डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका गीता-ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। आज देश के युवाओं को श्रीकृष्ण के विराट चरित्र के बृहद अध्ययन की जरूरत है। श्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण ने कभी कोई निषेध नहीं किया। उन्होंने पूरे जीवन को समग्रता के साथ स्वीकारा है। संसार के बीच रहते हुये भी उससे तटस्थ रहकर वे पूर्ण पुरुष कहलाए। यही कारण है कि उनकी स्तुति लगभग सारी दुनिया में किसी न किसी रूप में की जाती है।
निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि श्री कृष्ण की लीलाएं सामाजिक समरसता व राष्ट्रप्रियता का प्रेरक मानदंड हैं । श्रीकृष्ण एक ऐसे आदर्श चरित्र हैं जो युद्ध क्षेत्र में अर्जुन की मानसिक व्यथा का निदान करते समय एक मनोवैज्ञानिक, कंस जैसे अधर्मी का संहार करते हुये एक धर्मावतार, स्वार्थ पोषित राजनीति का प्रतिकार करते हुये एक आदर्श राजनीतिज्ञ, बंशी बजैया के रूप में संगीतज्ञ, बृजवासियों के समक्ष प्रेमावतार, सुदामा के समक्ष एक आदर्श मित्र तो सुदर्शन चक्रधारी के रूप में एक योद्धा और सामाजिक क्रांति के प्रणेता हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे बाबा खेतानाथ आश्रम, नीमराना के महंत शंकर दास ने कहा कि हमारे अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म की परम गहराइयों व ऊंचाइयों पर जाकर भी गंभीर या उदास नहीं हैं। श्री दरियाब सिंह यादव, निदेशक प्राविधिक शिक्षा मंडल ने कहा कि भगवान् श्री कृष्ण के चरित्र में सर्वत्र समदर्शिता प्रकट होती है। यूथ हॉस्टल, जोधपुर के प्रबंधक ले. कर्नल (सेनि) प्रकाश चन्द्र यादव ने श्री कृष्ण के विचारों को सदैव प्रासंगिक बताते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यादव समाज, जोधपुर के अध्यक्ष डॉ. शैलेष यादव ने कहा कि कृष्ण की सभी लीलाएँ कुछ न कुछ सन्देश देती हैं। उन लीलाओं को उनके आध्यात्मिक स्वरूप में ही समझा जा सकता है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी की गई।
इस अवसर पर प्रो सुंदर लाल, बृजमोहन यादव, डॉ. राम रतन यादव, नंदकिशोर यादव, प्रविंद्र यादव, मदन सिंह यादव, गोपाल यादव, राजेश यादव, ललित यादव, डॉ. योगेश यादव, राम नरेश यादव, जेपी यादव, दिनेश यादव, विवेक यादव, राजकुमार यादव, गजेंद्र, विवेक सिंह सहित यादव समाज के तमाम प्रबुद्ध जन, महिलाएं व् बच्चे उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नंदकिशोर यादव ने किया।
(कृष्ण महान कर्मयोगी व दार्शनिक थे : कृष्ण कुमार यादव)
(कर्मयोगी श्रीकृष्ण का जीवन प्रेरणादायक : कृष्ण कुमार यादव)
(श्रीकृष्ण का पूरा जीवन पुरुषार्थ की प्रेरणा देता है - कृष्ण कुमार यादव)
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