समर्थक / Followers

शनिवार, 23 अप्रैल 2016

विश्व-पुस्तक दिवस के बहाने चर्चा

आज विश्व-पुस्तक दिवस है. पुस्तकें पढने-लिखने का हमारा शौक विद्यार्थी जीवन से लेकर अभी तक बरकरार है. वैसे भी जितना पढ़िए, कम ही लगता है. न जाने कितना कुछ लिखा जा रहा है, इस दुनिया में. शब्द वहीं हैं, बस थोड़े से परिवर्तन से मायने बदल जाते हैं...विश्व पुस्तक-दिवस पर आप सभी को बधाइयाँ ..पुस्तकें पढने की अच्छी आदत बरकरार रखिये !!

इस दौरान हमने भी कुछेक पुस्तकें रचीं, और कुछेक पुस्तक और पत्रिकाएं हमारे व्यक्तित्व  कृतित्व पर भी .....उन पर भी एक नजर-



पुस्तक का नाम - अभिलाषा (काव्य-संग्रह) 
कवि - कृष्ण कुमार यादव 
प्रकाशक-शैवाल प्रकाशन,दाऊदपुर, गोरखपुर
प्रकाशन वर्ष -2005, पृष्ठ- 144, मूल्य- 160 रुपये
ISBN -81-89533-02-9 



पुस्तक का नाम - अभिव्यक्तियों के बहाने (निबंध-संग्रह) 
लेखक और निबन्धकार  - कृष्ण कुमार यादव 
प्रकाशक-शैवाल प्रकाशन,दाऊदपुर, गोरखपुर
प्रकाशन वर्ष -2006,  मूल्य- 150 रुपये



Name of Book- India Post : 150 Glorious Years
(Chronological documentation of Postal Services, specially in India)
Author : Krishna Kumar Yadav
Publisher : Nagrik Uttar Pradesh, Lucknow
First Edition-2006, Price- Rs. 250/-, Pages-146





पुस्तक का नाम - अनुभूतियाँ और विमर्श  (निबंध-संग्रह) 
लेखक और निबन्धकार  - कृष्ण कुमार यादव 
 प्रकाशक: नागरिक उत्तर प्रदेश, प्लाट नं0 2, नन्दगाँव रिजार्टस्, तिवारीगंज, फैजाबाद रोड, लखनऊ-226019 
प्रकाशन वर्ष : 2007,  मूल्य: 250/, पृष्ठ : 152 



पुस्तक का नाम :  क्रान्ति-यज्ञ (1857-1947 की गाथा)
सम्पादकद्वय :  कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव
प्रकाशक :  मानस संगम, प्रयाग नारायण शिवाला, कानपुर (उ.प्र.)
प्रकाशन वर्ष : 2007, पृष्ठ संख्या : 124, मूल्य : रू0 125



बाल पुस्तक का नाम : जंगल में क्रिकेट (बाल गीत संग्रह)
रचनाकार : कृष्ण कुमार यादव
प्रकाशक : उद्योग नगर प्रकाशन, 695, न्यू कोट गाँव, जी0टी0रोड, गाजियाबाद (उ0प्र0)
 प्रकाशन वर्ष: 2012, मूल्य: रु. 35/-, पृष्ठ: 36
ISBN- 978-93-80455-24-2



पुस्तक – 16 आने 16 लोग
लेखक – कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर -342001
प्रथम संस्करण :2014, पृष्ठ – 120 मूल्य – रू0 250/-
प्रकाशक – हिन्द युग्म, 1, जिया सराय, हौज खास, नई दिल्ली-110016




पुस्तक : बढ़ते चरण शिखर की ओर - कृष्ण कुमार यादव 
सम्पादकः दुर्गाचरण मिश्र, 
प्रकाशकः उमेश प्रकाशन, 100, लूकरगंज, इलाहाबाद
पृष्ठः 148,  मूल्यः रू0 150,  प्रथम संस्करणः 2009  

बढ़ते चरण शिखर की ओर: एक विहंगावलोकन

पत्रिका : बाल साहित्य समीक्षा 
विशेषांक   : प्रशासन और साहित्य के नाविक : कृष्ण कुमार यादव (सितंबर, 2007 अंक)
सम्पादक : डॉ. कृष्ण चन्द्र तिवारी "राष्ट्रबंधु''
पता : 109/309, रामकृष्ण नगर, कानपुर (उ.प्र)-208012 
वर्ष -30 , अंक -11,  सितंबर 2007, पृष्ठ -30, मूल्य -15 /-  



पत्रिका : गुफ्तगू (हिन्दुस्तानी साहित्य की त्रैमासिक पत्रिका)
परिशिष्ट  : कृष्ण कुमार यादव (जनवरी-मार्च 2008 अंक)
सम्पादक : मो. इम्तियाज़ गाजी 
पता : 123 ए/1, हरवारा, धूमनगंज, इलाहाबाद-211011
वर्ष -5, अंक -17, पूर्णांक -21 , मार्च 2008, पृष्ठ -80, मूल्य -10/-  

नवीन सरोकारों को सहेजे गुफ्तगू का कृष्ण कुमार यादव पर जारी अंक 

गुरुवार, 21 अप्रैल 2016

हिन्दी ब्लॉगिंग का 13 साल का सफर पूरा : 21 अप्रैल को बना था हिंदी का पहला ब्लॉग

न्यू मीडिया के इस दौर में ब्लाॅगिंग लोगों के लिए अपनी बात कहने का सशक्त माध्यम बन चुका है। राजनीति की दुनिया से लेकर फिल्म जगत, साहित्य से लेकर कला और संस्कृति से जुड़े तमाम नाम ब्लॉगिंग से जुडे हुए हैं।  आज ब्लाॅग सिर्फ जानकारी देने का माध्यम नहीं बल्कि संवाद, प्रतिसंवाद, सूचना विचार और अभिव्यक्ति का भी सशक्त ग्लोबल मंच है। 

यदयपि ब्लागिंग का आरंभ  1999 से माना  जाता है पर हिंदी में ब्लागिंग का आरम्भ वर्ष 2003 में हुआ। उत्तर प्रदेश को जहाँ साहित्य, शिक्षा, संस्कृति, कला का गढ  माना  जाता है, वहीँ ब्लॉगिंग के क्षेत्र में भी यहाँ तमाम उपलब्धियाँ दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश के चर्चित हिंदी ब्लॉगर एवं भारतीय डाक सेवा में  निदेशक  कृष्ण कुमार यादव बताते हैं कि पूर्णतया हिन्दी में ब्लाॅगिंग आरंभ करने का श्रेय आलोक को जाता है, जिन्होंने 21 अप्रैल 2003 को हिंदी के प्रथम ब्लॉग ’नौ दो ग्यारह’ से इसका आगाज किया। सार्क देशों के सर्वोच्च 'परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान' से सम्मानित एवं नेपाल, भूटान और श्रीलंका सहित तमाम देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले श्री यादव जहाँ अपने साहित्यिक रचनाधर्मिता हेतु "शब्द-सृजन की ओर" (http://kkyadav.blogspot.in/) ब्लॉग लिखते हैं, वहीं डाक विभाग को लेकर "डाकिया डाक लाया" (http://dakbabu.blogspot.in/) नामक उनका ब्लॉग भी चर्चित है। 

वर्ष 2015 में हिन्दी का सबसे लोकप्रिय ब्लाॅग 'शब्द-शिखर' (http://shabdshikhar.blogspot.com) को चुना गया और इसकी मॉडरेटर  आकांक्षा यादव को  हिन्दी में ब्लाॅग लिखने वाली शुरूआती महिलाओं में गिना जाता है। ब्लॉगर दम्पति कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव को  'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति',  'परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान' के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा नवम्बर, 2012 में ”न्यू मीडिया एवं ब्लाॅगिंग” में उत्कृष्टता के लिए ”अवध सम्मान से भी विभूषित किया जा  चुका  है। इस दंपती ने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और  विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लाॅगिंग को भी नये आयाम दिये। नारी सम्बन्धी मुद्दों पर प्रखरता से लिखने वालीं आकांक्षा यादव का मानना है कि न्यू मीडिया के रूप में उभरी ब्लाॅगिंग ने नारी-मन की आकांक्षाओं को मुक्ताकाश दे दिया है। आज 80,000 से भी ज्यादा हिंदी ब्लाॅग में लगभग एक तिहाई ब्लाॅग महिलाओं द्वारा लिखे जा रहे  हैं। 

ब्लॉगर दम्पति यादव की 9 वर्षीया सुपुत्री अक्षिता (पाखी) को भारत की सबसे कम उम्र की ब्लॉगर माना जाता है। अक्षिता की प्रतिभा को देखते हुए भारत सरकार ने  वर्ष 2011 में उसे "राष्ट्रीय बाल पुरस्कार" से सम्मानित किया, वहीं पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्री लंका में उसे  "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान" से भी सम्मानित किया गया। इसके 'पाखी की दुनिया'  (http://pakhi-akshita.blogspot.in/) ब्लॉग को 100 से ज्यादा देशों में देखा-पढा जाता है और लगभग 450 पोस्ट वाले इस ब्लॉग को 260 से ज्यादा लोग नियमित अनुसरण करते हैं। 

हिंदी ब्लॉगिंग की दशा और दिशा पर पुस्तक लिख रहे चर्चित ब्लॉगर कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि,  आज हिन्दी ब्लाॅगिंग में हर कुछ उपलब्ध है, जो आप देखना चाहते हैं। हर ब्लॉग का अपना अलग जायका है। यहाँ खबरें हैं, सूचनाएं हैं, विमर्श हैं, आरोप-प्रत्यारोप हैं और हर किसी का अपना सोचने का नजरिया है। तेरह सालों के सफर में हिंदी ब्लागिंग ने एक लम्बा मुकाम तय किया है। आज हर आयु-वर्ग के लोग इसमें सक्रिय हैं, शर्त सिर्फ इतनी है कि की-बोर्ड पर अंगुलियाँ चलाने का हुनर हो ।

उत्तर प्रदेश के ब्लॉगर्स दंपति  ने देश-दुनिया में बजाया अपना डंका, 
 अक्षिता  बनीं सबसे कम उम्र की हिंदी ब्लॉगर,  
हिंदी ब्लॉगिंग ने पूरे  किये 13 साल, 21 अप्रैल को बना था हिंदी का पहला ब्लॉग
(साभार : दैनिक जनसंदेश टाइम्स, इलाहाबाद, 21 अप्रैल, 2016)


हिंदी ब्लॉगिंग ने पूरे  किये 13 साल, 21 अप्रैल को बना था हिंदी का पहला ब्लॉग
(साभार : उजाला भारत, जोधपुर-राजस्थान, 21 अप्रैल, 2016)




हिंदी ब्लॉगिंग ने पूरे  किये 13 साल 
(साभार : जलते दीप, जोधपुर-राजस्थान, 21 अप्रैल, 2016)


हिंदी ब्लॉगिंग ने पूरे  किये 13 साल 
(साभार : दैनिक प्रतिनिधि, राजस्थान, 21 अप्रैल, 2016)


जोधपुरी ब्लॉगर्स  ने देश-दुनिया में बजाया अपना डंका, 
हिंदी ब्लॉगिंग ने पूरे  किये 13 साल, जोधपुर  की अक्षिता  सबसे कम उम्र की हिंदी ब्लॉगर  
(साभार : सांध्य बॉर्डर टाइम्स, राजस्थान, 21 अप्रैल, 2016)


आज के दिन बना था हिंदी का पहला ब्लॉग 
(साभार : प्रताप केसरी, राजस्थान, 21 अप्रैल, 2016)


हिन्दी ब्लॉगिंग का  13 साल का सफर पूरा 
21 अप्रैल, 2003 में शुरू हुआ था हिंदी का पहला ब्लॉग 
हिंदी ब्लॉगिंग में एक परिवार के तीन सदस्यों ने बनाया कीर्तिमान 
(साभार : दैनिक अमर उजाला, वाराणसी, 21 अप्रैल, 2016)

जौनपुरी ब्लॉगर दंपती  का दुनिया में बजा डंका 
हिंदी ब्लॉगिंग के 13 साल, 21 अप्रैल, 2003  को बना था हिंदी का पहला ब्लॉग 
जौनपुर की अक्षिता यादव बनीं सबसे कम उम्र की हिंदी ब्लॉगर 
(साभार : दैनिक हिंदुस्तान, 21 अप्रैल, 2016)



हिंदी ब्लॉगिंग ने पूरे  किये 13 साल, 21 अप्रैल को बना था हिंदी का पहला ब्लॉग 
जोधपुरी  ब्लॉगर्स ने देश-दुनिया में बजाया अपना डंका, जोधपुर  की अक्षिता सबसे कम उम्र की हिंदी ब्लॉगर  
(साभार : दैनिक नवज्योति, 21 अप्रैल, 2016)



 हिंदी ब्लॉगिंग ने पूरे  किये 13 साल
जोधपुरी ब्लॉगर्स  ने देश-दुनिया में बजाया अपना डंका, जोधपुर  की अक्षिता  सबसे कम उम्र की हिंदी ब्लॉगर  
 21 अप्रैल को बना था हिंदी का पहला ब्लॉग (साभार : दैनिक युगपक्ष, बीकानेर, 21 अप्रैल, 2016)