बुधवार, 7 अप्रैल 2010

अधूरे अहसास और टूटे सपने

जब छोटे थे तब बड़े होने की तमन्ना करते थे।

मगर अब पता चला कि अधूरे अहसास और टूटे सपने से अच्छा अधूरे होमवर्क और टूटे खिलौने थे !!

17 टिप्‍पणियां:

  1. मगर अब पता चला कि अधूरे अहसास और टूटे सपने से अच्छा अधूरे होमवर्क और टूटे खिलौने थे !!


    waqy me sahi he

    समझ , संवेदना और सहयोग का
    संगम जरूरी है
    प्रेमसागर मे
    डूब जाने के लिए.


    wow !!!!!!!!!!

    good

    bahut khub


    shekhar kumawat

    http://kavyawani.blogspot.com/

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  2. अले ये तो मेरी फोटो लगाई पापा ने...मजेदार.
    _________________________
    'पाखी की दुनिया' में जरुर देखें-'पाखी की हैवलॉक द्वीप यात्रा' और हाँ आपके कमेंट के बिना तो मेरी यात्रा अधूरी ही कही जाएगी !!

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  3. मगर अब पता चला कि अधूरे अहसास और टूटे सपने से अच्छा अधूरे होमवर्क और टूटे खिलौने थे !!...एकदम दिल को छूने वाली बात.

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  4. बहुत खूब...उम्दा बात !!

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  5. बेनामी10 अप्रैल, 2010

    खूबसूरत प्रस्तुति...आपका ब्लॉग बेहतरीन है..शुभकामनायें.

    ************************
    'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे रचनाओं को प्रस्तुत करने जा रहे हैं. जो रचनाकार इसमें भागीदारी चाहते हैं,वे अपनी 2 मौलिक रचनाएँ, जीवन वृत्त, फोटोग्राफ hindi.literature@yahoo.com पर मेल कर सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों.

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  6. बड़ी सार्थक बात कही के. के. भाई आपने. सोचने पर मजबूर हो गया हूँ.

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  7. कम शब्दों में बड़ी बात. पाखी बिटिया का चित्र बहुत प्यारा लग रहा है.

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  8. चित्रों के माध्यम से सुन्दर सन्देश.

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  9. प्यारी अक्षिता (पाखी), न्यारी बात..लाजवाब.

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  10. बहुत बेहतर भाव..अन्तमान की सुन्दर अभीव्यक्ति.

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  11. मासूम बात पर सच कही आपने...

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  12. बचपन की यादें..बड़ी सुहानीं. पाखी का चित्र खूबसूरत है भाई...बधाई.

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  13. कितनी प्यारी बात लिखी..मान गए के.के. जी.

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