अब समय है आपसे खुशखबरी शेयर करने का। प्रोन्नति पश्चात् मैंने आज 22 जनवरी, 2010 को अंडमान-निकोबार दीप समूह के निदेशक(डाक) का पदभार संभाल लिया है।
वाकई यह एक खूबसूरत जगह है, जहाँ आप प्रकृति के सान्निध्य का पूरा लाभ उठा सकते हैं। समुद्र की लहरें यहाँ जब अठखेलियाँ करती हैं तो वो दृश्य देखते ही बनता है। प्रशासन के साथ-साथ हिंदी साहित्य में अभिरुचि रखने के कारण यहाँ मैं अपने साहित्य को भी समृद्ध कर सकूँगा।
पिछले साढ़े चार सालों से मैं कानपुर में विभिन्न पदों पर रहा, और यह एक उचित समय है जब मैं एकाकार जीवन की बजाय अंडमान-निकोबार की विविधता का सपरिवार आनंद उठाऊँ। इससे पूर्व सूरत, लखनऊ और कानपुर में मैंने विभिन्न पदों पर कार्य किया है, पर मुख्य-भूमि से दूर कार्य का यह पहला अनुभव है।
कोशिश करूँगा कि ब्लॉग के माध्यम से यहाँ के अनुभवों को आप सभी के साथ शेयर कर सकूँ. कभी पोर्टब्लेयर आयें तो अवश्य मिलें, ख़ुशी होगी !!
10 टिप्पणियां:
धन्यवाद सर. अब लगता है अंडमान घूमने का कार्यक्रम बनाना ही पड़ेगा.
सब से पहले आप को ढेरो बधाई, फ़िर एक कमरा अब हमारे लिये अलग से रख ले, जब भी घुमने आये तो जवर्द्स्ती से ही डेरा अप के घर पर डालेगे..:)
अरे भाई हम भी कतार में हैं....
आपके अनुभवों का इंतजार रहेगा...बधाई.
आपके अनुभवों का इंतजार रहेगा...बधाई.
सुना है कि पोर्टब्लेयर बहुत खूबसूरत जगह है. सेलुलर जेल भी तो वहीँ है. कभी आये तो मुलाकात होगी.
Ab Portblair men rahkar ap "Kala Pani" jaise koi nowel likh sakenge, tahi kai anjane tathya samaj ke samne ayen.
प्रशासन के साथ-साथ हिंदी साहित्य में अभिरुचि रखने के कारण यहाँ मैं अपने साहित्य को भी समृद्ध कर सकूँगा।
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आपकी कृतियों का इंतजार रहेगा.
काश कभी हम भी यह जगह घूम सकें.
Mubarak ho Big Bro.
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