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शुक्रवार, 19 जून 2009

समोसा हुआ 1000 साल का !!

समोसा भला किसे नहीं प्रिय होगा। समोसे का नाम आते ही दिल खुश हो जाता है और मुँह में पानी आ जाता है। विदेशियों के समक्ष भी भारतीय स्नैक्स की बात हो, तो समोसे के जिक्र के बिना बात अधूरी ही लगती है। यही कारण है कि जिस तरह भारतीयों में विदेशों से आए पिज्जा और बर्गर का क्रेज है, उसी प्रकार भारतीय समोसा भी विदेशों में फास्ट फूड के रूप में काफी प्रसिद्ध है। ऐसा कोई विरला ही दुर्भाग्यशाली व्यक्ति होगा जिसने समोसे का स्वाद न लिया हो। यहाँ तक कि फिल्मों और राजनीति में भी समोसे को लेकर तमाम जुमले हैं। लालू प्रसाद यादव को लेकर प्रचलित जुमला मशहूर है कि- ‘‘जब तक रहेगा समोसे में आलू, तब तक रहेगा बिहार में लालू।‘‘ फिल्मों और राजनीति से परे तमाम साहित्यिक-सांस्कृतिक गोष्ठियां, सरकारी आयोजन एवं कोई भी कार्यक्रम समोसे के बिना अधूरा है। ऐसे में इस स्टड डीप फ्राई समोसे का स्वाद छोटे-बड़े सभी लोगों की जुबां पर है, तो हैरान होने की जरूरत नहीं।

समोसे के बारे में सबसे रोचक तथ्य यह है कि इन महाशय की उम्र एक हजार साल हो चुकी है, पर अपने जवां अन्दाज से सभी को ललचाये रहते हैं। माना जाता है कि सर्वप्रथम दसवीं शताब्दी में मध्य एशिया में समोसा एक व्यंजन के रूप में सामने आया था। 13-14वीं शताब्दी में व्यापारियों के माध्यम से समोसा भारत पहुँचा। महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने एक जगह जिक्र किया है कि दिल्ली सल्तनत में उस दौरान स्टड मीट वाला घी में डीप फ्राई समोसा शाही परिवार के सदस्यों व अमीरों का प्रिय व्यंजन था। 14वीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आये इब्नबतूता ने मो0 बिन तुगलक के दरबार का वृतांत देते हुए लिखा कि दरबार में भोजन के दौरान मसालेदार मीट, मंूगफली और बादाम स्टफ करके तैयार किया गया लजीज समोसा परोसा गया, जिसे लोगों ने बड़े चाव से खाया। यही नहीं 16वीं शताब्दी के मुगलकालीन दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र बकायदा मिलता है।

समोसे का यह सफर बड़ा निराला रहा है। समोसे की उम्र भले ही बढ़ती गई पर पिछले एक हजार साल में उसकी तिकोनी आकृति में जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ। आज समोसा भले ही शाकाहारी-मांसाहारी दोनों रूप में उपलब्ध है पर आलू के समोसों का कोई सानी नहीं है और यही सबसे ज्यादा पसंद भी किया जाता है। इसके बाद पनीर एवं मेवे वाले समोसे पसंद किये जाते हैं। अब तो मीठे समोसे भी बाजार में उपलब्ध हैं। समोसे का असली मजा तो उसे डीप फ्राई करने में है, पर पाश्चात्य देशों में जहाँ लोग कम तला-भुना पसंद करते हैं, वहां लोग इसे बेक करके खाना पसंद करते हैं। भारत विभिन्नताओं का देश है, सो हर प्रांत में समोसे के साथ वहाँ की खूबियाँ भी जुड़ती जाती हैं। उ0प्र0 व बिहार में आलू के समोसे खूब चलते हैं तो गोवा में मांसाहारी समोसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। पंजाबी समोसा खूब चटपटा होता है तो चाइनीज क्यूजीन पसंद करने वालों के लिए नूडल्स स्टड समोसे भी उपलब्ध हैं। बच्चों और बूढ़ों दोनों में समोसे के प्रति दीवानगी को भुनाने के लिए तमाम बहुराष्ट्रीय कम्पनियां इसे फ्रोजेन फूड के रूप में भी बाजार में प्रस्तुत कर रही हैं।
तो आइये समोसा जी की 1000 वीं वर्षगाँठ मनाई जाय और ढेर सारे समोसे खाये जायें !!

18 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Wah ! Mere me to munh men pani aa gaya.Bahut sundar jankari ke liye dhanyvad.

Abhishek Ojha ने कहा…

अरे वाह ! हमारे बनाए समोसे का भी लुत्फ़ उठाइए :)

http://ojha-uwaach.blogspot.com/2008/05/blog-post.html

Bhanwar Singh ने कहा…

समोसा तो मेरा प्रिय व्यंजन है...आपके ब्लॉग पर इसके बारे में इतनी लाजवाब जानकारी के लिए साधुवाद.

Shyama ने कहा…

अद्भुत जानकारी ....हैप्पी बर्थडे टू समोसा जी.

नीरज गोस्वामी ने कहा…

ह्म्म्म्म्म ये क्या कर दिया आपने लंच टाईम पर इतनी यम्मी पोस्ट डाली है समोसे पर...मुंह में पानी आ रहा है...समोसे तुम जियो हजारों साल साल के दिन हों पचास हज़ार...मैंने अपने विदेश भ्रमण के दौरान खास तौर पर अमेरिका और युरोपे में समोसे का आनंद उठाया है लेकिन जो उत्तर भारत में समोसा बनता है खास तौर में हमारे जयपुर में उसका कोई जवाब नहीं....
नीरज

राज भाटिय़ा ने कहा…

सिर्फ़ चार समोसे ? अजी ओर्कुत पे जा कर हमारे घर के बने समोसे खाईये, ओर जितने मर्जी, ताजा ताजा.
आप ने बहुत अच्छी जानकारी दी.
धन्यवाद

मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

बड़े मजेदार समोसे हैं ये तो...तभी तो राजदरबार से लेकर विदेशों तक इनका जलवा है.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

Samose ke itihas par itni jankari pahli bar padhi...ab sochne ki bat hai ki pahle samose khaun ya fir iska itihas dimag men ghusaunu....Wonder Post!!

Renu goel ने कहा…

सबसे पहले तो समोसे को जन्मदिन की बधाई...
बूढ़ा समोसा पर बच्चो को यानी पेटीज, को मात
देता....आज भी समोसा सामने आते ही सबके
मुँह मे पानी आ जाता है ....देश ही नही विदेशों
मे भी .... इसके बारे मे इतनी जानकारी देने का
धन्यवाद

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

समोसे तुम जियो हजारों साल साल" आपके लेख से यह उक्ति सार्थक सिद्ध हो गई.

जानकारी से भरे लेख पर आपका हार्दिक आभार.

चन्द्र मोहन गुप्त

Alpana Verma ने कहा…

समोसों की भी वर्षगाँठ मनायी गयी! क्या बात है!समोसा पसंद करने वालों को बधाईयाँ...

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

समोसे....मेरी कमजोरी हैं.आप तो एक दर्ज़न समोसे इधर भिजवा दीजिये.

RAJ SINH ने कहा…

बहुत ही मज़ेदार जानकारी . हम तो अब तक उम्र जाने बिना ही मस्त होते रहे खा कर कर .और इतना जन प्रिय की हर शहर का अपना समोसा और शहर में भी फलां का समोसा .

और जैसा बंधुओं ने बताया ......इन्तेर्नेसनल हो गया है . पोस्ट के लिए बधाई .

Urmi ने कहा…

मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा!
काफी अरसे हो गए समोसा खाए हुए क्यूंकि मैं ऑस्ट्रेलिया में रहती हूँ इसलिए यहाँ समोसा नहीं मिलता! आपका पोस्ट पड़कर और समोसा का फोटो देखकर मुह में पानी आ गया! बहुत ही अच्छी और मज़ेदार जानकारी दी है आपने!
मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!

!!अक्षय-मन!! ने कहा…

waah waah! yahan har jayeka milta hai/.......

Asha Joglekar ने कहा…

अरे वाह समोसे का तो पूरा इतिहास पढा दिया आपने । जान कर खुशी हुई कि समोसा जी हजार साल के हो चुके हैं । Happy Birth day jee !
पर हमारे समोसे कहाँ हैं ?

ρяєєтii ने कहा…

Samosa - sunte hi muh main paani aa gaya... kai jaankariya deta hua bahut hi prerak lekh..!