रात का सन्नाटा
अचानक
चीख पड़ती है मौतें
किसी ने हिन्दुओं को दोषी माना
तो किसी ने मुसलमानों को
किसी ने नहीं सोचा
न तो ये हिंदू थे, न मुसलमान
थे मानवता के दुश्मन।
***कृष्ण कुमार यादव***
अचानक
चीख पड़ती है मौतें
किसी ने हिन्दुओं को दोषी माना
तो किसी ने मुसलमानों को
किसी ने नहीं सोचा
न तो ये हिंदू थे, न मुसलमान
थे मानवता के दुश्मन।
***कृष्ण कुमार यादव***
1 टिप्पणी:
Manvata ke dushman kavita samaj ko uska chehara dikhati hai.Dharm ke nam par ho rahi kisi ki ladai ko uchit nahin tharaya ja sakta!!
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