मैं कई बार सोचता हूँ
ईश्वर कैसा होगा ?
कितनी ही तस्वीरों में
देखा है उसे
पर दिल को तसल्ली नहीं
मैं उससे मिलना चाहता हूँ
बचपन से ही देखा है मैंने
लोगों को पत्थर की मूर्तियों
और पीपलों को पूजते
लोगों की निगाहों से छुपकर
उन पत्थर की मूर्तियों को
उलट-पलट कर देखा
और उन्हें पुकारा भी
पर उसने नहीं सुना
लेकिन मुझे लगता है
जब-जब जरूरत हुई
किसी ने राह दिखायी मुझे
मैं उसे देख नहीं सकता
पर महसूस करता हूँ
शायद वह मेरे ही अंदर
कहीं बैठा है।
14 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर बात कही आप ने भगवन न पत्थर मै है ना ही पीतल की मुर्तियो मै, ओर ना मंदिर ओर मस्जिद मै है... वो है तो सिर्फ़ हमारे अंदर ही, मै उसे हमेशा महसुस करता हुं, ओर उसे सिर्फ़ मानता ही नही, बल्कि उस का कहा भी मानता हुं.
बहुत अच्छा कहा आप ने
धन्यवाद
बहुत सही कहा आपने. भगवान् मंदिर मस्जिद में नहीं, हम सब के अन्दर ही वास करता है. बस आँखें मूंदो और ध्यान लगाओ, तो दर्शन ही दर्शन.
मन पसंद रचना. आभार
बेहद दिलचस्प कविता.
बेहद दिलचस्प कविता.
मैं उसे देख नहीं सकता
पर महसूस करता हूँ
शायद वह मेरे ही अंदर
कहीं बैठा है। .....बेहतरीन भावों से रचित कविता...साधुवाद.
Beautiful expressions.
यादव जी,
सही कहा आपने,ईश्वर खोजने की नहीं अनुभूति की चीज हॆ.कबीर दास जी ने बहुत पहले ही कह दिया था-
’पत्थर पूजे हरि मिले,तो मॆं पूजू पहाड
या से तो चाकी भली,पीस खाये संसार’
सुन्दर भाव को समेटे हुए एक सार्थक रचना.. बधाई!
धन्यवाद,आपको भी दिवाली की belated शुभकामनाये.भगवान् तो सर्वव्यापक है और जो भी सात्विक, सत्य और सुन्दर (मन से) है उसमे ही उनका वास है, आपने जो जान लिया उसी की तलाश में हम सब लगे हुए है
sahi kaha aapne wo ander hi baitha hai....kahin aur dhoodhne ki jaroorat hi nahi
आपने तो मेरे दिल की बात कह दी...अतिसुन्दर कविता.
बहुत सुंदर बात कही आप ने भगवन न पत्थर मै है ना ही पीतल की मुर्तियो मै, ओर ना मंदिर ओर मस्जिद मै है... वो है तो सिर्फ़ हमारे अंदर ही,
बहुत अच्छा कहा आप ने
हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
पर महसूस करता हूँ
शायद वह मेरे ही अंदर
कहीं बैठा है।
इश्वर के बारे में यही बहुत सटीक उत्तर हो सकता है! बहुत ही उम्दा लिखा आपने.
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अंतिम पढाव पर-Friends With Benefits - रिश्तों की एक नई तान (FWB) [बहस] [उल्टा तीर]
ईश्वर हम सबके अंदर है उसे अनुभव करने की बात है बस । बेहतरीन कविता ।
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