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रविवार, 25 नवंबर 2012

आपका ब्लॉग और भी कहीं पढ़ा जा रहा है...

न्यू मीडिया के रूप में ब्लागिंग ने कई रंग भरे हैं। प्रिंट-मीडिया से लेकर इलेक्ट्रानिक-मीडिया तक ब्लॉग कौतुहल का विषय बने हुए हैं। बलाग्ज़ पर प्रकाशित पोस्ट तमाम पत्र-पत्रिकाओं में धड़ल्ले से प्रकाशित हो रही हैं। इनमें प्रतिष्ठित से लेकर छोटे कस्बों तक से निकलने वाली पत्र-पत्रिकाएं शामिल हैं। कई बार तो पत्र-पत्रिकाएं ब्लोग्ज़ की पोस्ट को प्रकाशित करती हैं, पर उन्हें सूचित भी नहीं करतीं, शुक्र मात्र इतना है कि ब्लोगज के यूआरएल एड्रेस और लेखक का नाम प्रकाशित करती हैं। पर कई बार तो ऐसा भी नहीं होता।
 
फ़िलहाल शुक्रगुजार हूँ हिसार, हरियाणा में रह रहे वरिष्ठ साहित्यकार डा. राम निवास 'मानव' जी का जिन्होंने मुझे पिछले दिनों हिसार से प्रकाशित हो रहे दैनिक अख़बार 'नभ-छोर' की दर्जन भर से ज्यादा प्रतियाँ भेजीं, इसमें सम्पादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित आलेख हिंदी-ब्लॉगों से ही लिए गए हैं। एक अन्य स्तम्भ 'ब्लॉग जगत से' में हर रोज किसी-न-किसी ब्लॉग की पोस्ट प्रकाशित हो रही हैं। इसमें आपका भी ब्लॉग शामिल हो सकता है।
 
 
दुर्भाग्य यह है कि इन सबको सहेजेने वाला कोई ब्लॉग या वेबसाइट भी नहीं है, जो इन्हें सहेजते भी हैं उनकी अपनी सीमाएं हैं। खैर, इसी बहाने हिंदी के ब्लोगज उन ग्रामीण क्षेत्रों में भी खूब पढ़े जा रहे हैं, जहाँ नेट कनेक्टिविटी का भी अभाव हो। सो आप निश्चिन्त रहिये, आपका ब्लॉग और भी कहीं पढ़ा जा रहा है।
 
 

8 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अच्छे संकेत हैं, ब्लॉग हिन्दी विस्तार को गति दे पा रहा है।

Unknown ने कहा…

बहुत सही कहा अपने। हिंदी ब्लागिंग पंख लगाकर उड़ रही है।

Unknown ने कहा…

KK Ji,
आपके ब्लोगज की पोस्ट्स की चर्चा होने पर बधाइयाँ।

vandana gupta ने कहा…

अच्छे संकेत हैं ………आपको हार्दिक बधाई।

Gyan Darpan ने कहा…

प्रिंट मिडिया में ब्लॉगस के लेख छपने की सूचना व विभिन्न ब्लॉगस के मिडिया में छपे लेखों की अखबार की कटिंग सहेजने का कार्य पाबला जी ने एक वेब साईट बहुत बढ़िया कर रखा है|
Blogs In Media


Gyan Darpan

Bhanwar Singh ने कहा…

हिंदी ब्लागिंग की दुनिया का अनंत विस्तार हो रहा है और उसमें आपकी प्रमुख भूमिका है कृष्णा कुमार साहब।

Akanksha Yadav ने कहा…

खैर, इसी बहाने हिंदी के ब्लोगज उन ग्रामीण क्षेत्रों में भी खूब पढ़े जा रहे हैं, जहाँ नेट कनेक्टिविटी का भी अभाव हो।..That is the advantage of IT.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

हिंदी का वर्चुअल विस्तार अब प्रिंट में भी। बहुत अच्छा। बधाई।