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बुधवार, 19 अगस्त 2015

बिसरा दिया हमने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का डिजाइन बनाने वाले पिंगलि वेंकय्या को


तिरंगे के प्रति सम्मान स्वाभाविक है, आखिर यह हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज है।  हर कोई इसकी आन-बान पर न्यौछावर होने का जज्बा रखता है।  पर शायद बहुत कम लोगों को ही पता हो कि हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन बनाने वाले पिंगलि वेंकय्या जी थे। 

अगस्त माह में जब स्वतंत्रता दिवस के चलते चारों तरफ राष्ट्र भक्ति की गूंज सुनाई देती है।  अख़बारों के पन्नों से लेकर सोशल मीडिया तक तिरंगे की फोटो लगाकर जयजयकार होती है, उसी माह में 15 अगस्त से ठीक तीन दिन पूर्व इसका डिजायन बनाने वाले पिंगलि वेंकय्या की जयंती (12 अगस्त) भी होती  है। पर शायद ही हममें से कोई उन्हें याद करता है। 

संसद के हंगामे और सोशल मीडिया पर फहराते तिरंगे के बीच काश कोई ऐसे महापुरुषों को भी याद करता, तो शायद यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होती।  अन्यथा वो पंक्तियाँ याद आती हैं -

सो गई लिपटकर.
तिरंगे के साथ अलमारी में!
देशभक्ति है.
तारीखों पर जागती है!

सोमवार, 17 अगस्त 2015

कश्मीर की हिंदी पत्रिका - वितस्ता

देश-विदेश की 250 से अधिक छोटी-बड़ी पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं में हमारी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। कभी सोचता था कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और अण्डमान से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक की पत्र-पत्रिकाओं में स्थान पा सकूँ। काफी हद तक सफलता भी मिली। 

कश्मीर की कमी "वितस्ता" ने दूर कर दी, जो कि प्रोफ़ेसर दिलशाद जीलानी के सम्पादन में हिंदी विभाग, कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर द्वारा प्रकाशित होती है।

 हाल ही में 40 वें अंक के रूप में इसका 2014-15 अंक आया है। 230 पृष्ठों के इस अंक में कुल 19 लेख शामिल हैं, जिसमें "कश्मीर की सूफी परम्परा की राह में अब्दुल रहमान राही" शीर्षक से हमारे लेख के साथ-साथ सहधर्मिणी आकांक्षा यादव का एक लेख "भूमंडलीकरण के दौर में भाषाओं पर बढ़ता खतरा" भी प्रकाशित है !!

वितस्ता (अंक-40, वर्ष 2014-15) : संपादिका - प्रोफ़ेसर दिलशाद जीलानी, हिंदी विभाग, कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर-190006 


शनिवार, 15 अगस्त 2015

आजादी के जश्न की बधाइयाँ

शताब्दियों की दासता के बाद जब भारत में स्वतंत्रता का मंगल प्रभात हुआ था तो सबकी आँखों में एक नई रोशनी टिमटिमाई थी।  नए सपने, नई सोच, नए जज्बे .... वाकई आज हमने एक लंबा सफ़र तय कर लिया है। आजादी के 69वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें !! 


गाँव से लेकर शहर तक आजादी का जश्न। 





आजादी की घोषणा उस दौरान के अख़बारों में। 


15 अगस्त 1947 पर भारतीय डाक विभाग ने एक नई मुहर  जारी की थी, जिस पर जय हिन्द अंकित था। हिंदुस्तान अख़बार में डाकखाने की इस मुहर पर प्रथम पृष्ठ पर समाचार भी प्रकाशित था। 


रविवार, 2 अगस्त 2015

त्यौहारों से भरपूर अगस्त माह

 हर माह की अपनी महत्ता है। अगस्त माह तो त्यौहारों से भरपूर है। प्रथम दिन से ही श्रावण माह के शुभारम्भ के साथ कजरी के बीच झूलों पर पड़ती पींगें हैं, भगवान शिव की आराधना है।  'फ्रेंडशिप-डे' के बहाने पुराने दोस्तों को याद करने और दोस्ती बढ़ाने की कवायद  है तो भाई-बहन के प्यार को बढ़ाता "रक्षा बंधन" भी इसी माह है। नन्द लाल कृष्ण के जन्मोत्सव "कृष्ण जन्माष्टमी" के बहाने फिर से लीलाएं होंगी, मटकियाँ फूटेंगीं और उन सबके बीच बहेगी आस्था की रसधार। प्रत्यूष पर्व की शुरुआत भी इसी माह में है।  आजादी का सबसे बड़ा पर्व "स्वतंत्रता दिवस" भी इसी माह उन तमाम नाम-अनाम शहीदों और महापुरुषों को याद करने का मौका होगा, जिनकी बदौलत हम आजाद हवाओं में सांसें ले रहे हैं। 

…… और हाँ, हमारे लिए यह माह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 10 अगस्त को हमारा जन्मदिन भी पड़ता है।  आप सभी को अगस्त माह की शुभकामनायें !!