tag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post5944135329357896201..comments2024-02-11T10:36:50.218+05:30Comments on शब्द-सृजन की ओर: प्रेयसीKK Yadavhttp://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-56335448570415446922010-11-18T09:47:01.477+05:302010-11-18T09:47:01.477+05:30आपकी प्रेयसी कविता पढ़कर सुखद लगा. जिस शालीनता के ...आपकी प्रेयसी कविता पढ़कर सुखद लगा. जिस शालीनता के साथ अपने शब्दों का खूबसूरती से इस्तेमाल किया है , उसके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. मैंने बहुत सी कवितायेँ पढ़ी हैं, पर आपकी कविता में जो कशिश है वह एक अजीब से अहसास से भर देतीं है....आप यूँ ही लिखतें रहें, ढेर सारी बधाइयाँ !!Shahrozhttps://www.blogger.com/profile/09298590445316914641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-8723073432763189112010-11-18T09:44:24.750+05:302010-11-18T09:44:24.750+05:30गहरी साँसों के बीच
उठती-गिरती धड़कनें
खामोश हो जाती...गहरी साँसों के बीच<br />उठती-गिरती धड़कनें<br />खामोश हो जाती हैं<br />और मिलने लगती हैं आत्मायें<br />मानो जन्म-जन्म की प्यासी हों।<br /><br />....भाई के.के. जी, क्या खूब लिखा है आपने. एक-एक शब्द मानो दिल में उतरते जाते हैं.Dr. Brajesh Swaroophttps://www.blogger.com/profile/17791749899067207963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-41162879173809582002008-12-24T19:35:00.000+05:302008-12-24T19:35:00.000+05:30बेहद सुंदर कविता।बेहद सुंदर कविता।www.dakbabu.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/04376997074873178876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-86597153884531009452008-12-14T14:29:00.000+05:302008-12-14T14:29:00.000+05:30छोड़ देता हूँ निढालअपने को उसकी बाँहों मेंबालों में...छोड़ देता हूँ निढाल<BR/>अपने को उसकी बाँहों में<BR/>बालों में अंगुलियाँ फिराते-फिराते<BR/>हर लिया है हर कष्ट को उसने।<BR/>.......सहज भाषा..सार्थक बात...सुन्दर प्रस्तुति.Amit Kumar Yadavhttps://www.blogger.com/profile/13738311398018201654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-20106647680048570112008-12-08T18:57:00.000+05:302008-12-08T18:57:00.000+05:30लाजवाब और भावपूर्ण प्रस्तुति.लाजवाब और भावपूर्ण प्रस्तुति.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-66514085611579756172008-10-06T11:25:00.000+05:302008-10-06T11:25:00.000+05:30प्रेयसी को इतने सुन्दर शब्दों में ढालने के लिए आपक...प्रेयसी को इतने सुन्दर शब्दों में ढालने के लिए आपको साधुवाद.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-81692455777717150932008-10-06T11:23:00.000+05:302008-10-06T11:23:00.000+05:30प्रेयसी कविता पर कुछ कमेन्ट करने की बजाय यही कहूँग...प्रेयसी कविता पर कुछ कमेन्ट करने की बजाय यही कहूँगा कि यह एहसास करने वाली भावना है. जिस रूप में अपने इसे शब्दों में पिरोया है, वह सिर्फ महसूस की जा सकती है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-87258951881933198782008-10-06T11:22:00.000+05:302008-10-06T11:22:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature Worldhttps://www.blogger.com/profile/03921573071803133325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-18919893986549446442008-09-23T14:31:00.000+05:302008-09-23T14:31:00.000+05:30badi sundar anubhuti hai...!!badi sundar anubhuti hai...!!Dr. Brajesh Swaroophttps://www.blogger.com/profile/17791749899067207963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-60102343748035077102008-09-22T23:24:00.000+05:302008-09-22T23:24:00.000+05:30बहुत बढिया लिखा है-एक शिशु की तरहसिमटा जा रहा हूँउ...बहुत बढिया लिखा है-<BR/><BR/>एक शिशु की तरह<BR/>सिमटा जा रहा हूँ<BR/>उसकी जकड़न में<BR/>कुछ देर बाद<BR/>ख़त्म हो जाता है<BR/>द्वैत का भाव।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com