भरी हुई है दुनिया
एक सम्बन्ध से नाता टूटा
हर दिन न जाने कितने ही
सम्बन्धों से जुड़ते हैं लोग
कोई औपचारिक
तो कोई अनौपचारिक
पर कई सम्बन्ध
ऐसे भी होते हैं
जो न चाहते हुये भी
जुड़ जाते हैं,
क्योंकि
उनका नाता कहीं
मन की गहराईयों से होता है
ये सम्बन्ध
साथ भले
ही न निभा सकें
पर चेतन या अवचेतन में
उनकी टीस सदा बनी रहती है।
11 टिप्पणियां:
ji badhiya....
kunwar ji,
Bahut Achcha.......!!!!! Maja aa gaya padh ke,,,,,,!!!!!
http://idharudharki1bat.blogspot.com
बड़ी सहज प्यारी सी कविता ! बधाई !
सच कहा!
बहुत उम्दा भाव-एक बेहतरीन रचना!
आप ने अपनी इस कविता मै बहुत सुंदर बात कही. धन्यवाद
जटिल और सहज संबंधों का सुन्दर रूपक...लाजवाब कविता.
बेहतरीन अभिव्यक्तियाँ..सुन्दर भाव..सहज शब्द..बधाई.
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बहुत ही सरल शब्दों में गहरी बात कह दी........सम्बन्धो की दुनिया का सच कह दिया।दिल को छू गयी आपकी रचना।
Very nice.lekh man se likha hai aapne.
prabhuta ,kshamta, yash ko samete,yun hi hasate rahna.........
har dil par has- haskar yun hi basate rahana.
really aapki lekhini ishwar ka vardan hai....thanks
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