दुनिया के सबसे सुन्दर नगरों में से एक और दुनिया की फ़ैशन और ग्लैमर राजधानी माने जाने वाले पेरिस में हुए आतंकी हमले ने तो एक बात फिर से सिद्ध कर दी है कि दुनिया के अधिकतर देश आतंकवाद से ग्रस्त हैं। आतंकी हमले में 127 लोगों की मौत और 180 से ज्यादा घायल लोगों की दर्दनाक दास्ताँ के बीच फ्रांस की हुकूमत ने जिस तरह से इन हमलों को युद्ध मानते हुए और वहाँ के मीडिया से लेकर पक्ष-विपक्ष की राजनीति करने वालों ने जिस तरह से एकता दिखाई है, वह क़ाबिले-तारीफ है। मीडिया ने न खून से सने फोटो छापे और न दहशत फ़ैलाने वाली ख़बरें दिखाईं। बताते हैं कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद फ़्रांस पर यह सबसे बड़ा हमला है और 1944 के बाद वहाँ पहली बार कर्फ्यू लगा है। इस वर्ष फ़्रांस में हुआ यह छठा आतंकी हमला है और इस बार हुए हमले के बाद पेरिस को सामान्य होने में भी बमुश्किल 6 घंटे लगे। जनवरी 2015 में शार्ली एब्दो पर हुआ हमला अभिव्यक्ति स्वतंत्रता पर हमला था तो इस बार हुआ हमला फ़्रांस द्वारा सीरिया व इराक में आईएस के खिलाफ छेड़े हुए अभियान के विरूद्ध बताया जा रहा है।
अभी जुलाई 2015 में हम लोग पेरिस गए थे। पहली ही नजर में इस नगर की खूबसूरती और वहाँ के लोगों की जीवन शैली प्रभावित करती है। भारत से भी तमाम लोग वहाँ बसे हुए हैं या पर्यटन के लिए जाते हैं। भारत भी आतंकवाद की इस समस्या से ग्रस्त है। वस्तुत: आज आतंकवाद से वैश्विक स्तर पर एकजुटता से लड़ने की जरूरत है, क्योंकि यह रक्तबीज की तरह सर्वत्र फ़ैल रहा है। एक जगह कुचला जाता है तो दूसरी जगह सर उठाने लगता है।
…… पेरिस में हुए आतंकी हमले में मारे गए सभी लोगों के प्रति हार्दिक संवेदना और श्रद्धांजलि। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उन सभी के प्रति सहानुभूति रखते हुए यही आशा करते हैं कि पेरिस जल्द ही फिर से गुलजार हो। क्योंकि आतंक तात्कालिक रूप से लोगों को दहशत में तो दाल सकता है. पर लम्बे समय तक मानवता से खिलवाड़ नहीं कर सकता !!
- कृष्ण कुमार यादव @ शब्द-सृजन की ओर
Krishna Kumar Yadav @ www.kkyadav.blogspot.com/
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