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मंगलवार, 18 जनवरी 2011

अब पानी पर भी दौड़ेगा प्लेन...


अंडमान में रहते हुए परिवहन के विभिन्न साधनों का एक साथ आनंद लिया जा सकता है. हवाई जहाज, हेलीकाप्टर, क्रूज, जलयान (शिप) और अब सी-प्लेन. द्वीपों के लिए देश का पहला सी प्लेन पोर्टब्लेयर में 30 दिसम्बर, 2010 को को उपराज्यपाल द्वारा समर्पित किया गया। देखने में हैलीकॉप्टर की तरह लगने वाला सीप्लेन पानी पर भी लैंड कर सकता है और पानी से टैक ऑफ भी कर सकता है अर्थात पानी और हवा दोनों में फर्राटे भरने का जुनून. ‘जल हंस’ सी प्लेन स्थल व जल सेसना कारावन 208 ए विमान है, जिसमें आधुनिक नौचालन उपकरण भी लगे हुए हैं और इसमें दो क्रू मेंबर के अलावा 8 यात्री सफर का लुफ्त उठा सकते हैं। यह विमान एक घंटे में करीब 250 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकता है और अपने चक्के के समनुरूप इस विमान को जमीन पर भी उतारा जा सकता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के पवन हंस हेलीकाॅप्टर्स लिमिटेड (पी॰ एच॰ एच॰ एल॰) तथा अंडमान निकोबार प्रशासन के साझा सहयोग से शुरू की गई सी प्लेन की यह सेवा फिलहाल 21 जनवरी से पोर्टब्लेयर और हैवलाॅक के बीच आरंभ किये जाने की सम्भावना है. प्रारम्भिक दौर में 15 दिनों तक इसका किराया एक तरफ के लिए 2,000 रूपये और तत्पश्चात 3,000 रूपये निर्धारित किया गया है. बाद में इस सेवा का उपयोग उत्तर व मध्य अंडमान के अन्य द्वीपों के लिए भी किया जाएगा। सम्भावना है कि यह बैरन आइलैंड (भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी स्थल) का चक्कर काटते हुए डिगलीपुर (दक्षिण अंडमान का अंतिम क्षोर, जहाँ पिछले रेल बजट में पोर्टब्लेयर से डिगलीपुर तक ट्रेन चलने कि बात कही गई थी) तक जायेगा और एक तरफ का किराया संभवत: 10,000 रूपये होगा. सी प्लेन पोर्टब्लेयर एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद हैवलॉक और डिगलीपुर में समुद्र में बने एयरपोर्ट पर उतरेगा और फिर यहीं से उड़ान भरेगा। यात्रियों को सुरक्षित सेवा देने के लिए और किनारों से विमान तक पहुंचाने के लिए 10 यात्रियों की क्षमता वाली स्पीडबोट भी तैनात की जाएंगी. इसके अलावा अन्य नावें भी वहां तैनात की जा रही हैं.

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया सी प्लेन फ़िलहाल लोगों में कौतुहल का विषय बना हुआ है. यदि अंडमान में यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले दिनों में इसे देश के दूसरे इलाकों लक्षद्वीप, गोवा और उड़ीसा में भी संचालित किया जा सकता है.

फ़िलहाल हम तो तैयारी कर रहे हैं सपरिवार सी-प्लेन का लुत्फ़ उठाने के लिए. आप भी कभी अंडमान आयें तो इसका लुत्फ़ जरुर लीजियेगा... !!

15 टिप्‍पणियां:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

सी प्लेन के बारे में आज पहली बार सुना.
बहुत बहुत धन्यवाद इस बेहतरीन और रोचक जानकारी के लिए.

सादर

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

महत्वपूर्ण जानकारी आपने उपलब्ध करा दी.बहुत -बहुत धन्यवाद.

Vinashaay sharma ने कहा…

रोचक जानकारी ।

कविता रावत ने कहा…

बेहतरीन और रोचक जानकारी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

Taarkeshwar Giri ने कहा…

Eee to ham 10 sal pahile hi sun chuke the.

sun ka chuke tha.. idea to hamara hi hai

Satish Saxena ने कहा…

अच्छी और नयी जानकारी ! शुभकामनायें आपको !

राज भाटिय़ा ने कहा…

शायद भारत मे यह नया हो, हमारे यहां तो यह बहुत पुराना हो चुका हे, बल्कि आग बुझाने के लिये जहाज को पानी भरने के लिये जमीन या पानी पर रुकना भी नही पडता, बस नीचे झुका पानी भरा ओर फ़िर से ऊपर ऊठा ओर जहां आग लगी वहां पानी उडेला, फ़िर लोट के पानी भरा
अच्छी जानकररी के लिये आप का धन्यवाद

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

बहुत ही रोचक और आकर्षण खबर .. इससे वहा पर्यटन को बढावा देने में काफी मदद मिल सकती है.....

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत रोचक जानकारी ...आभार

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पहली बार जाना सी प्लेन के बारे में।

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

वाकई विज्ञानं बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है...रोचक जानकारी.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

...तब तो हम भी जब अंडमान आयेंगें तो इसका भरपूर लुत्फ़ उठायेंगें.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

...तब तो हम भी जब अंडमान आयेंगें तो इसका भरपूर लुत्फ़ उठायेंगें.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

मुझे भी तो इससे घूमना है...मजेदार रहेगा.

विवेक रस्तोगी ने कहा…

ये वाले प्लेन या तो हमने फ़िल्मों में या कार्टूनों में ही देखे था, आज पहली बार इतनी सारी जानकारी मिली है। कभी अंडमान आये तो जरुर इसकी सवारी का लुत्फ़ लिया जायेगा।