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रविवार, 1 अक्तूबर 2023

डिजिटल क्रान्ति के युग में हिन्दी में विश्व भाषा बनने की क्षमता - कृष्ण कुमार यादव

हिन्दी में विश्व भाषा बनने की क्षमता है। जैसे-जैसे विश्व में भारत के प्रति दिलचस्पी बढ़ रही है, वैसे-वैसे हिन्दी के प्रति भी रुझान बढ़ रहा है। आज 'अमृत काल' में  परिवर्तन और विकास की भाषा के रूप में हिन्दी के महत्व को नये सिरे से रेखांकित किया जा रहा है। हिन्दी अपनी सरलता, सुबोधता, वैज्ञानिकता के कारण ही आज विश्व में तीसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा है। वैश्विक स्तर पर हिंदी बोलने व समझने वालों की संख्या 1अरब 40 करोड़ है।इस आधार पर देखें तो 2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी बोलेगा। दुनिया के 200 से ज्यादा विदेशी विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जा रही है। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने प्रधान डाकघर, वाराणसी में 29 सितंबर को आयोजित हिंदी पखवाड़ा समापन व पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। 

इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल ने विशिष्ट अतिथि द्वय वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल और आकाशवाणी के सहायक निदेशक श्री राजेश गौतम संग क्षेत्रीय कार्यालय, प्रधान डाकघर, वाराणसी पूर्वी मंडल और पश्चिमी मंडल के कुल 48 डाककर्मियों को विभिन्न प्रतियोगिता के विजेता रूप में पुरस्कृत किया। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि हिंदी हमारे रोजमर्रा की भाषा है और इसे सिर्फ पखवाड़ा से जोड़कर देखने की जरूरत नहीं है। जरूरत इस बात की है कि हम इसके प्रचार-प्रसार और विकास के क्रम में आयोजनों के साथ ही अपनी दैनिक दिनचर्या से भी जोड़ें। हिन्दी आज सिर्फ साहित्य और बोलचाल की ही भाषा नहीं, बल्कि विज्ञान-प्रौद्योगिकी से लेकर संचार-क्रांति एवं सूचना-प्रौद्योगिकी से लेकर व्यापार की भाषा बनने की ओर अग्रसर है। डिजिटल क्रान्ति के इस युग में वेबसाइट्स, ब्लॉग और सोशल मीडिया ने हिन्दी का दायरा और भी बढ़ा दिया है। 

वरिष्ठ साहित्यकार एवं बीएचयू में प्रोफ़ेसर श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि हिन्दी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि हम सबकी पहचान है, यह हर हिंदुस्तानी का हृदय है। हिंदी की सबसे बड़ी ताकत उसके बोलने वालों की बड़ी संख्या है। लोकभाषा और जनभाषा के रूप में हिंदी भारतीय समाज के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व हजारों वर्षों से करती रही है। हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ-साथ राजभाषा भी है, ऐसे में इसके विकास के लिए जरुरी है कि हम हिंदी भाषा को व्यवहारिक क्रियाकलापों के साथ-साथ राजकीय कार्य में भी प्राथमिकता दें।

आकाशवाणी के सहायक निदेशक श्री राजेश गौतम ने कहा कि राजभाषा के साथ-साथ भारतीय भाषाओं और बोलियों के बीच संपर्क भाषा के रूप में भी हिंदी ने नए आयाम गढ़े हैं। राजभाषा के रूप में हिंदी के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए गए हैं। 

सहायक निदेशक राजभाषा श्री बृजेश शर्मा ने बताया कि डाक विभाग की ओर से हिंदी पखवाडे़ के दौरान निबंध, पत्र लेखन, टंकण, काव्य पाठ, टिप्पणी व आलेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सभी कर्मियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिन्दी पखवाड़े को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।  

कार्यक्रम में प्रवर डाक अधीक्षक राजन, सहायक निदेशक राजभाषा बृजेश शर्मा, आरके चौहान, सहायक अधीक्षक दिलीप कुमार, अजय कुमार, डाक निरीक्षक श्रीकांत पाल, इंद्रजीत पाल, दिलीप पांडेय, सर्वेश सिंह, साधना मिश्रा, सहित तमाम विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में स्वागत सहायक निदेशक राजभाषा बृजेश शर्मा, आभार ज्ञापन प्रवर डाक अधीक्षक राजन और संचालन सहायक अधीक्षक अजय कुमार ने किया।




शनिवार, 23 सितंबर 2023

जन्मदिन व वर्षगांठ जैसे महत्वपूर्ण दिनों पर पौधारोपण कर दी जा सकती है समाज को नई दिशा - कृष्ण कुमार यादव

पर्यावरण की रक्षा के लिए जरुरी है कि हम इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने के साथ पौधारोपण को जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण दिनों से जोड़ें। भारतीय परंपरा में पेड़-पौधों को परमात्मा का प्रतीक मान कर उनकी पूजा का विधान बनाया गया  है। हमारी साँसें चलती रहें, इसके लिए ऑक्सीजन बेहद जरुरी है। ऐसे में जन्मदिन व विवाह वर्षगांठ जैसे जीवन के महत्वपूर्ण दिनों को विशेष बनाने के लिए पौधारोपण कर समाज को नई दिशा दी जा सकती है। उक्त उद्गार चर्चित ब्लॉगर, साहित्यकार एवं वाराणसी क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने स्वदेशी समाज सेवा समिति द्वारा अपने 46वें जन्मदिन पर वाराणसी में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में व्यक्त किये।

स्वदेशी समाज सेवा समिति, फिरोजाबाद के तत्त्वावधान में वाराणसी में मकबूल आलम रोड स्थित पी. एंड टी. कॉलोनी में आयोजित उक्त कार्यक्रम में रुद्राक्ष, तुलसी, बादाम, नीम, शरीफा, नींबू, आंवला, आम, अमरुद, बेल, गूलर, इमली इत्यादि के फलदार, औषधीय, छायादार वृक्षों, बेल व पुष्प सहित 46 पौधों का रोपण कर धरा को हराभरा एवं पर्यावरण को शुद्ध बनाने का संकल्प लिया गया।

इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. अजब सिंह ने कहा कि, वर्तमान परिस्थितियों में जब वन क्षेत्र का निरंतर ह्रास होता जा रहा है तब संपूर्ण समाज को इस तरह के आयोजनों से सीख लेने की आवश्यकता है। संगठन मंत्री श्री कमल किशोर यादव ने कहा कि सम्पूर्ण धरा और प्रकृति को सुरक्षित व संतुलित रखने हेतु हमें पौधारोपण के प्रति लोगों को सजग बनाना होगा। स्वदेशी समाज सेवा समिति के संस्थापक सचिव विवेक यादव 'रुद्राक्ष मैन' ने कहा कि मानवीय जीवन में आ रहे बदलाव ने एक बार फिर से लोगों को पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के प्रति सचेत किया है। श्रीमती सरला यादव, कमल किशोर, शुभकांत, सर्वेश, पुनीत, विवेक यादव, श्रीकांत पाल, अखिलेश यादव सहित तमाम पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।














चर्चित साहित्यकार और पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव के जन्मदिन पर हुआ पौधारोपण, वाराणसी में लगाए गए 46 पौधे

प्रकृति को श्रृंगारित करके मनाया गया पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव का जन्मदिन, 46 वें जन्मदिन पर हुआ 46 पौधों का रोपण

प्रकृति के साथ जन्मदिन मनाने की पहल, कृष्ण कुमार यादव के 46 वें जन्मदिन पर हुआ 46 पौधों का रोपण

जन्मदिन व वर्षगांठ जैसे महत्वपूर्ण दिनों पर पौधारोपण कर दी जा सकती है समाज को नई दिशा - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव को ‘साहित्य शिल्पी सम्मान’ से किया सम्मानित

ब्लॉगर, साहित्यकार एवं सम्प्रति वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव को विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु सिक्किम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य  ने ‘साहित्य शिल्पी सम्मान’ से सम्मानित किया। राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘सच की दस्तक’ द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर में आयोजित सम्मान समारोह में 28 अगस्त, 2023 को उक्त सम्मान प्रदान किया गया। 

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी श्री कृष्ण कुमार यादव की विभिन्न विधाओं में सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश-विदेश की तमाम पत्र-पत्रिकाओं और इण्टरनेट पर निरंतर प्रकाशन के साथ आकाशवाणी व दूरदर्शन से भी विभिन्न विधाओं में आपकी सृजनात्मकता का प्रसारण होता रहता है। आपके कृतित्व पर एक पुस्तक ‘बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव’ भी प्रकाशित हो चुकी है।

गौरतलब है कि श्री कृष्ण कुमार यादव लोकप्रिय प्रशासक के साथ ही सामाजिक, साहित्यिक और समसामयिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन करने वाले साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं। देश-विदेश में विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ‘‘अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा ‘‘साहित्य-सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त द्वारा ‘‘विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान’’ से विभूषित आपको अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन, नेपाल, भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित किया जा चुका है। विभागीय दायित्वों और हिन्दी के प्रचार-प्रसार के क्रम में अब तक श्री यादव  लंदन, फ़्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, भूटान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं। आपके परिवार को यह गौरव प्राप्त है कि साहित्य में तीन पीढ़ियाँ सक्रिय हैं। आपके पिताजी श्री राम शिव मूर्ति यादव के साथ-साथ आपकी पत्नी श्रीमती आकांक्षा भी चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार हैं, वहीं बड़ी बेटी अक्षिता (पाखी) अपनी उपलब्धियों हेतु भारत सरकार द्वारा सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित हैं।

इस अवसर पर प्रो. गोपबन्धु मिश्र, पूर्व कुलपति श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, गुजरात, प्रो. प्रेम नारायण सिंह, निदेशक, अन्तर विश्वविद्यालय, अध्यापक शिक्षा केन्द्र (बी.एच.यू.), वाराणसी, डॉ. नागेन्द्र सिंह, महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान, श्री रमेश जायसवाल, विधायक, पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर, सच की दस्तक पत्रिका के प्रधान सम्पादक श्री बृजेश कुमार सहित तमाम गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुभद्रा कुमारी तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री राकेश शर्मा ने किया।















वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव को सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने ‘साहित्य शिल्पी सम्मान’ से किया सम्मानित

लोकप्रिय प्रशासक के साथ ख़्याति प्राप्त साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं कृष्ण कुमार यादव

शुक्रवार, 15 सितंबर 2023

हिंदी भारतीय परंपरा, संस्कृति व संस्कारों की सच्ची संवाहक - कृष्ण कुमार यादव

हिंदी भारतीय परंपरा, जीवन मूल्यों, संस्कृति व संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक है। इसके प्रचार-प्रसार से देश में एकता की भावना और सुदृढ़ होगी। सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिंदी दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है। ऐसे में हिंदी में गर्व से कार्य करने और अपनी भाषा को समृद्ध करने में सभी को योगदान देना होगा। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित हिंदी दिवस और तदनुसार आरम्भ हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किये। इससे पूर्व उन्होंने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर हिंदी पखवाड़ा का शुभारम्भ किया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि अनेकता में एकता को स्थापित करने की सूत्रधार 'हिन्दी भाषा' भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है,इसकी सबसे बड़ी ताक़त इसकी मौलिकता और सरलता है। भारत सरकार द्वारा विकास योजनाओं तथा नागरिक सेवाएं प्रदान करने में हिंदी के प्रयोग को निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। आज संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाओं में भी हिंदी की गूंज सुनाई देने लगी है।

सहायक निदेशक राजभाषा श्री बृजेश शर्मा  ने बताया कि डाक विभाग की ओर से 14 से 29 सितंबर तक आयोजित हिंदी पखवाडे़ में तमाम प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा।

कार्यक्रम में सहायक निदेशक राजभाषा बृजेश शर्मा, आरके चौहान, लेखाधिकारी प्लाबन नस्कर, सहायक लेखाधिकारी संतोषी राय,  डाक निरीक्षक श्रीकान्त पाल, रमेश यादव, श्रीप्रकाश गुप्ता, राकेश कुमार, विवेक कुमार, मनीष कुमार, रामचंद्र, सहित तमाम तमाम विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन  शंभु  प्रसाद गुप्ता ने किया।









हिंदी भारतीय परंपरा, संस्कृति व संस्कारों की सच्ची संवाहक - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

मंगलवार, 13 जून 2023

इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर में भी पुस्तकालयों की अहम भूमिका - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

पुस्तकालय सिर्फ किताबों और पत्र-पत्रिकाओं के संग्रहण व अध्ययन का जरिया मात्र नहीं हैं, बल्कि इनके माध्यम से देश की सभ्यता, संस्कृति, विरासत, संस्कार  आगामी पीढ़ियों तक पहुँचते हैं। पुस्तकालय सभ्य समाज की पहचान होते हैं। इंटरनेट व सोशल मीडिया के इस दौर में विविध प्रकार के ज्ञान, सूचनाओं, स्रोतों, आदि के प्रमाणीकरण में भी पुस्तकालयों की अहम् भूमिका है। उक्त विचार वरिष्ठ साहित्यकार एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने नव भारत निर्माण समिति के तत्वावधान में 10 जून, 2023 को आयोजित ऋषिव वैदिक अनुसंधान, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, सुद्धिपुर, वाराणसी में मां सरस्वती पुस्तकालय का उद्घाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। 

इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बीएचयू वाराणसी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अपर्णा सिंह की पुस्तक "दि पैन मॉडल ऑफ़ एस्योर्ड कैरियर प्रेडिक्शन्स" का विमोचन भी किया, वहीं कवि सम्मेलन में भागीदार युवा कवियों आयुष कश्यप, आशीष द्विवेदी, रमाकान्त, अंश ग़ाफ़िल, सुधांशु रघुवंशी कुटज, नीरज नीर को सम्मानित भी किया। 



    

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि समाज और राष्ट्र की दशा व दिशा के निर्धारण में पुस्तकालयों की अहम भूमिका है। किताबें सबसे अच्छी मित्र और धरोहर होती हैं। शोध और नवाचार में पुस्तकालयों की अहम् भूमिका है। पुस्तकालय स्वयं में ज्ञान मन्दिर हैं जहाँ स्वयं देवी सरस्वती विराजमान होती हैं, तभी तो मनुष्य यहाँ  ज्ञान रुपी धन को पाकर जीवन के अज्ञान रुपी अँधेरे को दूर कर पाता है। आज प्रिंटेड पुस्तकों के साथ-साथ ई-बुक्स और डिजिटल बुक्स का भी दायरा बढ़ रहा है। ऐसे में आजादी के अमृत काल के बजट में देश में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी खोलने की घोषणा भी की गई है। 




श्री यादव ने मां सरस्वती पुस्तकालय के शुभारंभ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पुस्तकालय अनुसंधान, सूचना, ज्ञान और पढ़ने की खुशी के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे अध्ययन-अध्यापन में रूचि रखने वालों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों, गरीब बच्चों और शोधार्थियों को काफी मदद मिलेगी। 

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष  श्री केडी सिंह ने कहा कि पुस्तकें मार्गदर्शक होती हैं और पुस्तकालय ज्ञान के अमूल्य भंडार होते हैं। पुस्तकों के माध्यम से जीवन के विविध आयामों को  समझा जा सकता है। पुस्तकालय हमें बुरी आदतों से बचाकर अच्छा नागरिक बनाते हैं।  

नव भारत निर्माण समिति के संयोजक श्री बृजेश सिंह ने कहा कि पुस्तकालय हमारे सामाजिक और शैक्षिक जीवन का एक अहम स्थान हैं। युवाओं को पुस्तकालयों की ओर आकर्षित करने की आवश्यकता है और मां सरस्वती पुस्तकालय इस ओर पहल करके अहम भूमिका निभाएगा। 

इस अवसर पर नव भारत निर्माण समिति के संयोजक बृजेश सिंह, सचिव प्रमोद पांडेय, डॉ. शिव शक्ति प्रसाद द्विवेदी, पंडित देवशीष डे (संस्थापक शिल्पायन), कंचन सिंह परिहार (पुस्तकालयाध्यक्ष राजकीय पुस्तकालय वाराणसी), डाॅ भावना श्रीवास्तव (लेखाधिकारी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा निदेशालय), आचार्य नवनीत त्रिपाठी, शिखा सिंह, अंबरीश ठाकुर, दान बहादुर सिंह, आचार्य नवनीत त्रिपाठी, सुभाशीष चटर्जी, रमेश सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह सहित तमाम शिक्षाविद व बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।










पुस्तकालयों के माध्यम से देश की सभ्यता, संस्कृति, विरासत आगामी पीढ़ियों तक पहुँचती है-  पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने ऋषिव वैदिक अनुसंधान, वाराणसी में मां सरस्वती पुस्तकालय का किया उद्घाटन 

इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर में भी पुस्तकालयों की अहम् भूमिका - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

समाज और राष्ट्र की दशा व दिशा के निर्धारण में पुस्तकालयों की अहम भूमिका - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव