हिंदी मात्र एक भाषा नहीं, अपितु भारतीय संस्कृति, संस्कारों एवं जीवन मूल्यों की प्रबल संवाहक है। समस्त भारतीयों को एकता के सूत्र में पिरोती हिन्दी वह सूत्र है जो हमें एक-दूसरे से जोड़ती है, हमारी भावनाओं को अभिव्यक्त करती है। अपनी सहजता, मधुरता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बल पर हिंदी भाषा ने वैश्विक स्तर पर विशेष प्रतिष्ठा अर्जित की है। उक्त उद्गार उत्तर गुजरात परिक्षेत्र, अहमदाबाद के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित हिंदी पखवाड़ा के शुभारंभ के अवसर पर व्यक्त किए। इससे पूर्व उन्होंने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर हिंदी पखवाड़ा (14-28 सितंबर, 2025) का शुभारंभ किया।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि हिन्दी सिर्फ संवाद व साहित्य ही नहीं बल्कि विज्ञान से लेकर संचार-क्रांति, सूचना-प्रौद्योगिकी और नवाचार की भाषा भी है। हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ-साथ राजभाषा भी है, ऐसे में इसके विकास के लिए जरुरी है कि हम हिंदी भाषा को व्यवहारिक क्रियाकलापों के साथ-साथ राजकीय कार्य में भी प्राथमिकता दें। बदलते समय की चुनौतियों के अनुरूप राजभाषा, संपर्क भाषा और महत्वपूर्ण ज्ञानभाषा बने रहने के लिए हिंदी को तकनीकी रूप से और समृद्ध बनना होगा। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति का यह दायित्व है, कि वह आत्मविश्वास के साथ हिंदी में कार्य करे और इसकी उन्नति में सहयोग प्रदान करे।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि भारत सरकार द्वारा विकास कार्यक्रमों और जनसेवाओं के संचालन में हिंदी के प्रयोग को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। आज स्थिति यह है, कि संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में भी हिंदी की आवाज़ गूंजने लगी है। हिन्दी भाषा की मधुरता में वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना निहित है और इसकी सरलता में गहन ज्ञान का सागर समाहित है। 'हिंदी दिवस' का दिन सिर्फ एक औपचारिक उत्सव नहीं, बल्कि उस भाषा का उत्सव है जिसने हमारे दिलों को जोड़ा, सपनों को शब्द दिए और भावनाओं को आवाज़।
सहायक निदेशक (राजभाषा) श्री एम. एम. शेख ने बताया कि हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत 14 से 28 सितंबर, 2025 तक डाककर्मियों हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। इसमें निबंध लेखन, काव्य-पाठ, हिंदी व्याकरण, प्रश्नोत्तरी, अनुवाद, तात्कालिक भाषण और हिंदी कार्यशाला का आयोजन क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर किया जाएगा।
सहायक निदेशक श्री वारिस वहोरा ने प्रकाश डालते हुए कहा कि 14 सितंबर 1949 को, देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर अपनाने का निर्णय लिया गया। अभी हिन्दी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने की 76 वीं वर्षगांठ है।
कार्यक्रम में सहायक निदेशक श्री एम. एम. शेख, श्री रितुल शाह, श्री वी एम. वहोरा, वरिष्ठ लेखाधिकारी सुश्री पूजा राठोर, सहायक अधीक्षक श्री जीनेश पटेल, श्री रमेश पटेल, श्री रोनक शाह, श्री भाविन प्रजापति, सहायक लेखाधिकारी श्री चेतन सैन, डाक निरीक्षक सुश्री पायल पटेल, श्री योगेन्द्र राठोड, सहित तमाम विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री अभिषेक पीठडीया ने किया।










कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें