tag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post8117003006667240236..comments2024-02-11T10:36:50.218+05:30Comments on शब्द-सृजन की ओर: अहसास की संजीदगी बरकरार है पत्रों मेंKK Yadavhttp://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-61963157980404280722010-10-16T20:24:22.212+05:302010-10-16T20:24:22.212+05:30सही है ...पर लगता है कि अब पत्र लेखन हर आदमी के ब...सही है ...पर लगता है कि अब पत्र लेखन हर आदमी के बस की बात नहीं रहेगी ?प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-77782311207101115132010-10-11T23:51:46.326+05:302010-10-11T23:51:46.326+05:30शानदार आलेख, जानदार जानकारी और एक ईमानदार प्रस्तुत...शानदार आलेख, जानदार जानकारी और एक ईमानदार प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई और धन्यवाद.मेरे ब्लॉग पर आने का भी हार्दिक आभार.Swarajya karunhttps://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-28765972731122399312010-10-11T10:31:53.069+05:302010-10-11T10:31:53.069+05:30@ प्रवीन जी,
..तभी तो संवेदनाएं भी सिमट गई हैं.@ प्रवीन जी,<br /><br />..तभी तो संवेदनाएं भी सिमट गई हैं.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-88684404060844182482010-10-11T09:45:33.759+05:302010-10-11T09:45:33.759+05:30अब तो दुनिया मोबाइल व ईमेल में सिमट कर रह गयी है।अब तो दुनिया मोबाइल व ईमेल में सिमट कर रह गयी है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-2946712030610655082010-10-10T15:57:16.975+05:302010-10-10T15:57:16.975+05:30पत्र अगर किसी खास के हों तो सम्बन्धों की पवित्र गो...पत्र अगर किसी खास के हों तो सम्बन्धों की पवित्र गोपनीयता की रक्षा करते हुए उसे छिप-छिप कर बार-बार पढ़ना व्यक्ति को ऐसे उत्साह व ऊर्जा से भर देता है, जहाँ से उसके कदम जमीं पर नहीं होते...Bahut sahi likha.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-23639590556713790792010-10-10T13:34:46.455+05:302010-10-10T13:34:46.455+05:30अब तो मैं भी पत्र लिखुन्गीं...अब तो मैं भी पत्र लिखुन्गीं...Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-45775933091761335082010-10-09T19:24:57.321+05:302010-10-09T19:24:57.321+05:30बहुत उम्दा आलेख...हस्तलिखित पत्रों की याद इस पीढ़ी...बहुत उम्दा आलेख...हस्तलिखित पत्रों की याद इस पीढ़ी को तो रहेगी ही कम से कम...<br /><br /><br />विश्व डाक दिवस की शुभकामनायें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-3119801666137730072010-10-09T15:59:34.936+05:302010-10-09T15:59:34.936+05:30बहुत अच्छी जानकारी दी आप ने. पल भर के लिये ही सही ...बहुत अच्छी जानकारी दी आप ने. पल भर के लिये ही सही पत्रों की दुनिया में वसपस लाने के लिये आभार.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-23005082673284234662010-10-09T14:53:42.527+05:302010-10-09T14:53:42.527+05:30@ Ghazi ji,
धन्यवाद. आपकी हौसला अफजाई संबल देती ह...@ Ghazi ji,<br /><br />धन्यवाद. आपकी हौसला अफजाई संबल देती है.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-66288332662588406972010-10-09T14:53:25.643+05:302010-10-09T14:53:25.643+05:30@ Raghav,
@ Sharad,
विश्व डाक दिवस पर प्रस्तुत यह...@ Raghav,<br />@ Sharad,<br /><br />विश्व डाक दिवस पर प्रस्तुत यह लेख आपको अपील करता है...आपने इसे सराहा अच्छा लगा. आभार.विश्व डाक दिवस की शुभकामनायें.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-89659474589218892922010-10-09T14:52:49.240+05:302010-10-09T14:52:49.240+05:30@ Tushar ji,
@ Bhatiya ji,
...आपने लेख में व्यक्त...@ Tushar ji,<br />@ Bhatiya ji,<br /><br />...आपने लेख में व्यक्त संवेदनाओं को पसंद किया..आभार.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-7340049633525955502010-10-09T14:32:25.002+05:302010-10-09T14:32:25.002+05:30के. के. यादव साहब,
पत्रों में जो संवेदना है, वह ...के. के. यादव साहब, <br /><br />पत्रों में जो संवेदना है, वह अन्यत्र नहीं. आप तो खुद साहित्यकार हैं, पत्रों और संवेदना के रिश्तों से परिचित हैं. डाक दिवस के दिन बड़ी वैचारिक और तथ्यपरक पोस्ट लिखी आपने..मुबारकवाद.editor : guftguhttps://www.blogger.com/profile/05292812872036055367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-52931063376751724142010-10-09T14:02:24.499+05:302010-10-09T14:02:24.499+05:30विश्व डाक दिवस की शुभकामनायें.विश्व डाक दिवस की शुभकामनायें.शरद कुमारhttps://www.blogger.com/profile/17958271927414459178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-66266828049856534752010-10-09T14:02:10.470+05:302010-10-09T14:02:10.470+05:30यह सही है कि संचार क्रान्ति ने चिठ्ठियों की संस्कृ...यह सही है कि संचार क्रान्ति ने चिठ्ठियों की संस्कृति को खत्म करने का प्रयास किया है और पूरी दुनिया को बहुत करीब ला दिया है। पर इसका एक पहलू यह भी है कि इसने दिलों की दूरियाँ इतनी बढ़ा दी हैं कि बिल्कुल पास में रहने वाले अपने इष्ट मित्रों और रिश्तेदारों की भी लोग खोज-खबर नहीं रखते...सटीक विश्लेषण.शरद कुमारhttps://www.blogger.com/profile/17958271927414459178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-13277163372399516602010-10-09T13:41:37.973+05:302010-10-09T13:41:37.973+05:30लिक्खा था अपने हाथों से जो तुमने एक बार।
अब तक हमा...लिक्खा था अपने हाथों से जो तुमने एक बार।<br />अब तक हमारे पास है वो यादगार खत ।।<br /><br />....पत्रों का अहसास जीवंत हो गया....बहुत शानदार पोस्ट.raghavhttps://www.blogger.com/profile/02798957175847280091noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-37277733419286201332010-10-09T13:41:19.470+05:302010-10-09T13:41:19.470+05:30लिक्खा था अपने हाथों से जो तुमने एक बार।
अब तक हमा...लिक्खा था अपने हाथों से जो तुमने एक बार।<br />अब तक हमारे पास है वो यादगार खत ।।<br /><br />....पत्रों का अहसास जीवंत हो गया....बहुत शानदार पोस्ट.raghavhttps://www.blogger.com/profile/02798957175847280091noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-25391081988108925642010-10-09T13:40:55.510+05:302010-10-09T13:40:55.510+05:30विश्व डाक दिवस की शुभकामनायें.विश्व डाक दिवस की शुभकामनायें.raghavhttps://www.blogger.com/profile/02798957175847280091noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-86441132315513896002010-10-09T13:32:02.312+05:302010-10-09T13:32:02.312+05:30वाह बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने प्त्रो के बारे, धन...वाह बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने प्त्रो के बारे, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-27958157963015035822010-10-09T11:56:49.350+05:302010-10-09T11:56:49.350+05:30patron ki duniyan aur samvedana adbhut hoti hai le...patron ki duniyan aur samvedana adbhut hoti hai lekh bahut sundar hai badhaiजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.com