आज मदर्स डे है. माँ हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और माँ की वजह से हम आज इस दुनिया में हैं. दुनिया में माँ का एक ऐसा अनूठा रिश्ता है, जो सदैव दिल के करीब होता है. हर छोटी-बड़ी बात हम माँ से शेयर करते हैं. दुनिया के किसी भी कोने में रहें, माँ की लोरी, प्यार भरी डांट और चपत, माँ का प्यार, दुलार, स्नेह, अपनत्व व ममत्व, माँ के हाथ का बना हुआ खाना, किसी से झगडा करके माँ के आँचल में छुप कर अपने को महफूज़ समझना, बीमार होने पर रात भर माँ का जगकर गोदी में सर लिए बैठे रहना, हमारी हर छोटी से छोटी जिद को पूरी करना, हमारी सफलता के लिए देवी-देवताओं से मन्नतें मांगना ..ना जाने क्या-क्या कष्ट माँ हमारे लिए सहती है और एक दिन हम सफलता के पायदान पर चढ़ते हुए अपनी अलग ही जिदगी बसा लेते हैं. माँ की नजरों से दूर अपनी दुनिया में, फिर भी माँ रोज हमारी चिंता करती है. हम सोचते हैं कि हम बड़े हो चुके हैं, पर माँ की निगाह में तो हम बच्चे ही हैं. आज मदर्स डे पर ऐसा ही कुछ भाव लिए मेरी यह कविता –
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बचपन से ही देखता आ रहा हूँ माँ के आँसू
सुख में भी, दुख में भी
जिनकी कोई कीमत नहीं
मैं अपना जीवन अर्पित करके भी
इनका कर्ज नहीं चुका सकता।
हमेशा माँ की आँखों में आँसू आये
ऐसा नहीं कि मैं नहीं रोया
लेकिन मैंने दिल पर पत्थर रख लिया
सोचा, कल को सफल आदमी बनूँगा
माँ को सभी सुख-सुविधायें दूँगा
शायद तब उनकी आँखों में आँसू नहीं हो
पर यह मेरी भूल थी।
आज मैं सफल व्यक्ति हूँ
सारी सुख-सुविधायें जुटा सकता हूँ
पर एक माँ के लिए उसके क्या मायने ?
माँ को सिर्फ चाहिए अपना बेटा
जिसे वह छाती से लगा जी भर कर प्यार कर सके
पर जैसे-जैसे मैं ऊँचाईयों पर जाता हूँ
माँ का साथ दूर होता जाता है
शायद यही नियम है प्रकृति का।
26 टिप्पणियां:
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
sahi kaha maa ko to bas beta chahiye...
कृष्ण जी, बहुत सुन्दर कविता..शायद यही जीवन का सच है. मदर्स डे की शुभकामनायें.
मदर्स डे पर आप सभी को शुभकामनायें। यदि आप माँ के साथ हैं तो उनका दिल ना दुखाएं और यदि माँ से भौतिक रूप से दूर हैं तो आज का दिन माँ को समर्पित कर दें। एक बार फिर से बच्चे बन कर देखिये.....माँ के नाजुक हाथों का स्पर्श स्वमेव अपने ऊपर आशीर्वाद के रूप में पाएंगे !!!
मदर्स डे पर गहन अनुभूतियों को समेटती कविता और भाव..बधाइयाँ.
सुंदर भावों से परिपूर्ण रचना ...मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
जीवन का सच सुन्दर शब्दों में आपने उकेरा. जितनी भी बड़ाई करूँ कम है. मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
शानदार प्रस्तुति..पढ़कर आँखों में आंसू आ गए. माँ का स्थान कोई नहीं ले सकता. आज माँ को याद करें.
माँ की याद में सुन्दर कविता...हमें भी पसंद आई. शायद यही दुनिया का दस्तूर है.
माँ की याद में सुन्दर कविता...हमें भी पसंद आई. शायद यही दुनिया का दस्तूर है.
Hello Mammi-Papa, Thanks for being best Mammi-Papa in the world.I love u so much..Wishing Happy Mom Day.
अंतर्मन की सुन्दर अभिव्यक्ति...मदर्स डे की शुभकामनायें.
संसार की समस्त माताओं को नमन
आप सभी को मातृ-दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
ममतामयी माँ को प्रणाम!!
ममता की सघन अनुभूति..मन को भा गई.
बचपन से ही देखता आ रहा हूँ माँ के आँसू
सुख में भी, दुख में भी
जिनकी कोई कीमत नहीं
मैं अपना जीवन अर्पित करके भी
इनका कर्ज नहीं चुका सकता।
..बहुत सुन्दर कविता..माँ पर जितना लिखा जाए..कम ही है.
बहुत ही सुंदर कविता, मेरी हर सुबह मां के नाप पै होती है फ़िर सिर्फ़ एक दिन क्यो???
दिल को छूने वाली कविता..मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
मातृ-दिवस पर बेहतरीन प्रस्तुति..माँ को नमन.
सुंदर भावों से परिपूर्ण रचना ...मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
Today Mother's Day..The occasion of Mother's Day is extraordinary for all of us. It's time to love, kiss and hug the most precious creation of God- our Mom! All through our lives we love to put our heads in the lap of our mothers, unmindful of our status, position and standing. For her, we always remain the small kid but this is the day to visit our Mom, spend time with her, hold her hands and reassure her of our love and care. so its mom day..Congts !!
sundar kavita ke liye aapko badhai.mother is living god of earth
ेक कड्वी हकीकत बयान कर दी………।कल के चर्चा मंच पर आपकी पोस्ट होगी।
एक सच्चाई भरी रचना...माँ त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति होती हैं...माँ को नमन..मातृ दिवस की हार्दिक बधाई
दिनों की महिमा भी अजीब है..साल भर में हम नौ दिन नवरात्र में ही माँ की आराधना जोड़ते हैं, फिर इस मदर्स डे पर इतना हल्ला क्यों. यदि हमने पश्चिम से कुछ सीखा है तो उन्होंने भी हमसे बहुत कुछ सीखा है. योग भारत की ही देन है, पर आज हर बहुराष्ट्रीय कंपनी इसे अपने अधिकारीयों के लिए अनिवार्य मानती है. हम अपने ही देश भारत में हिंदी दिवस मानते हैं, यह तो पश्चिम से नहीं आया. यह तो हमारी ही देन है. हर चीज पर पश्चिम को कोसना कोई हल नहीं है.
@ Vandna ji,
Thanks for this.
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