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शुक्रवार, 26 जून 2009

'राष्ट्रीय सहारा' में 'महफिले शेरो सुखन' के अंतर्गत कृष्ण कुमार यादव की चर्चा

26 जून, 2009 के राष्ट्रीय सहारा अख़बार में लोकप्रिय स्तम्भ 'महफिले शेरो सुखन' के अर्न्तगत मेरी कविताओं पर संपादक नवोदित जी ने चर्चा की ! इसके लिए उनका आभार! ...और आपकी शुभकामनाओं की अपेक्षा !!

16 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

आप चर्चा के केंद्र-बिंदु में बने रहें...शुभकामनायें !!

Amit Kumar Yadav ने कहा…

Mubarak ho.

Bhanwar Singh ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Bhanwar Singh ने कहा…

राष्ट्रीय सहारा के कानपुर संसकरण में आज सुबह मैंने भी आपकी कविताओं की चर्चा पढ़ी.ढेरों बधाई और शुभकामनायें.

Akanksha Yadav ने कहा…

Nice one...Congts.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

प्रशासन में रहकर न सिर्फ साहित्य-रचना बल्कि चर्चा में रहना कोई आपसे सीखे. इस उपलब्धि पर हो जाय कुछ.

Shyama ने कहा…

राष्ट्रीय सहारा में आपकी चर्चा..आपके कृतित्व की चर्चा...बधाई हो भाई .

शरद कुमार ने कहा…

Sir! Congratulations.

बेनामी ने कहा…

बहुत अच्छा लिखा है आपके बारे में राष्ट्रीय सहारा अख़बार में . मैंने भी पढ़ा है, मुबारकवाद.

बेनामी ने कहा…

बहुत अच्छा लिखा है आपके बारे में राष्ट्रीय सहारा अख़बार में . मैंने भी पढ़ा है, मुबारकवाद.

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर बधाई ओर ढेरों शुभकामनायें.

Vinay ने कहा…

बहुत-बहुत मुबारकबाद

मिलिए अखरोट खाने वाले डायनासोर से

Anil Pusadkar ने कहा…

बहुत-बहुत बधाई हो।उपलब्धियों का सिलसिला चलता रहे।

प्रकाश गोविंद ने कहा…
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत शुभकामनाएं और बधाई आपको.

रामराम.

Urmi ने कहा…

ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें! आप बहुत सुंदर लिखते हैं ! इसी तरह से लिखते रहिये!