आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस है. आज ही के दिन निर्वाचन योग का गठन हुआ था. चूँकि देश में पहली बार यह दिवस मनाया जा रहा है, तो शोशेबजियाँ भी हैं. बहुत पहले जब इलाहाबाद विश्विद्यालय से स्नातक कर रहा था, तो चार पंक्तियाँ लिखी थीं, जो दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान में प्रकाशित हुई थी, आज इस राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर फिर वहीँ चार पंक्तियाँ याद आ रही हैं-
जनता नेताओं को चुनती है
अमूल्य मतों से
और नेता बिकते हैं
मूल्यों में !!
जनता नेताओं को चुनती है
अमूल्य मतों से
और नेता बिकते हैं
मूल्यों में !!
14 टिप्पणियां:
झन्नाट तमाचा मारा है।
आर्थिक दृष्टि से सही बात
और मतों के खरीद-बिक्री की खबरें.
जनता नेताओं को चुनती है
अमूल्य मतों से
और नेता बिकते हैं
मूल्यों में !!
फिर कैसा मतदाता दिवस
ये तो होता है नेता दिवस
पुरानी बात .. यहाँ तो हर चीज बिकती है
बाबु जी तुम क्या खरीदोगे
बहुत ही गहरी बात इस चंद पंक्तियों में........ सुंदर प्रस्तुति.
गणतंत्र दिवस की 62 वीं वर्षगाँठ पर आपको हार्दिक शुभकामनायें।
Karara Vyangya kiya hai...!!
ओह हमारे ख्याल से फ़िर ..इन नेताओं का भी आईपीएल बोली लगाया जाए जी ..हम भी दु चार ठो को खरीद के रख लेते हैं । मालिस और चंपी कराने के काम में लगाया जाएगा ससुरों को
हा..हा..हा..मजेदार !!
यही तो देश का दुर्भाग्य है...अच्छी बात कही.
'जो भरा नहीं है भावों से
जिसमें बहती रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है,
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।'
आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई …
26 जनवरी आने वाला है, यह दिन सम्पूर्ण भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. 26 जनवरी 2012 से ठीक 22645 दिन पूर्व 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया था. बताया जाता है की पुरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ का गणतंत्र सबसे विशाल है. इस दिन को पुरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ एक राजकीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
ज्ञातव्य हो की हमारे संविधान को 211 विद्वानों द्वारा 2 महीने और 11 दिन में पूरा किया गया था. इस संविधान को 25 नवम्बर 1949 को मंजूरी मिली थी और 24 जनवरी 1950 को सभी सांसदों, विधायकों और अन्य मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किये जाने के उपरांत ही 26 जनवरी 1950 को पूर्णरूपेण भारत में लागू किया गया था.
इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बँधाए,
कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए,
इन्हें पकड़ने में कितनों ने लाठी खाई, कोड़े ओड़े,
और इन्हें झटके देने में कितनों ने निज प्राण गँवाए!
किंतु शहीदों की आहों से शापित लोहा, कच्चा धागा।
एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
आज देश है मांग रहा वीरों की आहुतियाँ फिर ,,
वीर भगत आजाद विस्मिल की आत्मा व्याकुल फिर,,
देश युवावों का ही है वह ही इसका भविष्य रचें ,,
वीर सुभाष हैं पथ दर्शक फिर से एक इतिहास रचें,,
देश विश्व में आलोकित हो गौरव इसका फिर वापस आये,,
करें कर्म कुछ ऐसा हम भारत स्वर्णिम आभा से रंग जाए,,
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना ….. जय हिंद वंदे मातरम माँ तुझे प्रणाम माँ तुझे सलाम वंदे मातरम
ch.sanjeev tyagi (kutabpur waley)
33,gazawali roorkee road
muzaffar nagar
2-Add.
Gav----kutabpur
po.-----Barla
Di.........muzaffarnagar U.P
08802222211 Delhi
09457392445 Muzaffar nagar
09760637861 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
'जो भरा नहीं है भावों से
जिसमें बहती रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है,
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।'
आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई …
26 जनवरी आने वाला है, यह दिन सम्पूर्ण भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. 26 जनवरी 2012 से ठीक 22645 दिन पूर्व 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया था. बताया जाता है की पुरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ का गणतंत्र सबसे विशाल है. इस दिन को पुरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ एक राजकीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
ज्ञातव्य हो की हमारे संविधान को 211 विद्वानों द्वारा 2 महीने और 11 दिन में पूरा किया गया था. इस संविधान को 25 नवम्बर 1949 को मंजूरी मिली थी और 24 जनवरी 1950 को सभी सांसदों, विधायकों और अन्य मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किये जाने के उपरांत ही 26 जनवरी 1950 को पूर्णरूपेण भारत में लागू किया गया था.
इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बँधाए,
कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए,
इन्हें पकड़ने में कितनों ने लाठी खाई, कोड़े ओड़े,
और इन्हें झटके देने में कितनों ने निज प्राण गँवाए!
किंतु शहीदों की आहों से शापित लोहा, कच्चा धागा।
एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
आज देश है मांग रहा वीरों की आहुतियाँ फिर ,,
वीर भगत आजाद विस्मिल की आत्मा व्याकुल फिर,,
देश युवावों का ही है वह ही इसका भविष्य रचें ,,
वीर सुभाष हैं पथ दर्शक फिर से एक इतिहास रचें,,
देश विश्व में आलोकित हो गौरव इसका फिर वापस आये,,
करें कर्म कुछ ऐसा हम भारत स्वर्णिम आभा से रंग जाए,,
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना ….. जय हिंद वंदे मातरम माँ तुझे प्रणाम माँ तुझे सलाम वंदे मातरम
ch.sanjeev tyagi (kutabpur waley)
33,gazawali roorkee road
muzaffar nagar
2-Add.
Gav----kutabpur
po.-----Barla
Di.........muzaffarnagar U.P
08802222211 Delhi
09457392445 Muzaffar nagar
09760637861 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
'जो भरा नहीं है भावों से
जिसमें बहती रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है,
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।'
आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई …
26 जनवरी आने वाला है, यह दिन सम्पूर्ण भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. 26 जनवरी 2012 से ठीक 22645 दिन पूर्व 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया था. बताया जाता है की पुरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ का गणतंत्र सबसे विशाल है. इस दिन को पुरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ एक राजकीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
ज्ञातव्य हो की हमारे संविधान को 211 विद्वानों द्वारा 2 महीने और 11 दिन में पूरा किया गया था. इस संविधान को 25 नवम्बर 1949 को मंजूरी मिली थी और 24 जनवरी 1950 को सभी सांसदों, विधायकों और अन्य मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किये जाने के उपरांत ही 26 जनवरी 1950 को पूर्णरूपेण भारत में लागू किया गया था.
इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बँधाए,
कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए,
इन्हें पकड़ने में कितनों ने लाठी खाई, कोड़े ओड़े,
और इन्हें झटके देने में कितनों ने निज प्राण गँवाए!
किंतु शहीदों की आहों से शापित लोहा, कच्चा धागा।
एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
आज देश है मांग रहा वीरों की आहुतियाँ फिर ,,
वीर भगत आजाद विस्मिल की आत्मा व्याकुल फिर,,
देश युवावों का ही है वह ही इसका भविष्य रचें ,,
वीर सुभाष हैं पथ दर्शक फिर से एक इतिहास रचें,,
देश विश्व में आलोकित हो गौरव इसका फिर वापस आये,,
करें कर्म कुछ ऐसा हम भारत स्वर्णिम आभा से रंग जाए,,
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना ….. जय हिंद वंदे मातरम माँ तुझे प्रणाम माँ तुझे सलाम वंदे मातरम
ch.sanjeev tyagi (kutabpur waley)
33,gazawali roorkee road
muzaffar nagar
2-Add.
Gav----kutabpur
po.-----Barla
Di.........muzaffarnagar U.P
08802222211 Delhi
09457392445 Muzaffar nagar
09760637861 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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