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सोमवार, 27 जून 2011

अंडमान में 'सरस्वती सुमन' का लोकार्पण और संगोष्ठी : चित्रमय झलकियाँ

(कृष्ण कुमार यादव के अतिथि संपादन में जारी 'सरस्वती-सुमन' पत्रिका के 'लघु-कथा' विशेषांक (जुलाई-सितम्बर-2011) का पोर्टब्लेयर (अंडमान) में 26 जून को विमोचन करते हुए डा. आनंद सुमन 'सिंह', प्रधान संपादक-सरस्वती सुमन, श्री एस. एस. चौधरी, प्रधान वन सचिव, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, एवं डा. जयदेव सिंह, प्राचार्य टैगोर राजकीय शिक्षा महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर.)

(उपस्थित विद्वान जन, साहित्यकार और श्रोतागण)(लघु-कथा विशेषांक पर प्रकाश डालते अतिथि संपादक- कृष्ण कुमार यादव)
(कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष- देहरादून से पधारे, डा. आनंद सुमन 'सिंह', प्रधान संपादक-सरस्वती सुमन )
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(कार्यक्रम के दूसरे सत्र में 'वर्तमान दौर में साहित्य के बदलते सरोकार' विषय पर संगोष्ठी हुई. जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये.)
(मुख्य अतिथि श्री एस. एस. चौधरी, प्रधान वन सचिव, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह,का संबोधन)(कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह,का संबोधन) (डा. आर. सी. श्रीवास्तव, निदेशक- केंद्रीय कृषि अनुसन्धान संस्थान का संबोधन)
(डा. व्यास मणि त्रिपाठी, संपादक-द्वीप लहरी एवं एसोसिएट प्रोफ़ेसर, हिंदी विभाग, जवाहर लाल नेहरु राजकीय महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर का संबोधन)

(डा. संत प्रसाद राय, शिक्षाविद का संबोधन) (डा. आर. एन. रथ, विभागाध्यक्ष, राजनीति शास्त्र, जवाहर लाल नेहरु राजकीय महाविद्यालय, एवं अध्यक्ष- चेतना, पोर्टब्लेयर का संबोधन)

(श्री दुर्ग विजय सिंह 'दीप', उपनिदेशक-आकाशवाणी, पोर्टब्लेयर का संबोधन)

























11 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

शुभकामनायें आपको।

ANKUR ने कहा…

हार्दिक शुभकामनायें।

Satish Saxena ने कहा…

हिंदी सत्संग पर शुभकामनायें आपको !

Rajeev Bharol ने कहा…

लघु-कथा अंक का इन्तेज़ार है.. मैं सरस्वती सुमन का आजीवन सदस्य हूँ. बहुत ही अच्छी साहित्यिक पत्रिका है. डॉ आनंद सुमन सिंह जी से फोन पर बात हुई है, ईमेल भी आता जाता है लेकिन तस्वीर पहली बार देखी बहुत अच्छा लगा.

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बढिया प्रस्तुति।शुभकामनायें आपको।

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

सरस्वती सुमन के लघु-कथा विशेषण के सार्थक संपादन और भव्य विमोचन के लिए कृष्ण कुमार यादव जी को कोटिश: बधाइयाँ. आशा करता हूँ कि शीघ्र ही अंक भी प्राप्त होगा.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

भाई कृष्ण कुमार जी की सक्रियता अंडमान में भी बनी हुई है. आपके सान्निध्य में वहां भी साहित्यिक गतिविधियाँ चलती रहती हैं, देखकर हर्ष होता है.

Shahroz ने कहा…

देश-विदेश के 126 लघुकथाकारों की लघुकथाओं और 10 सारगर्भित आलेखों को समेटे सरस्वती सुमन के इस अंक का सुदूर अंडमान से संपादन अपने आप में एक गौरवमयी उपलब्धि मानी जानी चाहिए. सरस्वती सुमन के इस लघु कथा विशेषांक के अतिथि संपादन के लिए कृष्ण कुमार यादव जी और प्रधान संपादक आनंद सुमन सिंह जी को बधाइयाँ.

Shahroz ने कहा…

अंडमान में शानदार आयोजन के लिए बधाइयाँ. के.के. सर जी वहां भी सभी को सक्रिय हुए हैं.

मन-मयूर ने कहा…

अंडमान में हिंदी के प्रति सक्रियता परिलक्षित होने लगी है और इसका श्रेय जाता है श्री कृष्ण कुमार यादव जी को. इस अद्भुत आयोजन और समाचार के लिए आभार.

मन-मयूर ने कहा…

सरस्वती सुमन का यह लघु-कथा विशेषांक पढने का सौभाग्य मिला. वाकई गागर में सागर. अब तक हिंदी में लघुकथाओं पर सबसे बड़ा विशेषांक.. श्री कृष्ण कुमार यादव जी को इस अनूठे अंक हेतु जितनी भी बधाई दी जाय कम ही होगी.