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बुधवार, 5 जून 2013

पर्यावरण - हाइकु


1-
पर्यावरण
सुरक्षित रहेगा
संपन्न धरा।

2-
काटिये नहीं
हरे-भरे वृक्षों को
जीवन देंगे।

3-
दूषित वायु
घटता जलस्तर
बढ़ता शोर।

4-
पिघले हिम
ये ग्लोबल वार्मिंग
बढ़ता ताप।

5-
कटते पेड़
फैलता रेगिस्तान
जीवन त्रस्त।

6-
पौधे रोपिए
उर्वरता बचाएं
समृद्ध धरा।

7-
स्वच्छ जल
नदियाँ अविरल
टले संकट।

8-
पर्यावरण
हो सतत् विकास
यही संकल्प।

                                                                  -कृष्ण कुमार यादव-



प्रकृति का सामीप्य तो हमें खूब भाता है। आज विश्व पर्यावरण दिवस है। प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण बेहद जरुरी है। सोचिए, यदि हमारे आस-पास पेड़-पौधे न हों, मुस्कुराते फूल न हों, चिड़ियों की चहचहाहट न हो, भिन्न-भिन्न ऋतुएं न हों ......तो सब कुछ कितना सूना लगेगा। सो, अभी भी देर नहीं हुई है। यदि पहले से संजीदगी न रही हो तो अभी से शुरुआत कर लें !!