शब्द-सृजन की ओर
इस ब्लॉग पर आप रूबरू होंगे कृष्ण कुमार यादव की साहित्यिक रचनात्मकता और अन्य तमाम गतिविधियों से...
रविवार, 16 मार्च 2014
स्नेह से रँग दो दुनिया सारी
प्यार के रंग से भरो पिचकारी
स्नेह से रँग दो दुनिया सारी
ये रंग न जाने कोई जात न बोली
आप सभी को मुबारक हो यह होली !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें