डायरी के पुराने पन्नों को पलटिये तो बहुत कुछ सामने आकर घूमने लगता है. ऐसे ही इलाहाबाद विश्विद्यालय में अध्ययन के दौरान प्यार को लेकर एक कविता लिखी थी. आज आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूँ-
दो अजनबी निगाहों का मिलना
मन ही मन में गुलों का खिलना
हाँ, यही प्यार है............ !!
आँखों ने आपस में ही कुछ इजहार किया
हरेक मोड़ पर एक दूसरे का इंतजार किया
हाँ, यही प्यार है............ !!
आँखों की बातें दिलों में उतरती गई
रातों की करवटें और लम्बी होती गई
हाँ, यही प्यार है............ !!
सूनी आँखों में किसी का चेहरा चमकने लगा
हर पल उनसे मिलने को दिल मचलने लगा
हाँ, यही प्यार है............ !!
चाँद व तारे रात के साथी बन गये
न जाने कब वो मेरी जिन्दगी के बाती बन गये
हाँ, यही प्यार है............ !!
15 टिप्पणियां:
taumra aankhon mein us pal ko jeete jana ... haan yahi pyaar hai
बहुत बढ़िया सर!
सादर
सच कहा, हाँ यही प्यार है।
सुंदर रचना.
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
सुन्दर भावों से सुसज्जित कविता...बधाई और आशीष.
सुन्दर भावों से सुसज्जित कविता...बधाई और आशीष.
सूनी आँखों में किसी का चेहरा चमकने लगा
हर पल उनसे मिलने को दिल मचलने लगा
हाँ, यही प्यार है............ !!
खुबसूरत शब्दों में प्यार को ढाला....बधाई हो सर जी.
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
प्यार अनमोल है..सुन्दर कविता ..मुबारकवाद.
वाह ...बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।
प्यार बड़ी सौगात है। संभालकर रखें और उसे याद करते रहें जीवनभर। शुभकामना।
sunder rachna ke liye badhai,
एक सुन्दर रचना के लिये सुन्दर दिल का होना अति आवश्यक होता है। यह रचना आपके सुन्दर दिल की परिकल्पना है या अभिभूति? यह तो आप ही बता सक्ते है, परंतु कविता उच्च श्रेणी की है।
सूनी आँखों में किसी का चेहरा चमकने लगा
हर पल उनसे मिलने को दिल मचलने लगा
हाँ, यही प्यार है............ !!
दिल बाग-बाग हो गया यह पोस्ट पढ़कर .
चित्र भी बड़ा रोमांटिक लगाया है...
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