारा अख़बार में . मैंने भी पढ़ा है, मुबारकवाद.
बहुत अच्छा लिखा है आपके बारे में राष्ट्रीय सहारा अख़बार में . मैंने भी पढ़ा है, मुबारकवाद.
बहुत सुंदर बधाई ओर ढेरों शुभकामनायें.
बहुत-बहुत मुबारकबाद
मिलिए अखरोट खाने वाले डायनासोर से
बहुत-बहुत बधाई हो।उपलब्धियों का सिलसिला चलता रहे।
बहुत शुभकामनाएं और बधाई आपको.
रामराम.
ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें! आप बहुत सुंदर लिखते हैं ! इसी तरह से लिखते रहिये!
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