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शनिवार, 14 फ़रवरी 2009

प्रेम (वैलेंटाइन-डे पर विशेष)

प्रेम एक भावना है
समर्पण है, त्याग है
प्रेम एक संयोग है
तो वियोग भी है
किसने जाना प्रेम का मर्म
दूषित कर दिया लोगों ने
प्रेम की पवित्र भावना को
कभी उसे वासना से जोड़ा
तो कभी सिर्फ उसे पाने से
भूल गये वे कि प्यार सिर्फ
पाना ही
नहीं, खोना भी है
कृष्ण तो भगवान थे
पर वे भी
न पा सके राधा को
फिर भी हम पूजते हैं उन्हें
पतंगा बार-बार जलता है
दिये के पास जाकर
फिर भी वो जाता है
क्योंकि प्यार
मर-मिटना भी सिखाता है !!

15 टिप्‍पणियां:

Amit Kumar Yadav ने कहा…

प्रकृति ने हमें केवल प्रेम के लिए यहाँ भेजा है.इसे किसी दायरे में नहीं बाधा जा सकता है.बस इसे सही तरीके से परिभाषित करने की आवश्यकता है.***वेलेनटाइन डे की आप को बहुत-बहुत बधाइयाँ***

Bhanwar Singh ने कहा…

प्रेम एक सुखद अनुभूति है. वासना से परे यह पवित्रतता का एहसास है.प्रेम पर बहुत उम्दा भाव हैं कृष्ण कुमार जी के..बधाई.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

पतंगा बार-बार जलता है
दिये के पास जाकर
फिर भी वो जाता है
क्योंकि प्यार
मर-मिटना भी सिखाता है !!
....बहुत ऊँची बात है इन पंक्तियों में.

बेनामी ने कहा…

वसंत ऋतु में पधारे मदनोत्सव पर्व का स्वागत करें. ''वैलेंटाइन डे'' की सुखद शुभकामनायें !!सुखद इसलिए कि कोई 'सेना' आपके प्यार में खलल न डाल दे !!

बेनामी ने कहा…

प्रेम को इतने सुन्दर शब्दों में ढालने के लिए आपको साधुवाद.

Akanksha Yadav ने कहा…

कृष्ण तो भगवान थे
पर वे भी
न पा सके राधा को
फिर भी हम पूजते हैं उन्हें
----------------------------
यह सही है कि भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी थीं, और राधा जी उनका प्यार थीं..... पर इसका मतलब यह नहीं कि वे राधा को न पा सके. कृष्ण-राधा के प्यार को लौकिक नहीं आध्यात्मिक रूप में देखने की जरुरत है, जहाँ पर आत्मा एकाकार हो जाती है...वाकई आपने बहुत बढ़िया लिखा है,बधाई !!!

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

प्यार के इस मदनोत्सव पर याद आता है हसरत मोहानी का शेर-
लिक्खा था अपने हाथों से जो तुमने एक बार।
अब तक हमारे पास है वो यादगार खत ।।

Unknown ने कहा…

प्रेम कविता पर कुछ कमेन्ट करने की बजाय यही कहूँगा कि यह एहसास करने वाली भावना है. जिस रूप में अपने इसे शब्दों में पिरोया है, वह सिर्फ महसूस की जा सकती है.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

वेलेनटाइन डे पर लाजवाब और भावपूर्ण प्रस्तुति.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

प्रेम एक भावना है
समर्पण है, त्याग है
प्रेम एक संयोग है
तो वियोग भी है
....Ati sundar bhavon se bhari kavita.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
KK Yadav ने कहा…

.....मदनोत्सव की इस सुखद बेला पर समस्त साहित्य-शिल्पियों को ढेरों बधाइयाँ !! आप नित प्रेम के रस में डूबते रहें और जीवन का भरपूर आनंद उठायें !!

बेनामी ने कहा…

प्रेम का मौसम और प्रेम की गहराईयां बयां करती सुंदर कविता के लिए बधाई।

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

प्रेम की अनुभूति को समेटे इतनी उम्दा कविता के लिए आपको शत-शत बधाई. वेलेनटाइन दिवस की शुभकामनायें.

Dev ने कहा…

बहुत सुंदर रचना .
धन्याद .
एक नजर इस ब्लॉग पर "दादी माँ की कहानिया"

http://dadimaakikahaniya.blogspot.com/