tag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post2948767459999793863..comments2024-02-11T10:36:50.218+05:30Comments on शब्द-सृजन की ओर: लघु कथा: पागल कौन/कृष्ण कुमार यादवKK Yadavhttp://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-70211296355757877232010-10-18T13:36:26.442+05:302010-10-18T13:36:26.442+05:30Bhaiya,
You really touch many hearts with your pen...Bhaiya,<br />You really touch many hearts with your pen. Above incident can be seen anywhere in everyday's life but who cares to see the details and explain the truth to unsocial society.<br /><br />Regards<br />SudhirSudhirhttps://www.blogger.com/profile/17441420939381598478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-42961829281303584552009-01-29T13:42:00.000+05:302009-01-29T13:42:00.000+05:30Nice Blog..keep it up.____________________________...Nice Blog..keep it up.<BR/>______________________________<BR/>''युवा'' ब्लॉग युवाओं से जुड़े मुद्दों पर अभिव्यक्तियों को सार्थक रूप देने के लिए है. यह ब्लॉग सभी के लिए खुला है. यदि आप भी इस ब्लॉग पर अपनी युवा-अभिव्यक्तियों को प्रकाशित करना चाहते हैं, तो amitky86@rediffmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं. आपकी अभिव्यक्तियाँ कविता, कहानी, लेख, लघुकथा, वैचारिकी, चित्र इत्यादि किसी भी रूप में हो सकती हैं.Amit Kumar Yadavhttps://www.blogger.com/profile/13738311398018201654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-13424912063595310012009-01-26T20:48:00.000+05:302009-01-26T20:48:00.000+05:30आपकी यह सारगर्भित लघु-कथा पढ कर मुझे अपना एक शेर य...आपकी यह सारगर्भित लघु-कथा पढ कर मुझे अपना एक शेर याद आ रहा है:<BR/><BR/><BR/>"आदमी व्यवहार में आदिम ही दिखता है अभी<BR/> <BR/>यूँ तो दुनिया सभी आदिम प्रथाओं के ख़िलाफ़ "<BR/> <BR/>मुठ्ठियाँ भिंच गईं पढकर.<BR/>दहलाने वाली प्रस्तुति.<BR/><BR/>लेकिन दरिन्दे दरिन्दे होते हैं, उन्हें पागल क्यों कहा जाए? पागल तो लाचार होता है. लेकिन दरिन्दा लाचार नहीं होता.इस लिए मेरा विनम्र सुझाव है कि शीर्षक पर फिर सोचें.<BR/><BR/><BR/> द्विजेन्द्र द्विज<BR/><BR/> www.dwijendradwij.blogspot.comद्विजेन्द्र ‘द्विज’https://www.blogger.com/profile/16379129109381376790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-12683167525993658652009-01-26T17:57:00.000+05:302009-01-26T17:57:00.000+05:3060 वें गणतंत्र दिवस के पावन-पर्व पर आपको ढेरों शुभ...60 वें गणतंत्र दिवस के पावन-पर्व पर आपको ढेरों शुभकामनायें !! ''शब्द-शिखर'' पर ''लोक चेतना में स्वाधीनता की लय" के माध्यम से इसे महसूस करें और अपनी राय दें !!!Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-17166370763696161622009-01-26T17:07:00.000+05:302009-01-26T17:07:00.000+05:3060 वें गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनायें !!60 वें गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनायें !!www.dakbabu.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/04376997074873178876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-47097420184412111082009-01-26T16:48:00.000+05:302009-01-26T16:48:00.000+05:30प्रोत्साहन रूपी टिप्पणियों के लिए आप सभी का आभार !...प्रोत्साहन रूपी टिप्पणियों के लिए आप सभी का आभार !!KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-32761420292693334202009-01-26T16:47:00.000+05:302009-01-26T16:47:00.000+05:30रश्मि जी ! धन्यवाद.रश्मि जी ! धन्यवाद.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-71712468419910178012009-01-24T08:12:00.000+05:302009-01-24T08:12:00.000+05:30कृष्ण कुमार जी! आपकी रचनाधर्मिता पर देहरादून से प्...कृष्ण कुमार जी! आपकी रचनाधर्मिता पर देहरादून से प्रकाशित ''नवोदित स्वर'' के 19 january अंक में प्रकाशित लेख "चरित्र की ध्वनि शब्द से ऊँची होती है " पढ़कर अभिभूत हूँ....अल्पायु में ही पत्र-पत्रिकाएं आप पर लेख प्रकाशित कर रहें हैं, गौरव का विषय है !! आपकी हर रचना सोचने को विवश कर देती है.हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature Worldhttps://www.blogger.com/profile/03921573071803133325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-18754326968923777032009-01-24T07:49:00.000+05:302009-01-24T07:49:00.000+05:30इस लघुकथा के मर्म को समझते हुए यदि कोई एक व्यक्ति ...इस लघुकथा के मर्म को समझते हुए यदि कोई एक व्यक्ति भी वास्तव में आपने में परिवर्तन ला सका तो इसकी सार्थकता होगी.हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature Worldhttps://www.blogger.com/profile/03921573071803133325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-17912160228980675202009-01-24T07:38:00.000+05:302009-01-24T07:38:00.000+05:30इस लघु-कथा को पढ़कर मैं इतना भाव-विव्हल हो गया हूँ...इस लघु-कथा को पढ़कर मैं इतना भाव-विव्हल हो गया हूँ कि शब्दों में बयां नहीं कर सकता.Amit Kumar Yadavhttps://www.blogger.com/profile/13738311398018201654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-6979575230129372962009-01-24T07:22:00.000+05:302009-01-24T07:22:00.000+05:30कम शब्दों में यह लघुकथा उस सच को बयां करती है, जिस...कम शब्दों में यह लघुकथा उस सच को बयां करती है, जिसे जानते हुए भी तथाकथित सभ्य समाज नजरें चुराता है. कृष्ण कुमार जी की लेखनी की धार नित तेज होती जा रही है...साधुवाद स्वीकारें !!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-33674236783021259062009-01-24T07:18:00.000+05:302009-01-24T07:18:00.000+05:30लाजवाब है यह प्रस्तुति.लाजवाब है यह प्रस्तुति.Ram Shiv Murti Yadavhttps://www.blogger.com/profile/14132527541648964036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-24578023070960647292009-01-24T06:49:00.000+05:302009-01-24T06:49:00.000+05:30समाज की मानसिकता पर चोट करती अद्भुत लघुकथा.समाज की मानसिकता पर चोट करती अद्भुत लघुकथा.Bhanwar Singhhttps://www.blogger.com/profile/15075816337973720075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-82464149797669230882009-01-24T06:26:00.000+05:302009-01-24T06:26:00.000+05:30उसके बगल से जितने लोग गुजरते, उतनी बातें करते। कोई...उसके बगल से जितने लोग गुजरते, उतनी बातें करते। कोई कहता बेचारी सताई हुयी है तो कोई उसे पागल बताता.....आज के दौर में एक सार्थक लघु कथा. के.के. जी को बधाई !!Dr. Brajesh Swaroophttps://www.blogger.com/profile/17791749899067207963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-42644534971049345982009-01-23T21:28:00.000+05:302009-01-23T21:28:00.000+05:30Badi marmsparshi laghu-katha hai..!!Badi marmsparshi laghu-katha hai..!!Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-50829315566895861802009-01-22T02:16:00.000+05:302009-01-22T02:16:00.000+05:30बहुत बढ़िया लघुकथा। सचमुच मानवता का का तिरस्कार हो ...बहुत बढ़िया लघुकथा। सचमुच मानवता का का तिरस्कार हो रहा है और फिर बलात्कार और अंत में हत्या। अच्छी कहानी के लिए शुभकामनाएँPrakash Badalhttps://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-3722025021996883842009-01-20T17:39:00.000+05:302009-01-20T17:39:00.000+05:30कोई नहीं सोचता कि कौन है वास्तव में पागल- हवस की श...कोई नहीं सोचता कि कौन है वास्तव में पागल- हवस की शिकार वह अधनंगी लड़की या वे जिन्होंने उसे नंगा करके मानवता को नंगा कर दिया?....कचोटती हैं ये पंक्तियां. यही तो लघुकथा की जान है.www.dakbabu.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/04376997074873178876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-32574806581182228622009-01-20T17:34:00.000+05:302009-01-20T17:34:00.000+05:30बड़ी सारगर्भित लघु-कथा है. सीधे दिल पर चोट करती है...बड़ी सारगर्भित लघु-कथा है. सीधे दिल पर चोट करती है.Anonymousnoreply@blogger.com