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शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

नए आयामों के साथ - INDIPEX 2011

दिल्ली के प्रगति मैदान में कल 12 से 18 फरवरी तक होने वाली अंतरराष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी-इंडिपेक्स 2011 'INDIPEX-2011'कई मायनों में यादगार होगी. इस दौरान डाक विभाग तमाम नए आयाम स्थापित करने की कोशिश करेगा, वहीँ डाक टिकटों के प्रति लोगों में क्रेज पैदा करने और देखने का भी यह सुनहरा अवसर है. गौरतलब है कि भारत में पहली अन्तराष्ट्रीय डाक टिकट (फिलेटलिक) प्रदर्शनी का आयोजन 1954 में डाक टिकटों की शताब्दी वर्ष में हुआ था.

इंडिपेक्स 2011 'INDIPEX-2011' का उद्घाटन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल करेंगी। इस प्रदर्शनी में 70 देशों से 595 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस प्रदर्शनी में स्वीडन के दुर्लभ डाक टिकट ट्रेस्किलिंग एलो को भी रखा जाएगा जिसका बाजार में अनुमानित मूल्य 16 लाख पौंड है। भारतीय डाक टिकटों में सबसे कीमती 1854 में जारी चार आना टिकट है।

इंडिपेक्स 2011 'INDIPEX-2011' डाक टिकट प्रदर्शनी का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि भारत ने ही दुनिया में सर्वप्रथम इलाहबाद से नैनी के मध्य प्रतीकात्मक रूप में एयर-मेल सेवा आरंभ की. यह ऐतिहासिक घटना 18 फरवरी 1911 को इलाहाबाद में हुई। अर्थात जिस दिन 'INDIPEX-2011' के आयोजन का अंतिम दिन होगा, उसी दिन इस ऐतिहासिक घटना के 100 साल भी पूरे हो जायेंगें. इस दौरान छोटे सोमर हवाई जहाज से इलाहाबाद से नैनी तक 6,500 चिठ्ठियां ले जाने वाली दुनिया की पहली आधिकारिक एयरमेल सेवा पर भी तीन विशेष डाक टिकट जारी किए जाएंगे। इस छोटे हवाई जहाज को 18 फरवरी 1911 को फ्रांस के पायलट हेनरी पेक्वेट ने उड़ाया था। इस विमान के माध्यम से भेजी गई चिठ्ठियों में पंडित जवाहरलाल नेहरू के अलावा कई गणमान्य लोगों के पत्र शामिल थे। भारतीय वायुसेना की ओर से इस अवसर पर 12 फरवरी को इलाहाबाद से नैनी तक विशेष विमान उड़ान भरेगा।

प्रदर्शनी के दौरान ग्राहकों की पसंद का डाक टिकट तैयार करने की शुरूआत भी हो रही है। माई स्टाम्प नामक इस योजना का मकसद डाक टिकटों के माध्यम से डाक विभाग की आय बढ़ाना है। ऐसे प्रत्येक स्टाम्प की कीमत 150 रूपए होगी। इस तरह की सेवा ब्रिटेन की रायल मेल, फ्रांस की ला पोस्ट, जर्मनी की डोएचे पोस्ट, अमेरिकी पोस्टल सर्विस में पहले से उपलब्ध है।

दुनिया के कई देशों ने कागज के अलावा वस्त्रों सहित अन्य वस्तुओं पर भी डाक टिकट जारी किए हैं लेकिन भारत में अब तक कागज पर डाक टिकट जारी करने का चलन है। लेकिन पहली बार कागज के अतिरिक्त खादी के वस्त्र पर डाक टिकट जारी किए जा रहे हैं। इस तरह के पहले टिकट खादी के कपड़े पर जारी किए जा रहे हैं जो महात्मा गांधी को समर्पित होंगे। इसकी कीमत 250 रूपए रखी गई है।

भारतीय डाक विभाग द्वारा समय-समय पर भारतीय अभिनेताओं पर तमाम डाक टिकट जारी किए गए हैं, मगर अभिनेत्रियों में अभी तक मात्र यह सौभाग्य नर्गिस और मधुबाला को मिला है. दिल्ली के प्रगति मैदान में कल 12 से 18 फरवरी तक होने वाली अंतरराष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी-इंडिपेक्स 2011 में छह अभिनेत्रियों पर भी डाक टिकट जारी किये जायेंगें. रूपहले पर्दे पर अपने सशक्त अभिनय और अप्रतिम सौन्दर्य से मंत्रमुग्ध करने वाली गुजरे जमाने की अदाकारा सावित्री, लीला नायडू, देविका रानी, कानन देवी, नूतन और मीना कुमारी के सम्मान में ये डाक टिकट जारी होंगे।

8 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कई रोचक तथ्य।

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत रोचक जानकारी, हमारे यहां तो हम अपने चित्र के संग भी अपनी डाक टिकट घर पर ही छाप सकते हे अपने प्रिंटर से, ओर उसे सीधे लिफ़ाफ़े पर या जहां चिपकानी हे वहां भी छाप सकते हे,कोई एक्स्ट्रा चार्ज नही देना पडता

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

अच्छी जानकारी...........डाक विभाग का अच्छा प्रयास है.

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

इस अद्भुत और उपयोगी जानकारी को लेख के माध्यम से देने के लिए आभार

KK Yadav ने कहा…

Thanks for liking & Nice comments !!

KK Yadav ने कहा…

Bhatiya Ji,

चिंता न करें, इण्डिया में भी वो दिन आयेगा.

Bhanwar Singh ने कहा…

वाह, नई-नई बातें..जय हो डाक विभाग की.

अपना भी चेहरा अब डाक टिकट पर..बल्ले-बल्ले.

Bhanwar Singh ने कहा…

साहित्य का प्रकाश यूँ ही चारों तरफ फैलाते रहें
कृष्ण बनकर जग का अँधियारा भगाते रहें.

भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2010‘‘ से सम्मानित होने पर श्री कृष्ण कुमार यादव जी को हार्दिक शुभकामनायें और बधाइयाँ.