आधुनिक समय में मेकअप पर लोग काफी ध्यान देते हैं। माना जाता है कि मेकअप से खूबसूरती को और भी निखार मिलता है, पर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आज से करीब 50 हजार साल पहले भी लोग मेकअप करते थे। ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जुओ जिल्हाओ के नेतृतव में हुई इस नई खोज से जुड़े वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्हें इस बात के प्रमाण मिल चुके हैं कि हजारों साल पहले के निएंडरथल मानव अपने शरीर को पेंट से सजाते थे। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रस्तुत इस टीम रिपोर्ट में बताया गया है कि निएंडरथल मानव के मेकअप डिब्बों के अवशेषों से इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि वे समुद्र में सीपियों से मेकअप करने का रंग निकालते थे। टीम का यह भी मानना है कि इस खोज के बाद यह पक्ष भी निराधार हो जाता है कि निएंथरडल मानव कम अक्ल के होते थे। यही नहीं इस टीम के सदस्यों ने कुछ समुद्री घोघों के कवच से मिले रंगों और उसके कणों की भी जाँच की है।
प्रोफेसर जिल्हाओ का कहना है कि हालांकि अफ्रीका के कुछ हिस्सों में इस बात के प्रमाण पहले ही मिल चुके थे कि आदि मानव किस तरह से रंगों का उपयोग अपने शरीर पर करते थे। लेकिन इस तरह का प्रमाण पहली बार मिला है कि निएंथरडल मानव इसे अपने मेकअप में बखूबी उपयोग करते थे। वस्तुत: यह सिर्फ बॉडी पेंटिंग नहीं है बल्कि उससे आगे की चीज है। इस शोध से कई धारणाएं भी बदली हैं. वैज्ञानिकों को इस शोध के दौरान पीले और लाल रंग के अवशेष भी मिले हैं। इसको निएंथरडल आदि मानव मेकअप से पहले लगाए जाने वाले फाउंडेशन के रूप में प्रयोग करते थे। इस टीम का ये भी मत है कि संभवत: इस तरह के सीपों और घोघों का प्रयोग ज्वैलरीज के लिए भी होता था। ....तो इस शोध के बाद अब यह नहीं माना जाना चाहिए कि मेकअप और डेकोरेशन का उपयोग आधुनिक युग की देन है.
12 टिप्पणियां:
सुंदर जानकारी, धन्यवाद
क्या आदिमानवों को भी मेकअप की जरुरत थी...बड़ा दिलचस्प है भाई.
यह तो जमीन में गडी हुई अद्भुत जानकारी है, बेहद मजेदार.
रोचक शोध.
रोचक शोध.
मेरे ज्ञान चक्षु खुल गए...हमारे पूर्वजों को नमन.
आदिमानव को कम न समझो भाई.
इस शोध से कई धारणाएं भी बदली हैं.
Interesting.....
आपका ज्ञान कोष अदभुद है। यह आपके ब्लाग से उद्घघ्रत होता है।
पढ़ कर आश्चर्य हुआ और बेहतरीन जानकारी बांटने के लिए धन्यवाद !
Dilchasp Jankari..
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