मंगलवार, 9 मार्च 2010

सूचना के अधिकार के अधीन अफसरों की शिक्षा का ब्यौरा

सूचना का अधिकार दिनों-ब-दिन व्यापक होता जा रहा है। एक तरफ जहाँ लोग इसके माध्यम से शिक्षित हो रहे हैं, वहीँ यह समाज को जागरूक भी कर रहा है। हाल ही में मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने आरटीआई के तहत दायर एक आवेदन पर यह फैसला दिया कि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी कितना पढ़ा-लिखा है, इसका ब्यौरा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत हासिल किया जा सकता है। यह मामला लोकसभा सचिवालय से जुड़ा था, जिसके एक अधिकारी संयुक्त निदेशक [सुरक्षा] आरडी शर्मा के शैक्षिक रिकार्ड के अलावा अन्य निजी जानकारियों की फोटोकापी जगदीश प्रसाद गौड़ ने मांगी थी। सचिवालय ने जानकारी देने से इन्कार कर दिया था, जिस पर श्री गौड़ ने सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया।


सचिवालय ने आरटीआई अधिनियम की उन धाराओं का हवाला दिया, जिनके तहत निजी और सार्वजनिक हित से नहीं जुड़ी जानकारी देने की मनाही है। मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने कहा कि सूचना आधिकारिक रिकार्ड होता है। संबंधित व्यक्ति की मौखिक या लिखित सहमति लेकर उससे जुड़ी निजी सूचनाएं उजागर की जा सकती हैं।


वाकई सूचना के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत यह एक बेजोड़ फैसला है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए !!


13 टिप्‍पणियां:

  1. सूचना अधिकार के बारे में बढ़िया जानकारी ...

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  2. विलक्षण जानकारी..आभार.

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  3. लोग जागरूक हो रहे हैं..इसकी एक नजीर है ये फैसला.

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  4. बेनामी10 मार्च, 2010

    अब मजा आयेगा. अंगूठा छाप होकर हम पर राज करते हैं.

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  5. http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6249628.html

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  6. बेहतरीन लिखा आपने..बधाई.

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  7. ekbhut hi achhi jaankari ke liye dhanyvad,shayad main isase anbhigya thi.
    poonam

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  8. Right to information act 2005 is a powerfull weapon for helpless people against corruption

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  9. बेहतरीन फैसला..जानकारी हेतु आभार.

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