राष्ट्रभाषा हिन्दी के माध्यम से विज्ञान लोकप्रियकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये विज्ञान के प्रति समर्पित संस्था 'विज्ञान परिषद प्रयाग' ने अपने शताब्दी वर्ष में विभिन्न विभूतियों को 'विज्ञान परिषद प्रयाग शताब्दी सम्मान' से विभूषित किया।
प्रशासन के साथ-साथ लेखन और ब्लागिंग में अनवरत सक्रिय एवं सम्प्रति इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवायें कृष्ण कुमार यादव को भी इस अवसर पर 'विज्ञान परिषद प्रयाग शताब्दी सम्मान' से सम्मानित किया गया।
उक्त सम्मान 27 अप्रैल 2013 को इलाहाबाद में विज्ञान परिषद प्रयाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के राजपाल महामहिम श्री शेखर दत्त द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 वीरेन्द्र पाल सिंह, अध्यक्ष विश्व कृषि वानिकी केन्द्र (दक्षिण एशिया), नई दिल्ली ने की।
इस अवसर पर हिंदी में विज्ञान लेखन करने और इसे प्रोत्साहित करने हेतु देश के बारह विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न प्रमुख संस्थानों/विभागों के आठ निदेशकों, दस डाक्टर्स एवं बीस शिक्षाविद, साहित्यकार व ब्लागर्स को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विज्ञान परिषद् के सभापति दीनानाथ मिश्र, संस्था के प्रधानमंत्री शिवगोपाल मिश्र, के . के . भूटानी सहित तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न प्रमुख संस्थानों/विभागों के निदेशक, अधिकारीगण, चिकित्सक, शिक्षाविद, साहित्यकार, लेखक, पत्रकार, ब्लागर्स, शोधार्थी इत्यादि उपस्थित थे।
(साभार प्रस्तुति : )
11 टिप्पणियां:
many-many Congts. KK Ji.
बहुत बहुत बधाई हो आपको।
आज की ब्लॉग बुलेटिन गुम होती नैतिक शिक्षा.... ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आपको बहुत-2 बधाईयाँ
यह बहुत अच्छी बात है कि आप एक अधिकारी होने के साथ-साथ अच्छे लेखक और ब्लागर भी हैं। विज्ञान परिषद् के इस शताब्दी सम्मान हेतु ढेरों बधाइयाँ स्वीकार करें।
कृष्ण कुमार जी,
आपको यह सम्मान दिया जाना कुछेक लोग पचा नहीं पा रहे हैं। वैसे तो आज की तारीख में प्राय: हर सम्मान विवादों में आ रहे हैं। पर दुर्भाग्य तब पैदा होता है कि जिन्हें सम्मान नहीं मिलता, वे भी अपनी पहचान छुपाकर टिप्पणियां करने लगते हैं। Science Bloggers' Associations of India पर एक महोदय ऐसा ही कृत्य कर रहे हैं।
http://blog.scientificworld.in/2013/04/shatabdi-samman.html
शुभकामनाएं
हार्दिक बधाई |
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बधाई किन्तु आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि एक बार फिर नारीवाद का असली और घृणित चेहरा सामने आ गया है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
Many-many Congts.
आपको बहुत बहुत बधाई आपका योगदान वास्तव में अप्रतिम है ।
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