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मंगलवार, 12 दिसंबर 2017

सृजन सेवा संस्थान, श्री गंगानगर द्वारा डाक निदेशक व साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव को "सृजन साहित्य सम्मान"

साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान, समर्पण भाव एवं निरंतर साधना द्वारा समाज को अविरल योगदान देने हेतु चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार एवं सम्प्रति राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव को 3 दिसंबर को सृजन सेवा संस्थान, श्री गंगानगर, राजस्थान द्वारा "सृजन साहित्य सम्मान" से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्हें शाल ओढ़ाकर तथा सम्मान पत्र एवं साहित्य भेंट करके सम्मानित किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष श्री कश्मीरी लाल जसूजा, विशिष्ट अतिथि श्री विजेंद्र शर्मा  और  सृजन सेवा संस्थान, अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार 'आशु' ने उन्हें शाल ओढ़ाकर तथा सम्मान पत्र एवं साहित्य भेंट करके सम्मानित किया।
संस्थान के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार 'आशु' ने कहा कि प्रशासनिक दायित्वों के साथ-साथ साहित्य सृजन और ब्लॉगिंग  के क्षेत्र में श्री कृष्ण कुमार यादव का योगदान महत्वपूर्ण है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अनवरत प्रकाशित होने के साथ-साथ, अब तक आपकी  7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश-दुनिया में शताधिक सम्मानों से विभूषित श्री यादव एक लंबे समय से ब्लॉग और सोशल  मीडिया के माध्यम से भी हिंदी साहित्य एवं विविध विधाओं में अपनी रचनाधर्मिता को प्रस्फुटित करते हुये अपनी व्यापक पहचान बना चुके हैं।
इस अवसर पर "लेखक से मिलिए" कार्यक्रम में श्री कृष्ण कुमार यादव ने अपनी सृजन यात्रा की चर्चा करते हुए विभिन्न विधाओं में रचना पाठ भी किया। श्री यादव ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और प्रशासनिक व्यस्तताओं के बीच साहित्य ऑक्सीजन का कार्य करता है।  साहित्य न सिर्फ लोगों को संवेदनशील बनाता है बल्कि यह  जन सरोकारों से जुड़ने का प्रबल माध्यम भी है। क्लिष्ट भाषा और रूपकों में बँधी रचनात्मकता की बजाय उन्होंने  सहज भाषा पर जोर दिया, ताकि आम आदमी भी उसमें निहित सरोकारों को समझ सके। 
श्री यादव ने अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में कहा कि उनकी रचनाओं के पात्र हमारे आस-पास ही मौजूद हैं। मैं जो आसपास देखता हूं, महसूस करता हूं, उसे कागज पर उतारने का प्रयास भी करता हूं। कविता को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो उन्हें शब्द ढ़ूंढ़-ढ़ूंढकर बनाई गई, बिंब-प्रतीकों के नाम पर भारी-भरकम कविता पसंद है और न ही आजकल सुबह सवेरे वाट्सएप और फेसबुक पर लगाई जाने वाली कविता। उन्हें तो वही कविता अच्छी लगती है जो आम आदमी की बात को आम आदमी तक पहुंचाती है।
सोशल मीडिया और हिंदी साहित्य के अंतर्संबंधों पर श्री कृष्ण कुमार यादव ने  कहा कि यहाँ भी  हिंदी साहित्य तेजी से विस्तार पा रहा है, पर कई बार इसमें तात्कालिकता का पुट और गंभीरता का अभाव दिखता है। लोग फेसबुक और वाट्सएप पर अपनी रचनाएं साझा करके तत्काल प्रशंसा भी चाहते हैं। बिना पढ़े रचनाओं को लाइक करने और कमेंट करने की प्रवृत्ति पर भी उन्होंने सचेत किया। ऐसे लोगों में मैं तुम्हें पंत कहूं, तुम मुझे निराला कहो की प्रवृति बढ़ती जा रही है। यह साहित्य के लिए बेहद खतरनाक है। श्री यादव ने कहा कि फोटोग्राफी में सेल्फी भले ही अब आई है लेकिन साहित्य में इसका चलन बहुत पहले से है। हर कोई खुद की बात करना चाहता है, खुद की ही चर्चा सुनना चाहता है। पर जरुरत गंभीर अध्ययन और चिंतन की है, ताकि साहित्य में नए आयाम जुड़ सकें।  

विशिष्ट अतिथि के रूप में बीएसएफ, जोधपुर के डिप्टी कमांडेंट और दोहाकार श्री विजेंद्र शर्मा ने कहा कि साहित्य का मूल संवेदना है और कृष्ण कुमार जी  की रचनाओं की विशेषता उनकी संवेदनाओं से झलकती है। कविता केवल सच नहीं होता। उसका शिल्प और शैली भी प्रभावित करते हैं। इस मामले में आपकी  रचनाएं हर कसौटी पर खरी उतरती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री अरोड़वंश समाज के पूर्व अध्यक्ष एवं समाज सेवी श्री कश्मीरी लाल जसूजा ने कहा कि कविता आदमी को सही दिशा की ओर अग्रसर करती है।
कार्यक्रम में डाक अधीक्षक श्रीगंगानगर गोपीलाल माली, डा. अरुण शहैरिया ताइर, सुरेंद्र सुंदरम, कृष्ण वृहस्पति, डॉ. सन्देश त्यागी, दीनदयाल शर्मा, दुष्यंत शर्मा, ओपी वैश्य, मनी राम सेतिया, रंगकर्मी भूपेन्द्रसिंह, हरविंद्रसिंह, राकेश मोंगा, दीपक गडई सहित अनेक साहित्यकार एवं बुद्धिजीवी मौजूद रहे। 
साभार:










सृजन सेवा संस्थान, श्री गंगानगर, राजस्थान  द्वारा लेखक से मिलिए कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार व् ब्लॉगर कृष्ण कुमार यादव



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सोमवार, 20 नवंबर 2017

ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी पहली बार घोषित करेगी 'साल का लोकप्रिय हिंदी शब्द'

दुनिया में  हिन्दी के तेजी से बढ़ते रुतबे को अब ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने भी स्वीकार कर लिया है। हाल के वर्षों में हिंदी के कई शब्द ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल किये गए हैं, पर अब इससे भी एक कदम आगे बढ़कर विश्व का प्रतिष्ठित शब्दकोष ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी पहली बार 'साल का लोकप्रिय हिंदी शब्द' घोषित करने की पहल भी करने जा रहा है। साल 2017 के लिए लोकप्रिय हिंदी शब्द का चयन किया जाएगा और इस शब्द की घोषणा जनवरी 2018 में होगी। 

इस लोकप्रिय हिंदी शब्द के चयन के लिए कुछेक मानक भी निर्धारित किये गए हैं। यह हिंदी शब्द कोई ऐसा शब्द या अभिव्यक्ति का स्वरूप होगा जिसे इस साल लोगों के बीच बहुत पसंद किया गया हो।  चयनित शब्द को साल भर के लोकाचार, मनोभाव और मानसिक व्यस्ताताओं को दर्शाने वाला होना चाहिए।  यह आवश्यक नहीं कि यह कोई नया शब्द हो लेकिन इसका किसी भी तरह 2017 से बहुत मजबूत संबंध होना चाहिए। 
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने देशभर के हिंदी बोलने वालों से इस शब्द के चयन में मदद करने का आह्वान किया है।  इसके लिए 29 नवंबर से पहले प्रविष्टियां भेजनी हैं। आम लोगों से सुझाव लेने के बाद इस शब्द का चयन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के हिंदी शब्दकोश दल द्वारा किया जाएगा और  साथ ही एक भाषा विशेषज्ञों  की समिति भी इस काम में मदद करेगी।  इस समिति में लेखक-प्रकाशक नमिता गोखले, भारतीय भाषा विशेषज्ञ कृतिका अग्रवाल, पत्रकार सौरभ द्विवेदी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया की वरिष्ठ संपादकीय प्रबंधक मलिका घोष और रांची विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर पूनम निगम सहाय शामिल हैं। 

बुधवार, 1 नवंबर 2017

डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव और पत्नी आकांक्षा यादव 'शब्द निष्ठा सम्मान' से सम्मानित

हिंदी लघुकथा को समृद्धि प्रदान करने हेतु राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव को अजमेर में शब्द निष्ठा सम्मान-2017 से सम्मानित किया गया। यादव दम्पति एक लम्बे समय से साहित्य और लेखन में सक्रिय हैं।  विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ-साथ, अब तक  कृष्ण कुमार यादव की 7 पुस्तकें और नारी सम्बन्धी मुद्दों पर प्रखरता से लिखने वालीं आकांक्षा यादव की 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश-दुनिया में शताधिक सम्मानों से विभूषित यादव दम्पति एक लंबे समय से ब्लॉग और सोशल  मीडिया के माध्यम से भी हिंदी साहित्य एवं विविध विधाओं में अपनी रचनाधर्मिता को प्रस्फुटित करते हुये अपनी व्यापक पहचान बना चुके हैं।
संयोजक डॉ. अखिलेश पालरिया ने बताया कि आचार्य रत्न लाल  'विद्यानुग' स्मृति अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता हेतु देशभर के 17 राज्यों से 170 लघुकथाकारों  की कुल 850 लघुकथाएँ प्राप्त हुई थीं, जिनमें से श्रेष्ठ लघुकथाओं को चयनित कर लघुकथाकारों को सम्मानित किया गया।  यह सम्मान प्रतिवर्ष साहित्य की भिन्न-भिन्न विधाओं पर दिया जाता है। शब्द निष्ठा सम्मान 2017 श्रेष्ठ लघु कथाओं के लिए निर्धारित था। सम्मान के तहत चयनित लघुकथाकारों को मान पैलेस अजमेर में संपन्न अखिल भारतीय लघुकथा सम्मान समारोह  में प्रशस्ति पत्र, कथा संग्रह एवं सम्मान निधि देकर सम्मानित किया। 
यादव दंपती को 'शब्द निष्ठा सम्मान' 

डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव और पत्नी आकांक्षा यादव  को मिला 'शब्द निष्ठा सम्मान' 





डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव और पत्नी आकांक्षा यादव  'शब्द निष्ठा सम्मान' से सम्मानित 

सोमवार, 21 अगस्त 2017

कृष्ण जन्माष्टमी समारोह : कर्मयोगी श्रीकृष्ण का जीवन प्रेरणादायक - डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव

श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत एवं विलक्षण महानायक हैं । ईश्वर होते हुये भी वे सबसे ज्यादा मानवीय लगते हैं । सच्चे अर्थों में लोकनायक के रूप में  वे हर विपरीत घड़ी में हमारे सामने आदर्श के रूप में उपस्थित होते हैं । इसीलिए श्रीकृष्ण को मानवीय भावनाओं, इच्छाओं और कलाओं का प्रतीक माना जाता है। एक हाथ में बाँसुरी और दूसरे हाथ में सुदर्शन चक्र से विभूषित श्री कृष्ण का पूरा जीवन पुरुषार्थ की प्रेरणा देता है। उक्त विचार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ एवं चर्चित साहित्यकार श्री कृष्ण कुमार यादव ने यादव समाज, जोधपुर द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र, जोधपुर में  15 अगस्त, 2017 को आयोजित जन्माष्टमी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।  
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका गीता-ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। आज देश के युवाओं को श्रीकृष्ण के विराट चरित्र के बृहद अध्ययन की जरूरत है। श्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण ने कभी कोई निषेध नहीं किया। उन्होंने पूरे जीवन को समग्रता के साथ स्वीकारा है। संसार के बीच रहते हुये भी उससे तटस्थ रहकर वे पूर्ण पुरुष कहलाए। यही कारण है कि उनकी स्तुति लगभग सारी दुनिया में किसी न किसी रूप में की जाती है। 

 निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि श्री कृष्ण की लीलाएं सामाजिक समरसता व राष्ट्रप्रियता का प्रेरक मानदंड हैं । श्रीकृष्ण एक ऐसे आदर्श चरित्र हैं जो युद्ध क्षेत्र में अर्जुन की मानसिक व्यथा का निदान करते समय एक मनोवैज्ञानिक, कंस जैसे अधर्मी का संहार करते हुये एक धर्मावतार, स्वार्थ पोषित राजनीति का प्रतिकार करते हुये एक आदर्श राजनीतिज्ञ, बंशी बजैया के रूप में संगीतज्ञ, बृजवासियों के समक्ष प्रेमावतार, सुदामा के समक्ष एक आदर्श मित्र तो सुदर्शन चक्रधारी के रूप में एक योद्धा और सामाजिक क्रांति के प्रणेता हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे  बाबा खेतानाथ आश्रम, नीमराना के महंत शंकर दास ने कहा कि हमारे अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म की परम गहराइयों व ऊंचाइयों पर जाकर भी गंभीर या उदास नहीं हैं। श्री दरियाब सिंह यादव, निदेशक प्राविधिक शिक्षा मंडल  ने कहा कि भगवान् श्री कृष्ण  के चरित्र में सर्वत्र समदर्शिता प्रकट होती है।  यूथ हॉस्टल, जोधपुर के प्रबंधक ले. कर्नल (सेनि) प्रकाश चन्द्र यादव ने श्री कृष्ण के विचारों को सदैव प्रासंगिक बताते हुए उनके  जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। 


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यादव समाज, जोधपुर के अध्यक्ष डॉ. शैलेष यादव ने कहा कि कृष्ण की सभी लीलाएँ कुछ न कुछ सन्देश देती हैं। उन लीलाओं को उनके आध्यात्मिक स्वरूप में ही समझा जा सकता है। 
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी की गई।

इस अवसर पर प्रो सुंदर लाल, बृजमोहन यादव,  डॉ. राम रतन यादव,  नंदकिशोर यादव,  प्रविंद्र यादव, मदन सिंह यादव, गोपाल यादव, राजेश यादव, ललित यादव, डॉ. योगेश यादव, राम नरेश यादव, जेपी यादव, दिनेश यादव,  विवेक यादव, राजकुमार यादव, गजेंद्र, विवेक सिंह  सहित यादव समाज के  तमाम प्रबुद्ध जन, महिलाएं व् बच्चे  उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नंदकिशोर यादव ने किया।

(कृष्ण महान कर्मयोगी व दार्शनिक थे :  कृष्ण कुमार यादव)

(कर्मयोगी श्रीकृष्ण का जीवन प्रेरणादायक :  कृष्ण कुमार यादव)


(श्रीकृष्ण का पूरा जीवन पुरुषार्थ की प्रेरणा देता है -  कृष्ण कुमार यादव)