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शनिवार, 23 मई 2009

अमेरिका से आरम्भ होकर आज विश्वभर में गूंजेगा मानस पाठ

भारत प्राचीन काल से ही ‘वसुधैव कुटुंबकम‘ का परिपालक रहा है। भारत की पवित्र भूमि पर मानवीय अवतार लेकर तमाम देवी-देवताओं ने भी यहीं से इसकी अलख जगाई। रामचरित मानस की महिमा से भला कौन अपरिचित होगा। भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कोने-कोने में तुलसीदास रचित रामचरितमानस को बड़ी श्रद्धा के साथ पढ़ा व देखा जाता है। अब इसी रामचरितमानस के वैश्विक अखंड पाठ का आगाज 23 मई 2009 को डालास, अमेरिका में वहां के समयानुसार अपरान्ह 2 बजे किया जा रहा है। वस्तुतः इसके अन्तर्गत दुनिया में प्रचलित सभी टाइमजोनों में हिंदी जानने वाले प्रवासी भारतीयों को एक चक्र में जोड़कर मानस विश्व परिक्रमा की योजना बनाई गई है, जिसमें कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक देश के भारतीयों को दूसरे देश और दूसरे को तीसरे फिर क्रमशः जोड़ कर यह अखंड पाठ पूरा किया जायेगा। इस वैश्विक अखंड मानस पाठ में टाइम जोन के मुताबिक दो-दो घंटे में विभिन्न देश एक दूसरे से जुड़ते जायेंगे। डालास से आरम्भ होकर दो घंटे बाद अमेरिका के ही कैलीफोर्निया में मानस प्रेमी पाठ से जुड़ जायेंगे। जिस समय कैलीफोर्निया में दो घंटे पूरे हो रहे होंगे फीजी के हवाई शहर में सुबह के 11 बजे होंगे। फीजी के लोग कैलीफोर्निया से जुड़ कर आगे का पाठ शुरू करेंगे। दो घंटे बाद जब आस्ट्रेलिया में प्रातः के 11 बजेंगे, वहां के लोग फीजी से जुड़ कर अखंड पाठ को आगे बढ़ाएंगे। इसी क्रम में सिंगापुर, भारत, माॅरीशस, अफ्रीका (नाइजीरिया), यूके (लंदन) जुड़ते जायेंगे। यहां से जब 24 मई को फिर से मानस पाठ अमेरिका के डालास में वापस लौटेगा तब वहां प्रातः 10 बज रहे होंगे। यहां दो घंटे पाठ चलेगा और इस तरह पूरी हो जायेगी रामचरित मानस के अखण्ड पाठ की अनोखी विश्व परिक्रमा।

भारत के तीन शहर भी इस अनूठे मानस पाठ विश्व परिक्रमा से जोड़े गये हंै। सिंगापुर से पहले 24 मई को वाराणसी प्रातः 10ः30 बजे जुड़ेगा। डेढ़ घंटे बाद अर्थात 12 बजे दोपहर को दिल्ली में शुरू होगा। यहां चार घंटे पाठ चलेगा। सांय 4 बजे मुंबई जुड़ जायेगा जहां दो घंटे पाठ चलेगा। मुंबई से जुड़ कर नाइजीरिया के प्रवासी भारतीय वहां के समयानुसार सांय 3 बजे पाठ शुरू कर देंगे।

इस पवित्र अभियान के पीछे डालास में साटवेयर कंपनी ‘मिगमैक्स‘ चला रहे भारतीय मूल के प्रबंधन गुरू डा0 नंदलाल सिंह एवं उनके साथी शैलेश मिश्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कांफ्रेंसिंग का एक ऐसा विशेष साफ्टवेयर तैयार किया है, जिससे एक देश के लोग जहां से पाठ खत्म कर रहे होंगे दूसरे देश के लोग उसके पहले से ही उनके साथ पाठ शुरू कर देंगे। इस प्रकार जब दो देशों के लोग पाठ करने के लिए जुड़ रहे होंगे उस संधिकाल में कम से कम दस मिनट तक दोनों देशों में संयुक्त पाठ चल रहा होगा। बतौर डा0 नंदलाल सिंह- ‘‘ रामचरितमानस के वैश्विक अखंड पाठ का अपने आप में यह प्रथम अभिनव प्रयास है जिससे संपूर्ण विश्व में मानस पाठ के माध्यम से वैश्विक सांस्कृतिक एकता मजबूत होगी और भारतीय संस्कृति व हिंदी का भी प्रचार होगा।‘

15 टिप्‍पणियां:

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

Yah to bahut shubh karya hai...shubhkamnayen !

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Bhanwar Singh ने कहा…

बेहद अनूठा और पवित्र अभियान...शुभकामनायें !!

Amit Kumar Yadav ने कहा…

बेहद सकारात्मक और प्रखर सोच है कि-रामचरितमानस के वैश्विक अखंड पाठ का अपने आप में यह अभिनव प्रयास है जिससे संपूर्ण विश्व में मानस पाठ के माध्यम से वैश्विक सांस्कृतिक एकता मजबूत होगी और भारतीय संस्कृति व हिंदी का भी प्रचार होगा।‘

Akanksha Yadav ने कहा…

ऐसे प्रयासों से भारतीय संस्कृति की अविरल परंपरा में वृद्धि होती है.

Unknown ने कहा…

Nice one.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

इस पवित्र अभियान के पीछे डालास में साटवेयर कंपनी ‘मिगमैक्स‘ चला रहे भारतीय मूल के प्रबंधन गुरू डा0 नंदलाल सिंह एवं उनके साथी शैलेश मिश्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।...Many-many Congts. Boss.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

इस पवित्र अभियान के पीछे डालास में साटवेयर कंपनी ‘मिगमैक्स‘ चला रहे भारतीय मूल के प्रबंधन गुरू डा0 नंदलाल सिंह एवं उनके साथी शैलेश मिश्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।...Many-many Congts. Boss.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

ये तो बहुत रोचक बात बताई आपने...साधुवाद.

बेनामी ने कहा…

काश कि मैं भी इसमें शामिल हो पता.फ़िलहाल तुलसी बाबा की जय हो.

बेनामी ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
बेनामी ने कहा…

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक सद्भाव को बढाता सराहनीय अभियान....मुबारकवाद .

शरद कुमार ने कहा…

Bahut achhi jankari di apne.

बेनामी ने कहा…

आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं, आपकी हर पोस्ट लाजवाब होती है.

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

बात तो बड़े पते की है...पर आगे-आगे देखिये होता क्या है ??