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मंगलवार, 9 मई 2023

Navodaya Vidyalaya Samiti Lucknow द्वारा आयोजित क्षेत्रीय एल्मुनी मीट में पुराने दिनों को याद कर रोमांचित हुए नवोदयन्स

लखनऊ। नवोदय विद्यालय समिति के तत्त्वावधान में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य की क्षेत्रीय एल्मुनी मीट -2023 का आयोजन लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। विभिन्न नवोदय विद्यालयों के पुरा विद्यार्थियों ने जहाँ अपने यादगार अनुभव साझा किये वहीं नवोदय विद्यालय की प्रगति के विभिन्न आयामों पर भी चर्चा हुई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी लोगों का मन मोहा। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और नवोदय विद्यालय के प्रार्थना गीत से हुआ। 














मुख्य अतिथि के रूप में नवोदय विद्यालय समिति के संयुक्त आयुक्त ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि यह गर्व की बात है कि नवोदय के विद्यार्थी आज देश-दुनिया में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। अप्रैल, 1986 में दो नवोदय विद्यालयों से आरंभ हुआ यह सफर आज 649 तक पहुँच चुका है। बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी नवोदयन्स सदैव से अव्वल रहे हैं। नवोदय शिक्षक सेवा भाव से कार्य करते हुए  भारत के सुनहरे भविष्य को गढ़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न नवोदय विद्यालयों के पुरा विद्यार्थियों का डाटा बेस तैयार करने हेतु एक पोर्टल भी लांच किया। उन्होंने बताया कहा कि वर्ष 2020 में यूपीएससी द्वारा सिविल सेवाओं में 27 और 2021 में 28 नवोदयी विद्यार्थी चयनित हुए।

नवोदय विद्यालय, बरेली के पुरा छात्र और संप्रति लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि हमारे व्यक्तित्व और कैरियर के निर्माण में नवोदय का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यदि मैं नवोदय में नहीं रहता तो शायद ही यहाँ तक पहुँच पाता। ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने में नवोदय का अहम योगदान है। 

नवोदय विद्यालय, आज़मगढ़ के पुरा छात्र और संप्रति वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आज नवोदय एक ब्रांड बन चुका है। सिविल सेवाओं, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सैन्य सेवाओं से लेकर विभिन्न प्रोफेशनल सेवाओं, बिजनेस और सामाजिक सेवाओं में नवोदयन्स पूरे भारत ही नहीं वरन पूरी दुनिया में अपना अलग मुकाम बना रहे हैं। नवोदय में न कोई जाति है, न कोई संप्रदाय है, नवोदय में सिर्फ नवोदयन्स होने की राष्ट्रीय भावना है। 


चीफ इंजीनियर बीएलडब्लू रणविजय वर्मा ने कहा कि नवोदय ने हम सभी को जीने का एक नया तरीका सिखाया। भारतीय रेलवे लेखा सेवा के अधिकारी स्वामी प्रकाश पांडे ने नवोदय में विविधता में एकता भावना को रेखांकित किया, वहीं शिक्षा अधिकारी रामचंद्र सिद्धार्थ ने समकालीन समाज में नवोदयी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। कवि दान बहादुर सिंह ने काव्य पाठ से भावनाएँ व्यक्त की। 






















कार्यक्रम का संयोजन नवोदय विद्यालय समिति लखनऊ संभाग के उपायुक्त एस के माहेश्वरी, सहायक आयुक्त जनार्दन उपाध्याय, सोमवीर पुनिया, अर्चना सिंह, एसपी शाक्य, पुरा विद्यार्थियों में रामचंद्र, अनिल दीप आनंद, वेद प्रकाश राय, नित्या वर्मा, हरिशंकर गुप्ता, प्रज्ञा पांडे, डॉ.राजश्री, राजबहादुर, डॉ.नरेंद्र, केशवराम, कौशलेंद्र मौर्य,अत्येन्द्र के द्वारा किया गया। इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक रईस अख्तर, प्रो. अवनीश, प्रो. वीरेंद्र प्रसाद, प्रो. तूलिका साहू, शिव नारायण पाठक, इं.संदीप जायसवाल, असिस्टेंट पोस्टमास्टर जनरल शशि कुमार उत्तम, डॉ. राजवीर, नवोदय वर्ल्डवाइड के संस्थापक सीताराम नारनोलिया, नवोदय केसरी के सम्पादक प्रशांत शुक्ला सहित तमाम  लोग उपस्थित रहे।



















मंगलवार, 18 अप्रैल 2023

साहित्य और चिट्ठियों दोनों का ही संवेदनाओं से अटूट रिश्ता : उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में 'उपनिधि' पत्रिका के डाक विभाग की साहित्यिक विभूतियां विशेषांक का हुआ लोकार्पण

ज्ञान गरिमा सेवा न्यास के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निराला सभागार में 'उपनिधि' पत्रिका के डाक विभाग की साहित्यिक विभूतियां विशेषांक एवम गौरीशंकर वैश्य विनम्र की बाल पुस्तक फुर्र फुर्र का लोकार्पण, कवि सम्मान एवं काव्य संगम समारोह का आयोजन किया गया। पत्रिका व पुस्तक का लोकार्पण उत्तर प्रदेश के पूर्व चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा, वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव, समाज कल्याण विभाग के निदेशक श्री पवन कुमार, संयुक्त आयुक्त जीएसटी श्री पंकज के. सिंह और सम्पादक श्री सुबोध कुमार दुबे ने किया। इस अवसर पर डाक विभाग से जुड़े साहित्यकारों और उनके परिजनों को सम्मानित भी किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि पूर्व चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि डाक विभाग का जनसरोकारों से अटूट नाता है। डाक विभाग के तमाम अधिकारी -कर्मचारी साहित्य सृजन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।  'उपनिधि' पत्रिका ने डाक विभाग की साहित्यिक विभूतियों पर विशेषांक प्रकाशित कर महनीय कार्य किया है। डाक कर्मियों के साहित्य का राष्ट्रीय स्तर पर भी एक संकलन लाए जाने की आवश्यकता है।

चर्चित साहित्यकार एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि साहित्य और सृजन के क्षेत्र में डाक विभाग की विभूतियों का योगदान अहम् है। साहित्य और चिट्ठियों दोनों का ही संवेदनाओं से अटूट रिश्ता है। यही कारण है कि साहित्य, कला, संस्कृति की तमाम मशहूर शख्सियतें डाक विभाग की गोद में अपनी काया का विस्तार पाने में सफल रहीं। आज़ादी के अमृत काल में डाक टिकटों के माध्यम से साहित्यिक विभूतियों और सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी को जोड़ने में डाक विभाग की अहम भूमिका है। पत्र-लेखन के माध्यम से भी डाक विभाग ने साहित्य को नए आयाम दिए। श्री यादव ने कहा कि देश की संचार व्यवस्था के साथ सामाजिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, साहित्य, कला और संस्कृति के प्रसार और स्वाधीनता आंदोलन में भी डाक विभाग की अहम भूमिका रही है। जिस प्रकार से डाक विभाग देश भर के लोगों को जोड़ने का कार्य करता है, उसी प्रकार साहित्य भी संवेदना और संवाद के वाहक के रूप में लोगों को जोड़ने का कार्य करता है। साहित्य और प्रशासन दोनों ही पत्रों के बिना अधूरे हैं। इन पत्रों में छुपा मर्म कई बार नई राह दिखाता है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चर्चित साहित्यकार एवं उत्तर प्रदेश शासन में निदेशक समाज कल्याण श्री पवन कुमार ने कहा कि डाक सेवाएँ आम जन से जुड़ी हुई हैं। पत्रों के माध्यम से न सिर्फ संवाद होता है बल्कि लोगों की कई समस्याओं का निस्तारण भी होता है। डाक विभाग की तत्परता और संवेदनशीलता के चलते सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच रहा है। उन्होंने डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रहे शमशुर्रहमान फारूकी की स्मृतियों को ताजा करते हुए बताया की उन्होंने उनकी पहली पुस्तक पर आशीर्वचन स्वरूप प्राक्कथन लिखा था।     



ज्ञान गरिमा सेवा न्यास अध्यक्ष श्री सुबोध कुमार दुबे ने बताया कि उपनिधि पत्रिका ने अपने 24 वर्षों के सफर में तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर अंक प्रकाशित किये। उत्तर प्रदेश डाक परिमंडल की साहित्यिक विभूतियाँ विशेषांक में स्मरण खंड के तहत कृष्ण बिहारी नूर, पद्मश्री शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी, डॉ. रामाश्रय सविता, राम देव लाल विभोर तो प्रेरणा खंड में सेवानिवृत्त हो चुके दयानंद जड़िया, राम किशोर तिवारी, ज्योति शेखर, गौरीशंकर वैश्य विनम्र और संभावना खंड के तहत वर्तमान में सेवारत पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव, अखंड प्रताप सिंह इत्यादि के साहित्यिक कृतित्व को सहेजा गया है।     

कार्यक्रम के अंत में कवि सम्मान एवं काव्य संगम समारोह का भी आयोजन किया गया। तमाम कवियों ने अपनी रचनाओं से शमां बांधा और श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया। संचालन राम किशोर तिवारी ने किया। इस दौरान  शुभम दुबे, विनोद सिंह, आकाश सिंह, श्रीकांत पाल, संदीप यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।