विश्व पटल पर महात्मा गाँधी सिर्फ एक नाम नहीं अपितु शान्ति और अहिंसा का प्रतीक है। महात्मा गाँधी के पूर्व भी शान्ति और अहिंसा की अवधारणा फलित थी, परन्तु उन्होंने जिस प्रकार सत्याग्रह एवं शान्ति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुये अंगे्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया, उसका कोई दूसरा उदाहरण विश्व इतिहास में देखने को नहीं मिलता। तभी तो प्रख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि -‘‘हजार साल बाद आने वाली नस्लें इस बात पर मुश्किल से विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई इन्सान धरती पर कभी आया था।’’ संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2007 से गाँधी जयन्ती को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा करके शान्ति व अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी के विचारों की प्रासंगिकता को एक बार पुनः सिद्ध कर दिया है।
अब अमेरिका में महात्मा गाँधी के विचारों की धूम मची हुई है। अमेरिकी कांग्रेस के छः सदस्यों ने बापू को दुनिया भर में स्वतंत्रता और न्याय का प्रतीक बताते हुए प्रतिनिधि सभा में उनकी 140वीं जयंती मनाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया। 26 जून को प्रस्तावित विधेयक संख्या 603 में भारत के राष्ट्रपिता को एक दूरदर्शी नेता बताया गया है, जिनकी वजह से विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका और भारत के बीच मधुर संबंध स्थापित हो सके। प्रस्ताव में कहा गया है कि गाँधी एक महान, समर्पित और आध्यात्मिक हिन्दू राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय आंदोलन का मार्गदर्शन किया था। साथ ही देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना में अद्वितीय भूमिका निभाई। अमेरिकी संासदों का मानना है कि आने वाली पीढ़ियां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और लोकतंत्र की स्थापना में गाँधी के योगदान को हमेशा याद करेंगी।
संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद अमेरिका ने गाँधी जयन्ती के संबंध में पहल करके जता दिया है कि सत्य, प्रेम व सहिष्णुता पर आधारित गाँधी जी के सत्याग्रह, अहिंसा व रचनात्मक कार्यक्रम के अचूक मार्गों पर चलकर ही विश्व में व्याप्त असमानता, शोषण, अन्याय, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, दुराचार, नक्सलवाद, पर्यावरण असन्तुलन व दिनों-ब-दिन बढ़ते सामाजिक अपराध को नियंत्रित किया जा सकता है। यहाँ तक कि भारत में भी गाँधी जी द्वारा रचनात्मक कार्यक्रम के जरिए विकल्प का निर्माण आज पूर्वोत्तर भारत व जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों की समस्याओं, नक्सलवाद व घरेलू आतंकवाद से निपटने में जितने कारगार हो सकते हैं उतना बल-प्रयोग नहीं हो सकता। गाँधी जी दुनिया के एकमात्र लोकप्रिय व्यक्ति थे जिन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वयं को लेकर अभिनव प्रयोग किए और आज भी सार्वजनिक जीवन में नैतिकता, आर्थिक मुद्दों पर उनकी नैतिक सोच व धर्म-सम्प्रदाय पर उनके विचार प्रासंगिक हंै। तभी तो भारत के अन्तिम वायसराय लार्ड माउण्टबेन ने कहा था - ‘‘गाँधी जी का जीवन खतरों से भरी इस दुनिया को हमेशा शान्ति और अहिंसा के माध्यम से अपना बचाव करने की राह दिखाता रहेगा।’’
20 टिप्पणियां:
Gandhi ji ke vicharon par bahut sundar post...aj bhi unke vichar utne hi prasangik hain !!
गाँधी जी दुनिया के एकमात्र लोकप्रिय व्यक्ति थे जिन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वयं को लेकर अभिनव प्रयोग किए और आज भी सार्वजनिक जीवन में नैतिकता, आर्थिक मुद्दों पर उनकी नैतिक सोच व धर्म-सम्प्रदाय पर उनके विचार प्रासंगिक हंै...Par durbhagya se Gandhi ji ke nam par rajniti karne walon ne hi unke vicharon ko tilanjali de di.
...Still Gandhi ji an Icon for youth.
...Still Gandhi ji an Icon for youth.
बहुत सुंदर विचार
बहुत सुंदर लिखा आपने. आपकी विचार
बिल्कुल सही है.
KK Yadav ji,
aap ka lekh lambi aur oonchi udaan ka parchayak hai. aapke lekh se main bahut prabhavit hua hoon.Gandhi ji ke bare mein likh kar unke bare mein sochne ko majboor karta hai .sahity shetr mein aap nishchit naam karenge .aapki shaili prabhav shali hai. bahut bahut badhai.
ओर गाँधी का देश पश्चिम विचारों की ओर उन्मुख
शांति’ अहिंसा’ और प्रेम दुनिया के चिर सत्य हैं। इनपर चलने वाला व्यक्ति सदैव अमर रहेगा और पूजा जायेगा ‘ यह गान्धी जी ने सिद्ध कर दिया। एक अच्छा पोस्ट ।
कभी मेरे ब्लोग http://iyatta.blogspot.com पर जायें। इन दिनों मैने व्यंग्य और कवितायें पोस्ट की हैं।
हरिशंकर राढी
वर्तमान परिवेश में गाँधी एक व्यक्ति नहीं बल्कि मूल्य बन गए हैं. ये मूल्य भारत ही नहीं पूरे विश्व की पूंजी हैं.
वर्तमान परिवेश में गाँधी एक व्यक्ति नहीं बल्कि मूल्य बन गए हैं. ये मूल्य भारत ही नहीं पूरे विश्व की पूंजी हैं.
गाँधी जी इस धरती पर मानवता के अवतार थे..उन पर आपने उम्दा लिखा है.
शब्द-शिखर पर आप भी बारिश के मौसम और भुट्टा का आनंद लें- http://shabdshikhar.blogspot.com/
Gandhi ji per ek umda lekh... badhai swekaare...
aap ke vicharo se main sahmat hoon......isi liye kahte hai gandhi kabhi nahi marega ....vo ek sharir nahi ek soch hai
bhut sundar
आदरणीय यादव जी,
’इयत्ता’पर एक विनम्र ‘श्रद्धांजलि’ दी गई है। चाहूंगा कि आप उसे देखें और निःसकोच टिप्पणी दें।
हरिशंकर राढी
Sargarbhit post.
गाँधी जयंती की बधाई व के.के. जी को इस अनुपम प्रस्तुति के लिए साधुवाद.
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