बुधवार, 27 मई 2009

नेहरु चाचा आओ ना (पुण्य-तिथि पर)


नेहरु चाचा आओ ना
दुनिया को समझाओ ना
बच्चे कितने प्यारे होते
कोई उन्हे सताये ना

नेहरु चाचा आओ ना
मधु मुस्कान दिखाओ ना
तुम गुलाब की खुशबू हो
बचपन को महकाओ ना

नेहरु चाचा आओ ना
उजियारा फैलाओ ना
देशभक्त हों, पढें लिखें
ऐसा पाठ पढाओ ना

नेहरु चाचा आओ ना !!

17 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी27 मई, 2009

    नेहरु जी की पुण्य तिथि पर उनका पुनीत स्मरण करती भावभीनी कविता.

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  2. बेनामी27 मई, 2009

    नेहरु जी की पुण्य तिथि पर उनका पुनीत स्मरण करती भावभीनी कविता.

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  3. नेहरु चाचा आओ ना
    उजियारा फैलाओ ना
    देशभक्त हों, पढें लिखें
    ऐसा पाठ पढाओ ना
    बेहद लाजवाब और सुन्दर अभिव्यक्ति है।

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  4. बाल मन को नेहरू जी का अनुपम संदेश देती यह कविता सहज एवं रोचक है। अब इसी बाल पीढी से किसी नेहरू को निकलना है.

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  5. बहुत सुन्दर बाल कविता है। नेहरू चाचा को इस माध्यम से याद करना बहुत अच्छा लगा. श्रद्धांजलि !!

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  6. नेहरु जी की पुण्य तिथि पर बाल कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि का प्रोयाग अनूठा लगा. आखिर उनका बच्चों से हार्दिक लगाव भी तो था.

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  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  8. कविता अच्छी है और आज के दिन के सामयिक भी।

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  9. इस बाल कविता के माध्यम से आपने नेहरू चाचा की याद ताजी कर दी.

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  10. नेहरु चाचा आओ ना
    मधुमुस्कान दिखाओ ना
    तुम गुलाब कि खुशबू हो
    बचपन को महकाओ ना
    .....सार्थक और सच्ची अभिव्यक्ति है।
    नेहरु जी की पुण्य-तिथि पर श्रद्धांजलि !!

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  11. चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि !

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  12. डाकिया बाबू की तरफ से श्रद्धांजलि !!

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  13. नेहरु चाचा आओ ना
    दुनिया को समझाओ ना
    बच्चे कितने प्यारे होते
    कोई उन्हे सताये ना
    आप की कविता की यह पंक्ति मुझे बहुत बहुत अच्छी लगी ! सभी लोगों को ऐसा ही सोचना चाहिए

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