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शनिवार, 8 मई 2010
जनसत्ता में 'शब्द सृजन की ओर' ब्लॉग की चर्चा
''शब्द सृजन की ओर'' पर 22 अप्रैल, 2010 को प्रस्तुत पोस्ट प्रलय का इंतजार को प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक पत्र 'जनसत्ता' ने 8 मई 2010 को अपने सम्पादकीय पृष्ठ पर नियमित स्तम्भ 'समान्तर' में स्थान दिया ... आभार!!
''शब्द सृजन की ओर'' पर 22 अप्रैल, 2010 को प्रस्तुत पोस्ट "प्रलय का इंतजार" को प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक पत्र 'जनसत्ता' ने 8 मई 2010 को अपने सम्पादकीय पृष्ठ पर नियमित स्तम्भ 'समान्तर' में स्थान दिया ..बधाई.
आपकी पोस्ट जनसत्ता में मैंने सुबह ही पढ़ ली थी..हार्दिक बधाई !!
जवाब देंहटाएं''शब्द सृजन की ओर'' पर 22 अप्रैल, 2010 को प्रस्तुत पोस्ट "प्रलय का इंतजार" को प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक पत्र 'जनसत्ता' ने 8 मई 2010 को अपने सम्पादकीय पृष्ठ पर नियमित स्तम्भ 'समान्तर' में स्थान दिया ..बधाई.
जवाब देंहटाएंयह लेख जनसत्ता में पढ़ा. ज़रूरी चिंता है. बच्चों को ख़ास तौर पर आगाह करने की ज़रूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी ज़िम्मेदार बने.
जवाब देंहटाएंआपको बधाइयाँ........
हमने भी जनसत्ता में यह पढ़ा था. यहाँ फिर से पढना सुखद लगा.
जवाब देंहटाएंहमने भी जनसत्ता में यह पढ़ा था. यहाँ फिर से पढना सुखद लगा.
जवाब देंहटाएंजनसत्ता में 'शब्द सृजन की ओर' ब्लॉग की चर्चा पर हार्दिक बधाई. आपकी रचनाएँ तमाम पत्र-पत्रिकाओं में पढता रहता हूँ.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा आपने...बधाई.
जवाब देंहटाएंऔर हाँ इसमें तो बिटिया पाखी की भी खूब चर्चा है..बधाई.
जवाब देंहटाएंइस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंये तो खूब चर्चा रही ...लेख प्रभावी है..शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंअले वाह, यहाँ तो मेरी भी चर्चा है.
जवाब देंहटाएंहमने भी पढ़ लिया..वाकई यह सोचने वाली बात है. चर्चा पर मुबारकवाद.
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं रंग में भंग. आज अख़बार वाले ने पूरा अख़बार ही गोल कर दिया. ..चर्चा की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबधाई।
जवाब देंहटाएंअच्छे लेखन को जगह मिल ही जाती है।
सुन्दर उद्धरणों के साथ यह लेख बड़ा प्रासंगिक व महत्वपूर्ण है. कृष्ण कुमार जी को बधाई !!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई !!
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