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सोमवार, 29 अप्रैल 2013

'विज्ञान परिषद प्रयाग शताब्दी सम्मान' से कृष्ण कुमार यादव भी सम्मानित



राष्ट्रभाषा हिन्दी के माध्यम से विज्ञान लोकप्रियकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये विज्ञान के प्रति समर्पित संस्था 'विज्ञान परिषद प्रयाग' ने अपने शताब्दी वर्ष में विभिन्न विभूतियों को  'विज्ञान परिषद प्रयाग शताब्दी सम्मान' से विभूषित किया। 

प्रशासन के साथ-साथ लेखन और ब्लागिंग में अनवरत सक्रिय एवं सम्प्रति इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवायें  कृष्ण कुमार यादव को भी इस अवसर पर  'विज्ञान परिषद प्रयाग शताब्दी सम्मान' से सम्मानित किया गया। 

उक्त सम्मान 27 अप्रैल 2013 को इलाहाबाद में  विज्ञान परिषद प्रयाग के सभागार  में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के राजपाल महामहिम श्री शेखर दत्त द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता  डा0 वीरेन्द्र पाल सिंह, अध्यक्ष विश्व कृषि वानिकी केन्द्र (दक्षिण एशिया), नई दिल्ली ने की। 


इस अवसर पर हिंदी में विज्ञान लेखन करने और इसे प्रोत्साहित करने हेतु देश के बारह विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न प्रमुख संस्थानों/विभागों के आठ निदेशकों, दस डाक्टर्स एवं बीस शिक्षाविद, साहित्यकार व ब्लागर्स को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर विज्ञान परिषद् के सभापति दीनानाथ मिश्र, संस्था के प्रधानमंत्री शिवगोपाल  मिश्र, के . के . भूटानी सहित तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न प्रमुख संस्थानों/विभागों के निदेशक, अधिकारीगण,  चिकित्सक, शिक्षाविद, साहित्यकार, लेखक, पत्रकार, ब्लागर्स, शोधार्थी इत्यादि उपस्थित थे। 

(साभार प्रस्तुति : )

बुधवार, 24 अप्रैल 2013

'चिट्ठा' के दस साल का सफ़र

न्यू मीडिया के रूप में तेजी से उभरी हिन्दी ब्लागिंग के एक दशक पूरा होने पर प्रिंट मीडिया ने भी इसे हाथों-हाथ लिया। इलाहाबाद के तमाम पत्रकारों ने अन्य ब्लागर्स के साथ हम लोगों  से भी संपर्क किया और इस विधा के बारे में अपनी जानकारी में इजाफा करते हुए हिंदी ब्लागिंग के दस साल पूरे होने पर व्यापक और बेहतर कवरेज भी दी। इनमें आकांक्षा जी के  'शब्द-शिखर' के अलावा मेरे  'शब्द-सृजन की ओर' व 'डाकिया डाक लाया', अक्षिता के 'पाखी की दुनिया' के साथ-साथ हिंदी में ब्लागिंग कर रहे सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी, गौरव कृष्णा बंसल इत्यादि की भी चर्चा की गई है। सबसे रोचक तो यह रहा कि हिन्दी मीडिया के साथ-साथ इस अवसर को अंग्रेजी-मीडिया ने भी भरपूर स्थान दिया। टाइम्स आफ इण्डिया, हिंदुस्तान टाइम्स  जैसे प्रतिष्ठित अंग्रेजी समाचार पत्रों के अलावा नार्दर्न इण्डिया पत्रिका ने भी इस पर बखूबी कलम चलाई। आप भी इन रिपोर्ताज को यहाँ पढ़ सकते हैं- 












At the completion of 10 years since its inception, Hindi blogging has come a long way. Even in a city like Allahabad there are individuals who are not just expressing their views and more on blog space, but even bringing home awards for their skills. One such accolade has been brought to the city by Krishna Kumar Yadav and his wife Akanksha Yadav, who won the 'Best Blogging Couple of the Decade' award for their blogs in Hindi since 2003 when Unicode made it possible to write blogs in our national language. Credit of pioneering Hindi blogs goes to a person named Alok, who first posted his blog titled 'Nau Do Gyarah'. He is the one who used the word 'Chittha' for a blog for the first time. Today it has evolved as a strong platform for dialogue, information exchange, self expression and communication. Allahabad has always enjoyed the pride of being a seat of literature, education, culture and art and the city's bloggers have lived up to that reputation. 

Krishna Kumar Yadav, who was awarded with 'Awadh Samman' for 'Excellence in New Media and Blogging' in November 2013 by Chief Minister Akhilesh Yadav. 

Posted as director Postal Services of Allahabad region, Yadav told TOI that he runs two blogs named 'Shabd Srijan ki Ore' and 'Daakiya Daak Laaya'. 'Shabd Srijan ki Ore' (http://kkyadav.blogspot.com) , started on June 13, 2008 is alive with contemporary issues, beautiful and soul-stirring poems, informational and well researched articles, whereas his other blog 'Daakiya Daak Laaya' (http://dakbabu.blogspot.com) contains rich history of Postal Services, information about great personas related with service and information about amazing world of postage stamps. His wife Akanksha Yadav is his partner in blogging. Through her blog 'Shabd Shikhar' (http://shabdshikhar.blogspot.com), she writes about woman and child issues, and social concerns. She is an eminent blogger and women empowerment is the basic theme of her writing. 

The couple began blogging in 2003 and within five years through their 10 blogs, motivated several others to start blogs of their own. The couple was awarded 'The Best Couple Blogger of the Decade' award at an International Hindi Blogging Conference organised in Lucknow on August 27, 2012. Blogs of this couple have readers not only in India but abroad as well. While Krishna Kumar Yadav's blogs 'Daakiya Daak Laya' has been viewed in 104 countries and 'Shabd Srijan Ki Ore' in 78 countries, Akanksha Yadav's blog 'Shabd Shikhar' has been viewed in 81 countries. 

Akanksha Yadav says, "Blogging emerged as a 'new media' and has opened a new prospect for women's aspirations. In her blog, she presents data to illustrate that today there are more than 50,000 blogs out of which about one-fourth are operated by women. These women are not only discussing socio-political and economic issues but also creating literature in their own style. 

The Youngest blogger in Hindi, a girl named Akshita is also from Allahabad. She is the first blogger to have received State Award for blogging and has received National Children's Award from Government of India in 2011. Her blog 'Pakhi Ki Duniya' (http://pakhi-akshita.blogspot.com) is amazing and is viewed/read in about 105 countries and contains more than 320 posts.   (Courtesy : Times of India, 22 April 2013)





शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

'चिट्ठियों से चिट्ठे तक' का सफ़र जनसत्ता में




शब्द सृजन की ओर' पर 31 मार्च , 2013 को प्रकाशित पोस्ट 'चिट्ठियों से चिट्ठा तक' को प्रतिष्ठित हिन्दी अख़बार जनसत्ता ने 19 अप्रैल , 2013 को अपने नियमित स्तंभ 'समांतर' के तहत 'चिट्ठियों से चिट्ठे तक' शीर्षक से प्रकाशित किया है...आभार ! इस आलेख को पढने के लिए क्लिक करें - 'चिट्ठियों से चिट्ठा तक'

इससे पहले 'शब्द सृजन की ओर' पर प्रकाशित ब्लॉग की पोस्टों की चर्चा जनसत्ता के साथ-साथ  दैनिक जागरण, अमर उजाला, LN स्टार, नभ छोर, जनवाणी, इत्यादि में हो चुकी है. मेरे दूसरे ब्लॉग 'डाकिया डाक लाया'  और इसकी प्रविष्टियों की चर्चा दैनिक हिंदुस्तान, जनसत्ता, राष्ट्रीय सहारा, राजस्थान पत्रिका, उदंती, LN STAR पत्र-पत्रिकाओं में हो चुकी है.इस प्रोत्साहन के लिए आप सभी का आभार !!