गार्डन में लैपटॉप लिए एक लड़के से बुजुर्ग दम्पति ने कहा- "बेटा हमारे लिए भी फेसबुक का एक अकाउंट बना दो।"
लड़के ने कहा- "लाइये अभी बना देता हूँ, कहिये किस नाम से बनाऊँ?"
बुजुर्ग ने कहा- "लड़की के नाम से कोई भी अच्छा सा नाम रख लो।"
लड़का ने अचम्भे से पूछा- "फेक अकाउंट क्यों ?"
बुजुर्ग ने कहा- "बेटा, पहले बना तो दो फिर बताता हूँ क्यों ?"
बड़ो का मान करना उस लड़के ने सीखा था तो उसने अकाउंट बना ही दिया।
अब उसने पूछा- "अंकल जी, प्रोफाइल इमेज क्या रखूँ?"
तो बुजुर्ग ने कहा- "कोई भी हीरोइन जो आजकल के बच्चों को अच्छी लगती हो।"
उस लड़के ने गूगल से इमेज सर्च करके डाल दी, फेसबुक अकाउंट ओपन हो गया।
फिर बुजुर्ग ने कहा- "बेटा कुछ अच्छे लोगो को ऐड कर दो।"
लड़के ने कुछ अच्छे लोगो को रिक्वेस्ट सेंड कर दी।
फिर बुजुर्ग ने अपने बेटे का नाम सर्च करवा के रिक्वेस्ट सेंड करवा दी। .
लड़का जो वो कहते करता गया जब काम पूरा हो गया तो उसने कहा...."अंकल जी अब तो आप बता दीजिये आपने ये फेक अकाउंट क्यों बनवाया?"
बुजुर्ग की आँखे नम हो गयी, उनकी पत्नी की आँखों से तो आँसू बहने लगे।
उन्होंने कहा- "मेरा एक ही बेटा है और शादी के बाद वो हमसे अलग रहने लगा। वर्षों बीत गए वो हमारे पास नहीं आता। शुरू-शुरू में हम उसके पास जाते थे तो वह नाराज हो जाता था। कहता आपको मेरी पत्नी पसंद नहीं करती। आप अपने घर में रहिये, हमें चैन से यहाँ रहने दीजिये। कितना अपमान सहते, इसलिए बेटे के यहाँ जाना छोड़ दिया। एक पोता है और एक प्यारी पोती है, बस उनको देखने का बड़ा मन करता है। किसी ने कहा कि फेसबुक में लोग अपने फैमिली की और फंक्शन की इमेज डालते हैं, तो सोचा फेसबुक में ही अपने बेटे से जुड़कर उसकी फैमिली के बारे में जान लेंगे और अपने पोता पोती को भी देख लेंगे, मन को शांति मिल जाएगी। अब अपने नाम से तो अकाउंट बना नहीं सकते। वो हमें ऐड करेगा नहीं, इसलिए हमने ये फेक अकाउंट बनवाया।"
उनकी बात सुनकर उस लड़के की आँखों में भी आँसू आ गए और वह बहुत देर तक अपलक उन्हें निहारता रह गया।
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