![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjS3YEVtNO3nXE7OZcuGDxyBSQe88ehYq8hQQvwDgqJ9F06ee4orQaPhOtW5wmoXTAawFQorgJzMv7bvixYwR79Y5-K9OehHo3Ezf4WmIBcfdj-GWNSnXAoRdqh0lF-7sx3dXza5s6X-ZoD/s400/diya6.gif)
बहुत पहले
एक कहानी पढ़ी थी
सूरज ने पूछा
मेरे बाद
कौन देगा प्रकाश?
एक टिमटिमाते
दीये ने कहा
मैं दूँगा।
पर देखता हूँ
इस समाज में
लोगों का झुण्ड चला जाता है
कंधों से कंधा टकराते
हर कोई सूरज की
पहली किरण को
लेना चाहता है
अपने आगोश में
पर नहीं चाहता वह
नन्हा दीया बनना
जो सूरज के बाद भी
दे सके प्रकाश।