tag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post3040128742357587980..comments2024-02-11T10:36:50.218+05:30Comments on शब्द-सृजन की ओर: कथा चक्र : साहित्य में 'लघु-कथा' को प्रभावशाली विधा के रूप में प्रतिष्ठित करता 'सरस्वती-सुमन' का कृष्ण कुमार यादव द्वारा सम्पादित विशेषांकKK Yadavhttp://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-54327843592557559182011-10-21T13:30:21.510+05:302011-10-21T13:30:21.510+05:30सरस्वती सुमन का यह अंक रचनाओं की बुनावट तथा कसावट ...सरस्वती सुमन का यह अंक रचनाओं की बुनावट तथा कसावट के कारण पाठकों को आकर्षित करता है। इसके साथ ही नए लघुकथाकारों को लघुकथा विधा से परिचित कराने के साथ साथ उन्हें लघुकथा लिखने के लिए प्रेरित करता है।<br /><br />________<br /><br />..अखिलेश शुक्ल जी ने बड़े मनोयोग से समीक्षा की है...हार्दिक बधाइयाँ. अब हम भी कुछ सीख सकेंगें.Dr. Brajesh Swaroophttps://www.blogger.com/profile/17791749899067207963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-62927394713058552392011-10-21T12:36:07.194+05:302011-10-21T12:36:07.194+05:30कृष्ण जी, आपके कुशल संपादन में यह अंक तो वाकई अद्भ...कृष्ण जी, आपके कुशल संपादन में यह अंक तो वाकई अद्भुत बन पड़ा है. वैसे कई लोगों को यह पच भी नहीं रहा है. इतना सशक्त विशेषांक देखकर कुछेक तथाकथित महानुभावों का हाजमा ख़राब हो रहा है. खैर, यही तो बड़ाई है.मन-मयूरhttps://www.blogger.com/profile/17368103957948539533noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-6059667778170737032011-10-17T13:14:58.708+05:302011-10-17T13:14:58.708+05:30लघु-कथा के इस अनुपम विशेषांक में मेरी लघु-कथाओं को...लघु-कथा के इस अनुपम विशेषांक में मेरी लघु-कथाओं को स्थान देने के लिए के.के. सर जी का आभारी हूँ.S R Bhartihttps://www.blogger.com/profile/16535000568157262183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-29222833345713086892011-10-17T13:13:48.253+05:302011-10-17T13:13:48.253+05:30ऐतिहासिक अंक बन पड़ा है. अब तक इससे विशाल लघु-कथा ...ऐतिहासिक अंक बन पड़ा है. अब तक इससे विशाल लघु-कथा अंक हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में नहीं दिखा.. के.के. सर जी को बधाई.S R Bhartihttps://www.blogger.com/profile/16535000568157262183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-79832548562922802722011-10-14T16:13:23.655+05:302011-10-14T16:13:23.655+05:30शानदार समीक्षा..कुछेक प्रतियाँ बची हों तो भिजवाएं....शानदार समीक्षा..कुछेक प्रतियाँ बची हों तो भिजवाएं. हमारे यहाँ से ख़त्म हो गईं.Amit Kumar Yadavhttps://www.blogger.com/profile/13738311398018201654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-90543856322653838652011-10-14T10:46:49.243+05:302011-10-14T10:46:49.243+05:30कृष्ण कुमार जी ने इस अंक को ऐतिहासिक बनाने के लिए ...कृष्ण कुमार जी ने इस अंक को ऐतिहासिक बनाने के लिए काफी श्रम किया है. वाकई इस अंक के माध्यम से वे लघुकथा विधा की चर्चा करते हुए उसे साहित्य में एक नवीन व प्रभावशाली विधा के रूप में प्रतिष्ठित करते दिखाई देते हैं।..खूबसूरत समीक्षा..बधाई.Shyamahttps://www.blogger.com/profile/15780650583480468092noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-16326625095935737472011-10-12T17:44:01.593+05:302011-10-12T17:44:01.593+05:30हमने भी पढ़ा...शानदार अंक..बधाई.हमने भी पढ़ा...शानदार अंक..बधाई.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-60571470800692140462011-10-12T17:43:46.292+05:302011-10-12T17:43:46.292+05:30हमने भी पढ़ा...शानदार अंक..बधाई.हमने भी पढ़ा...शानदार अंक..बधाई.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-9668089941808349072011-10-11T18:38:03.366+05:302011-10-11T18:38:03.366+05:30बधाई हो, पढ़ने को कहाँ मिलेगी?बधाई हो, पढ़ने को कहाँ मिलेगी?प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1274878353190056766.post-66873458776382930512011-10-11T17:54:50.142+05:302011-10-11T17:54:50.142+05:30बहुत ही खुबसूरत प्रस्तुति ||
बधाई बंधुवर ||बहुत ही खुबसूरत प्रस्तुति ||<br />बधाई बंधुवर ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com