______________________
क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय
ध्वनि
कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये।
च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के
समय जीभ
तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये।
ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के
मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।
एक बार बोल कर देखिये।
त, थ, द, ध, न- दंतीय कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के
समय
जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये।
प, फ, ब, भ, म,- ओष्ठ्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के
मिलने
पर ही होता है। एक बार बोल
कर देखिये ।
________________________
हम अपनी भाषा पर गर्व करते हैं, ये सही है परन्तु लोगो को इसका कारण भी बताईये।इतनी वैज्ञानिकता दुनिया की किसी भाषा में नहीं है !!
वैसे हिंदी स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए भी अहम् है।
पढ़िए यह रिपोर्ट -हिंदी भाषियों का दिमाग ज्यादा तंदुरुस्त.
- कृष्ण कुमार यादव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें