रविवार, 13 दिसंबर 2009

जहाँ सफल पुत्रों के पिता को मिलता है सम्मान

एकेडमिक रिसर्च सोसाइटी, उत्तर प्रदेश एक ऐसी संस्था है जो सामाजिक-शैक्षिक-सांस्कृतिक सभी क्षेत्रों में प्रायोगिक, काल्पनिक, सृजनात्मक प्रयासों को बढ़ावा दे रही है। यह सोसाइटी युवाओं पर विशेष फोकस कर रही है. इसके निदेशक श्री राम तिवारी (जो कि सैन्य-अध्ययन पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं) और एडवोकेट पवन तिवारी ने इसके कार्यक्रम में जब मुझे बुलाया, तो इसकी गतिविधियों के बारे में पता चला।
यह जानकर सुखद आश्चर्य हुआ कि तमाम गतिविधियों से परे हर वर्ष एकेडमिक रिसर्च सोसाइटी एक ऐसे पिता को सम्मानित करती है, जिसका पुत्र के विकास में विशेष योगदान हो और उनके पुत्र का राष्ट्रीय / अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष योगदान हो. सोसाइटी का मानना है कि " जो पिता अपने पुत्र को राष्ट्र चिंतन में संलग्न करता है, वो पिता संसार का सबसे सफल व्यक्ति होता है." वर्ष 2007 में यह सम्मान शहीद मेजर सलमान के पिता श्री मुश्ताक अहमद खान, 2008 में उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मलेन के पूर्व अध्यक्ष और मानस संगम, कानपुर के संयोजक डा० बद्री नारायण तिवारी जी के पिता स्वर्गीय पंडित शेष नारायण तिवारी को प्रदान किया गया. वर्ष 2009 का सम्मान स्वर्गीय शिवनारायण कटियार जी को प्रदान किया गया, जिनके सुपुत्र डा० सर्वज्ञ सिंह कटियार जाने-माने वैज्ञानिक और शिक्षाविद हैं. कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रहे डा० कटियार को पद्मश्री और पद्मविभूषण सम्मान प्राप्त हैं. वाकई इस तरह के कार्यक्रम समाज को न सिर्फ प्रेरणा देते हैं, बल्कि नई राह भी दिखाते हैं !!

11 टिप्‍पणियां:

  1. यादव जी,
    बहुत ही प्रेरणादायक जानकारी दी आपने.उस संस्था को धन्यवाद,जो इस तरह का पुरस्कार दे रही हे.मेरा सुझाव था-यदि यह पुरस्कार माता-पिता दोनों को संय़ुक्त रुप से दिया जाता-तो ऒर भी अच्छा होता.किसी पुत्र को सफल बनाने में,उसकी मां की भूमिका भी कुछ कम नहीं होती.

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  3. @ पराशर जी,
    आपकी बात से सहमत हूँ और आयोजकों तक आपकी भावना को अवश्य पहुंचा दूंगा .

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  4. waah,is baat se mujhe khushi hui,lekin isme maa ko bhi sthan milna chahiye.......kyonki safalta ki mukhya pathshala wahi hai

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  5. पुत्र की सफलता में पिता की भूमिका को पहचानना ...यह तो बहुत ही सराहनीय कदम है.
    यहाँ एक भारतीय स्कूल है जहाँ नर्सरी से के जी के सफल बच्चों की माओं को सर्टिफिकेट और सम्मान दिया जाता है.

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  6. ये तो बहुत ही अच्छा पहलु उजागर किया है आपने। मात- पिता के संस्कार ही तो बच्चों को अच्छे नागरिक बनाते हैं।

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  7. वाकई इस तरह के कार्यक्रम समाज को न सिर्फ प्रेरणा देते हैं, बल्कि नई राह भी दिखाते हैं !!

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  8. वाकई इस तरह के कार्यक्रम समाज को न सिर्फ प्रेरणा देते हैं, बल्कि नई राह भी दिखाते हैं !!

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  9. पिता के साथ माता को भी सम्मान की जरुरत है.

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  10. सुन्दर प्रयास...माँ को भी जोड़ दें तो शुभ...संस्था की कोई वेबसाइट हो तो बताएं.

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  11. माता-पिता की महिमा अपरम्पार...

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