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शुक्रवार, 26 दिसंबर 2008

पत्रों में छुपी ईश्वरीय आस्था

हम सभी ने बचपन में वो कहानी सुनी होगी, जहाँ एक किसान फसल ख़राब होने पर ईश्वर को पत्र लिखता है और १००/- की सहायता माँगता है। पत्र देखकर पोस्टमास्टर असमंजस में पड़ जाता है और अंतत: अपनी जेब में रखे ७५/- उस किसान को मनीआर्डर कर देता है, ताकि ईश्वर में उसकी आस्था बनी रहे. किसान मनीआर्डर पाकर ईश्वर को धन्यवाद देता है. पर जब १००/- की बजाय ७५/- ही उसे प्राप्त होते हैं तो पोस्टमास्टर पर सारा गुस्सा निकलता है कि उसने ईश्वर द्वारा उसे भेजे गए रुपयों में से २५/- निकाल लिए. पोस्टमास्टर किसान की ईश्वरीय आस्था को देखते हुए बस चुप रहता है. .........यह कहानी क्रिसमस के पर्व पर यूँ ही याद आ गई. क्रिसमस हो और सांता क्लाजा का जिक्र न हो तो मजा नहीं आता. बच्चे तो सांता को इतना चाहते हैं कि हर क्रिसमस पर उसे ६० लाख से ज्यादा पत्र लिखते हैं. सबसे मजेदार बात तो यह है कि विभिन्न देशों में डाक विभाग इन पत्रों का जवाब देने के लिए अलग से कर्मचारियों की नियुक्ति करता है, ताकि बच्चों की सांता में आस्था बनी रहे. कनाडा का डाक विभाग २६ तो जर्मनी का डाक विभाग १६ भाषाओँ में इन पत्रों का जवाब देता है. कनाडा ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए बकायदा सांता के लिए अलग से पिन-कोड तक बनाया है. सूचना-क्रांति के इस दौर में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ई-मेल पर सांता को उतने पत्र नहीं मिलते जितने डाक द्वारा. कईयों के लिए यह अचरज का भी विषय हो सकता है जो डाक को बीते दिनों की बात मानने लगे हैं. आधुनिक जीवन शैली में डाक को गुजरे जमाने की बात समझने वाले लोगों के लिए यह आश्चर्य और शोध का विषय हो सकता है कि अन्तरिक्ष-प्रवास के समय सुनीता विलियम्स अपने साथ भगवद्गीता और गणेशजी की प्रतिमा के साथ-साथ पिताजी के हिन्दी में लिखे पत्र भी साथ लेकर गईं। हसरत मोहानी ने यूँ ही नहीं लिखा था-


लिक्खा था अपने हाथों से जो तुमने एक बार
अब तक हमारे पास है वो यादगार खत!

15 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Very Interesting information.

बेनामी ने कहा…

बच्चे तो सांता को इतना चाहते हैं कि हर क्रिसमस पर उसे ६० लाख से ज्यादा पत्र लिखते हैं. सबसे मजेदार बात तो यह है कि विभिन्न देशों में डाक विभाग इन पत्रों का जवाब देने के लिए अलग से कर्मचारियों की नियुक्ति करता है, ताकि बच्चों की सांता में आस्था बनी रहे...Really its a positive approach of postal system. Thanks for such new information.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

अन्तरिक्ष-प्रवास के समय सुनीता विलियम्स अपने साथ भगवद्गीता और गणेशजी की प्रतिमा के साथ-साथ पिताजी के हिन्दी में लिखे पत्र भी साथ लेकर गईं।
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पत्रों की तो महिमा ही निराली है.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

Belated wishes of merry x-mas.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

सारगर्भित और नवीन जानकारी.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

क्रिसमस हो और सांता क्लाजा का जिक्र न हो तो मजा नहीं आता. बच्चे तो सांता को इतना चाहते हैं कि हर क्रिसमस पर उसे ६० लाख से ज्यादा पत्र लिखते हैं....Really wonder.संवेदनाएं अभी भी हाई-टेक नहीं हुई हैं, उसका ये पत्र सबूत हैं.

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

चलिए किसी को तो डाक और डाकिया की याद आई....

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

Belated wishes of merry x-mas.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

लीजिए हम लेट-लतीफ़ भी आ गए.
हैप्पी क्रिसमस !!!

Akanksha Yadav ने कहा…

आस्था के कई रूप हैं, पर जानकर अचरज हुआ कि एक सरकारी विभाग भी इस आस्था को कायम रखता है....Great work.

Akanksha Yadav ने कहा…

Belated wishes of X-mas.

KK Yadav ने कहा…

धन्यवाद मित्रों, आप सभी को 'बड़ा दिन' और 'नव वर्ष की' ढेरों शुभकामनायें.

अनुपम अग्रवाल ने कहा…

samvednaaon ko jagaatee hai aapkee rachnaa.achhee jaankaariyon ke liye bhee naman .

Prakash Badal ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
सुशांत सिंघल ने कहा…

हिन्दी ब्लॉग जगत से बिल्कुल नया नया परिचय हुआ है और जितनी बड़ी संख्या में अत्यंत प्रतिभावान लेखकों की उपस्थिति यहां दिखाई दे रही है उसे देख कर विस्मित हूँ। आपके इस आलेख में लेखन के सभी गुण मौजूद हैं। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

सुशान्त सिंहल