अखिल भारतीय श्री कृष्ण चेतना संस्थान के तत्वाधान में 1 सितम्बर, 2013 को श्री कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन इलाहाबाद में किया गया। इस अवसर पर जहाँ भगवान श्री कृष्ण के विचारों को पुनः रेखांकित किया गया, वहीँ श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ एवं चर्चित साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका गीता-ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस बात पर जोर दिया कि आज देश के युवाओं को श्रीकृष्ण के विराट चरित्र के बृहद अध्ययन की जरूरत है। राजनेताओं को उनकी विलक्षण राजनीति समझने की दरकार है और धर्म के प्रणेताओं, उपदेशकोंको यह समझने की आवश्यकता है कि श्रीकृष्ण ने जीवन से भागने या पलायन करने या निषेध का संदेश कभी नहीं दिया। श्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण ने कभी कोई निषेध नहीं किया। उन्होंने पूरे जीवन को समग्रता के साथ स्वीकारा है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में इलाहाबाद के पूर्व जिलाधिकारी श्री महावीर यादव ने कहा कि हमारे अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म की परम गहराइयों व ऊंचाइयों पर जाकर भी गंभीर या उदास नहीं हैं। इलाहाबाद विश्विद्यालय के प्रो. उमाकांत यादव ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। यहाँ तक कि वे लोग जिन्हें हम साधारण रूप में नास्तिक या धर्म निरपेक्ष की श्रेणी में रखते हैं, वे भी निश्चित रूप से भगवतगीता से प्रभावित हैं। जिला सूचना अधिकारी जे. एस. यादव ने श्री कृष्ण के विचारों को सदैव प्रासंगिक बताया। संस्थान के
अध्यक्ष इं. राम किशोर यादव ने सभी का स्वागत करते हुए भगवान श्री कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। संस्थान के महामंत्री जगदम्बा सिंह यादव ने सभी का आभार ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया।
जगदम्बा सिंह यादव
महामंत्री - अखिल भारतीय श्री कृष्ण चेतना संस्थान, इलाहाबाद
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