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सोमवार, 30 अक्टूबर 2023

Purvanchal Gaurav Samman : वाराणसी और प्रयागराज परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव 'पूर्वांचल गौरव सम्मान' से विभूषित

वाराणसी और प्रयागराज परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव को प्रशासन और साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियों हेतु "पूर्वांचल गौरव सम्मान" से सम्मानित किया गया। वरिष्ठ प्रशासक के साथ एक लेखक, साहित्यकार व ब्लॉगर के रूप में भी ख्याति प्राप्त श्री यादव को उक्त सम्मान रेडिसन ब्लू होटल, गोरखपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद, सांसद डा. रमापति राम त्रिपाठी व गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने 29 अक्टूबर, 2023 को प्रदान किया। पूर्वांचल गौरव सम्मान समिति के अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश राय ने बताया कि प्रशासन, शिक्षा, चिकित्सा, साहित्य, संस्कृति, लोककला, कृषि, उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली विभूतियों को पूर्वांचल गौरव सम्मान से विभूषित किया गया।






गौरतलब है कि 2001 बैच के भारतीय डाक सेवा के अधिकारी श्री कृष्ण कुमार यादव सामाजिक, साहित्यिक और समसामयिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन करने वाले साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं। विभिन्न विधाओं में उनकी सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं - 'अभिलाषा' (काव्य-संग्रह), 'अभिव्यक्तियों के बहाने', 'अनुभूतियाँ और विमर्श', 16 आने 16 लोग' (निबंध-संग्रह), इंडिया पोस्ट : 150 ग्लोरियस इयर्ज', 'क्रांति-यज्ञ : 1857-1947 की गाथा', 'जंगल में क्रिकेट' (बाल-गीत संग्रह)। सामाजिक सहभागिता, संवेदनशीलता और निरंतर लोगों से रचनात्मक संवाद करते हुए आपने डाक सेवाओं के माध्यम से वित्तीय समावेशन, डिजिटल इण्डिया, अंत्योदय और नवाचार को हमेशा बढ़ावा दिया है।















देश-विदेश में विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ‘‘अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा ‘‘साहित्य-सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त द्वारा ‘‘विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान’’, सिक्किम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण आचार्य द्वारा "साहित्य शिल्पी सम्मान" से विभूषित आपको अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन, नेपाल, भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित किया जा चुका है। विभागीय दायित्वों और हिन्दी के प्रचार-प्रसार के क्रम में अब तक श्री यादव लंदन, फ़्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, भूटान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं।













साभार 

रविवार, 1 अक्टूबर 2023

हिंद युग्म उत्सव 2.0: अब नई हिंदी बन रही युवाओं की भाषा - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव


हिंदी में जितनी सहजता होगी, उतनी ही नई पीढ़ी के बीच लोकप्रिय होगी। क्लिष्ट व कठिन भाषा से लोग ऊब रहे हैं। इस वजह से नई हिंदी यानी हिंग्लिश का कारवां प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसके पक्ष-विपक्ष में तमाम बातें कही जा सकती हैं, पर ज्यादातर लोग नई हिंदी भाषा को ही पढ़-बोल रहे हैं। सोशल मीडिया ने भी प्रस्तुतीकरण में भाषायी स्तर पर तमाम परिवर्तन किये हैं। हिंदी सभी को आत्मसात् करके चलती है, यही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है। हिंदी सदैव जीवंत भाषा बनी रहेगी। यह भाषा युवाओं की भाषा बनती जा रही है और नई हिंदी को भी एक नई दिशा मिलती जा रही है। आज हिंदी सिर्फ भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर अपना परचम फहरा रही है। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये। 

श्री यादव वाराणसी में सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के अतिशा सभागार में आयोजित दो दिवसीय 'हिंद युग्म उत्सव' (30 सितंबर-1 अक्टूबर, 2023) के पहले दिन देश भर से आए साहित्यसेवियों के बीच हिंदी की दशा-दिशा पर विचार साझा कर रहे थे। उन्होंने 10 साल में हिंदी लेखन में बदलाव के तहत हिंदी की नई राह विषय पर चर्चा की।

हिंदनामा के संस्थापक अंकुश कुमार ने कहा कि वर्तमान में सोशल मीडिया ने हिंदी लेखकों को नई ताकत दी है। नए लेखकों के लिए जमीन बनाई है। जौन एलिया के लेखक अनंत भारद्वाज ने कहा कि हिंदी में प्रतिदिन नए प्रयोग हो रहे हैं। इसलिए इसमें बदलाव देखने को मिल रहा है। वर्तमान में हिंदी, अंग्रेजी के शब्दों को भी स्वीकार कर रही है। इस वजह से इसका विकास हो रहा है।  यही नई हिंदी भाषा है। राकेश कायस्थ ने कहा कि साहित्य में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है। वर्तमान परिदृश्य में यह सामाजिक न होकर व्यक्तिगत हो गई है।


सूचना का समंदर और यात्रा-लेखन विषयक चर्चा में यात्रा से जुड़ी सूचनाओं और ब्लॉगों के दौर में यात्रा लेखन की प्रासंगिकता पर मंथन किया। उमेश पंत ने कहा, यात्रा वृतांत पर लेखन पुराना है। प्राचीन समय में ह्वेनसांग व फाहियान जैसे यात्रियों ने यात्रा वृतांत लिखा। यात्रा वृतांत पर लिखी किताबों में गंभीरता व नयापन होता है। इसमें भावनात्मक अभिव्यक्ति होती है। रुपाली नागर ने कहा कि यात्रा वृतांत पर लिखी पुस्तकें अपने आप में मौलिक होती हैं। इसके माध्यम से पाठक काल्पनिक व मनोरंजनपूर्ण यात्रा का लुफ्त उठाता है। संजय शेफर्ड ने कहा, यात्रा वृतांत से ज्ञान व दृष्टि के बीच नजरिया पैदा होता है। यही साधारण इंसान को लेखक बनाता है।

लेखन के लोकतंत्र विषय पर नवीन जोशी, सुभाष चंद्र कुशवाहा, मुहम्मद रजी, प्रो. बद्री नारायण, हिंद युग्म के संस्थापक शैलेश भारतवासी, कंसल्टिंग पार्टनर संज्ञा पी.आर के संस्थापक गौरव गिरजा शुक्ला ने भी विचार व्यक्त किए। 

इसके पूर्व किशोर चौधरी की पुस्तक "मिट जाने तक" का विमोचन किया गया। इस पुस्तक की लेखनी व शीर्षक पर फतेह सिंह भाटी, डा. इंदु सिंह व हिंद युग्म के संस्थापक शैलेश भारतवासी ने चर्चा की। 


इससे पहले वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल  कृष्ण कुमार यादव , केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ की कुलसचिव डा. सुनीता चन्द्रा, डा. हिमांशु पांडेय, रचना शर्मा एवं हिंद युग्म के संस्थापक शैलेश भारतवासी ने दीप जलाकर ‘हिंद युग्म उत्सव 2.O’  का शुभारंभ किया। विभिन्न सत्रों में किशोर चौधरी, सुषमा गुप्ता, रोहिण कुमार व संजय व्यास ने संचालन किया।






गौरतलब है कि ‘हिंद युग्म उत्सव 2.O’ में हिंदी साहित्य के सौ से भी ज्यादा लेखक, कवि, विचारक, आलोचक, विषय-विशेषज्ञ, कलाकार, साहित्य-कला और संस्कृतिकर्मी शामिल हो रहे हैं।  ‘हिंद युग्म उत्सव 2.O’ के दोनों दिन दर्जन भर सत्र होंगे जिनमें साहित्य, सिनेमा, भाषा, ऑडियोबुक, अपराध-कथा लेखन, पटकथा लेखन के साथ ही हर तरह के लेखन की संभावनाओं और उसके भविष्य पर गंभीर चर्चाएं होंगी। हिंद युग्म के संस्थापक शैलेश भारतवासी ने बताया कि  पहला हिंद युग्म उत्सव राजस्थान के बाड़मेर में 15 अक्टूबर, 2022 को संपन्न हुआ था।  हिंद युग्म उत्सव बाकी के साहित्य उत्सव से अलग है और इसका प्रारूप हिंदी भाषा और साहित्य को एक नया आयाम देने वाला है। मूलत: यह हिंदी के सितारों का उत्सव है, क्योंकि हिंद युग्म प्रकाशन की कई किताबें बेस्टसेलर हैं और कई किताबों पर फिल्में भी निर्माणाधीन हैं। हिंद युग्म से प्रकाशित सत्य व्यास के उपन्यास ‘चौरसी’ पर आधारित वेबसीरीज ‘ग्रहण’ बीते साल रिलीज हो चुकी है, वहीं  हाल ही में हिंद युग्म द्वारा ही प्रकाशित निखिल सचान के उपन्यास ‘यूपी 65’ पर इसी नाम से एक वेबसीरीज जियो सिनेमा पर रिलीज हुई, जिनसे खूब प्रशंसा बटोरी।