कृष्ण कुमार यादव के हाइकु

पावन शब्द
अवर्णनीय प्रेम
सदा रहेंगे।
सहेजते हैं
सपने नाजुक से
टूट न जाएं।
जीवंत रहे
राधा-कृष्ण का प्रेम
अलौकिक सा।
फिल्मी संस्कृति
पसरी हर ओर
कामुक दृश्य
अपसंस्कृति
टूटती वर्जनाएँ
विद्रूप दृश्य
ये स्वछंदता
एक सीमा तक ही
लगती भली
waah ...sundar srijan ...sundar haiku ...shubhkamnayen ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सारगर्भित।
जवाब देंहटाएंखुबसूरत हाइकू ...मन को भा गए..बधाई.
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