राजस्थान अपनी ऐतिहासिकता और स्थापत्य कला लिए प्रसिद्ध है। जयपुर यहाँ जोधपुर सबसे महत्वपूर्ण बड़ा शहर है। उमेद भवन पैलेस यहाँ सबसे प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। इसके संस्थापक महाराजा उमेदसिंह (1929-1942) के काल में ही जोधपुर एक आधुनिक शहर के रूप में विकसित हुआ।
महराजा उमेदसिंह ने उमेद भवन पैलेस बनवाया था। यह महल छित्तर महल के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह महल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। हाथ से तराशे गए पत्थरों के टुक़डे अनोखे ढंग से एक-दूसरे पर टिकाए गए हैं। इनमें दूसरा कोई पदार्थ नहीं भरा गया है। महल के एक हिस्से में होटल और दूसरे में संग्रहालय है, जिसमें आधुनिक हवाई जहाज, शस्त्र, पुरानी घड़ियाँ, कीमती क्रॉकरी तथा शिकार किए जानवर रखे गए हैं।
उम्मेद भवन पैलेस का नाम इसके संस्थापक महराजा उमेदसिंह (1929-1942) के नाम पर रखा गया है। चित्तर पहाड़ी पर होने के कारण यह सुंदर महल 'चित्तर पैलेस' के रूप में भी जाना जाता है। यह भारत - औपनिवेशिक स्थापत्य शैली और डेको-कला का एक आदर्श उदाहरण है। डेको कला स्थापत्य शैली यहाँ हावी है और यह 1920 और 1930 के दशक के आसपास की शैली है।
महल को तराशे गये बलुआ पत्थरों को जोड़ कर बनाया गया था। महल के निर्माण के दौरान पत्थरों को बाँधने के लिये मसाले का उपयोग नहीं किया गया था। यह विशिष्टता बड़ी संख्या में पर्यटकों को इस महल की ओर आकर्षित करती है। इस सुंदर महल के वास्तुकार हेनरी वॉन, एक अंग्रेज थे। महल का एक हिस्सा हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है, जबकि बाकी हिस्सा एक संग्रहालय के रूप में है, जिसमें विंटेज कारें, आधुनिक हवाई जहाज प्रतिरूप, शस्त्र, पुरानी घड़ियाँ, कीमती क्रॉकरी तथा शिकार किए जानवर रखे गए हैं। अपने स्थापत्य के कारण उम्मेद भवन पैलेस देश ही नही वरन विदेशो में भी काफी प्रसिद्ध है !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें