आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.02.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/ चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
साहित्य का प्रकाश यूँ ही चारों तरफ फैलाते रहें कृष्ण बनकर जग का अँधियारा भगाते रहें.
भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2010‘‘ से सम्मानित होने पर श्री कृष्ण कुमार यादव जी को हार्दिक शुभकामनायें और बधाइयाँ.
34 टिप्पणियां:
कांँटों में गुलाब पलता है
कष्टों में गुलाब चलता है
बच्चों अपनाओं इस गुण को
जीवन इसी तरह चलता है।
..बहुत बढ़िया सीख देती रचना ....
सकारत्मक सोच लिए सुन्दर रचना ।
लेकिन --
वक्त की ये कैसी हवा चली
खो गई खुशबू गुलाबों की ।
इस पर भी सोचना होगा ।
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.02.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
शिक्षाप्रद सुन्दर बाल कविता .आभार
sunder seekh deti rachna
sunder seekh deti rachna
अति सुंदर विचार
अच्छी सीख देती सुन्दर रचना
गुलाब बनो... काँटों के मध्य अपने सौन्दर्य अपनी गरिमा को बनाये रखो
सुन्दर गीत!!
सुन्दर गीत!!
dil ko choo liya aapki rachn ne.
shukriya.
yun hi rachnasheelta kayam rahe.
आपने बच्चों से कहा है पर जो अब बच्चे नहीं रहे उनके लिए भी ये उतनी ही सार्थक कविता है । हों किसी भी रंग में पर रहें गुलाब । धन्यवाद एवं शुभकामनाएँ !
कांँटों में गुलाब पलता है
कष्टों में गुलाब चलता है
बच्चों अपनाओं इस गुण को
जीवन इसी तरह चलता है।
बहुत सुंदर लिखा है -
बधाई
प्रेरक और सार्थक संदेश
खूबसूरत!!!
प्रेम तथा गुलाब दोनों रचनाएँ उत्तम हैं.
सुन्दर सीख देती सुन्दर रचना।
..बहुत बढ़िया सीख देती रचना ....
..बहुत बढ़िया सीख देती रचना ....
बहुत सुन्दर शब्दों में सहेजा गुलाबी भावों को...बधाई.
साहित्य का प्रकाश यूँ ही चारों तरफ फैलाते रहें
कृष्ण बनकर जग का अँधियारा भगाते रहें.
भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2010‘‘ से सम्मानित होने पर श्री कृष्ण कुमार यादव जी को हार्दिक शुभकामनायें और बधाइयाँ.
गुलाब के बहाने बहुत गहरी बातें कह दी आपने, बधाई।
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ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।
बहुत बढ़िया सीख देती रचना| धन्यवाद्|
कांँटों में गुलाब पलता है
कष्टों में गुलाब चलता है
बच्चों अपनाओं इस गुण को
जीवन इसी तरह चलता है। ....
सुन्दर संदेश देती कविता के लिए बधाई।
आप सभी को यह बाल-कविता पसंद आई..आप सभी का आभार. यूँ ही अपना स्नेह बनाये रखें.
@ Er. Satyam Ji,
इस खूबसूरत चर्चा के लिए बहुत-बहुत आभार.
@ Rajnish Ji,
सही कहा आपने..बड़े-बच्चे दोनों के लिए है यह.
@ Bhanvar,
आपकी शुभकामनाओं के लिए बहुत-बहुत आभार.
गुलाब की बात ही निराली है...सुन्दर कविता लिखी.
गुलाब व काँटे, गहरा साथ है।
यह गुलाब तो वाकई सुन्दर है, खूबसूरत कविता..सुन्दर सन्देश..के.के. जी को बधाई.
यह गुलाब तो वाकई सुन्दर है, खूबसूरत कविता..सुन्दर सन्देश..के.के. जी को बधाई.
शायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
सूचनार्थ
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