नए शहर में जाइए तो तमाम नए लोगों से मुलाकात होती है। प्रशासन से लेकर साहित्य-कला-संस्कृति में अभिरुचि रखने वालों से। इनमें से कई ऐसे होते हैं, जिनकी रचनाधर्मिता से हम अक्सर रूबरू होते हैं, पर मुलाकात का कोई सुयोग नहीं बना होता है। सोशल मीडिया और वर्चुअल लाइफ से परे इसी क्रम में जोधपुर में मुलाकात हुई रिटायर्ड जज और वरिष्ठ साहित्यकार श्री मुरलीधर वैष्णव जी से। उम्र के इस पड़ाव पर भी आपकी सक्रियता देखते बनती है। बेहद आत्मीय और संवेदनशील व्यक्तित्व !!
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