शनिवार, 1 मई 2010

दुनिया भर के मजदूरों एक हो (श्रमिक दिवस)

17 टिप्‍पणियां:

  1. मजदूर दिवस पर सारगर्भित प्रस्तुति...के.के. यादव जी को साधुवाद !!

    जवाब देंहटाएं
  2. श्रमिक दिवस के बहाने सुन्दर कविता रची..हार्दिक बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  3. श्रमिक दिवस के बहाने सुन्दर कविता रची..हार्दिक बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  4. कविता ही सही, पर व्यवस्था पर सीधी चोट...मजदूर तो हर तरफ से मार खा रहे हैं. काहे की बधाई दें.

    जवाब देंहटाएं
  5. बेनामी01 मई, 2010

    मजदूर दिवस पर प्रासंगिक रचना...दिवस की बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  6. पर आड़े आते हैं नेता और दलाल
    आखिर फिर इन्हें कौन पूछेगा

    सही बात है।
    मजदूर बेचारा , ऐसा ही रहेगा।

    जवाब देंहटाएं
  7. मजदूर दिवस पर खूब लिखा...मजदूरों की तरफदारी के लिए आपको बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  8. श्रमिकों की व्यथा को शब्द देती सुन्दर कविता..बधाई !!

    जवाब देंहटाएं
  9. आप सभी की टिप्पणियों व प्रोत्साहन के लिए आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  10. खूबसूरत प्रस्तुति. दुर्भाग्य से समाज में मजदूर वर्ग की यही नियति बन गई है. उनके नेता बिक गए हैं..मजदूर खामोश है !

    जवाब देंहटाएं
  11. बढ़िया है...हमें भी लेबर डे के बारे में पता चल गया.

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर कविता..बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ख़ूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने शानदार रचना लिखा है!बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  14. श्रमिक दिवस पर बहुत अच्छी प्रस्तुति . मजदूरों के सम्बन्ध में संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है...बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  15. श्रमिक दिवस पर सुन्दर अभिव्यक्ति...बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत खूब! लाजवाब! हर एक शब्द दिल को छू गयी! बेहद सुन्दर रचना!

    जवाब देंहटाएं
  17. श्रमिकों के मन की अंतर्वेदना का भावपूर्ण चित्रण..शानदार है.

    जवाब देंहटाएं